Category: Baby food Recipes
By: Salan Khalkho | ☺6 min read
सब्जियौं में ढेरों पोषक तत्त्व होते हैं जो बच्चे के अच्छे मानसिक और शारीर विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब शिशु छेह महीने का हो जाये तो आप उसे सब्जियों की प्यूरी बना के देना प्रारंभ कर सकती हैं। सब्जियों की प्यूरी हलकी होती है और आसानी से पच जाती है।

सोचिये!
अगर आप का शिशु बड़ा हो के सब्जियौं को खाने में आना कानी करे - तो?
सब्जियां तो आप जानती ही हैं की कितनी पौष्टिक होती है।
बच्चों के अच्छे विकास में मौसमी सब्जियां बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मगर जरुरी नहीं की आप का लाडला बड़ा हो के सब्जियौं को खाना पसंद करे।
पढ़े: 29 शिशु आहार जो बनाने में आसान
एक शोध में यह तथ्य सामने आया की जो बच्चे शुरुआती दिनों से सब्जियौं को खाने लगे वे आहार को ले के कम आना-कानी करते हैं।
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लेकिन जिन बच्चों को शुरुआती दिनों से ही सब्जियौं को खाने के लिए नहीं दिया गया, वे बच्चे बड़े हो के सब्जियौं को खाना उतना पसंद नहीं करते थे।
तो,
अगर आप चाहती हैं की आप का बच्चा भी बड़ा हो के - बिना नखरा किये सब्जियौं को खा ले तो आप उसे शुरू से ही सब्जियौं को खाने का आदत डालिए।
सब्जियों की प्यूरी केवल स्वादिष्ट ही नहीं वरन पौष्टिक भी बहुत होती है।
Vitamin E शरीर में कोशिकाओं को सुरक्षित रखने का काम करता है यही वजह है कि अगर आप गर्भवती हैं तो आपको अपने भोजन में ऐसे आहार को सम्मिलित करने पड़ेंगे जिनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन इ (Vitamin E ) होता है। इस तरह से आपको गर्भावस्था के दौरान अलग से विटामिन ई की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
UHT milk को अगर ना खोला कए तो यह साधारण कमरे के तापमान पे छेह महीनो तक सुरक्षित रहता है। यह इतने दिनों तक इस लिए सुरक्षित रह पता है क्योंकि इसे 135ºC (275°F) तापमान पे 2 से 4 सेकंड तक रखा जाता है जिससे की इसमें मौजूद सभी प्रकार के हानिकारक जीवाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। फिर इन्हें इस तरह से एक विशेष प्रकार पे पैकिंग में पैक किया जाता है जिससे की दुबारा किसी भी तरह से कोई जीवाणु अंदर प्रवेश नहीं कर पाए। इसी वजह से अगर आप इसे ना खोले तो यह छेह महीनो तक भी सुरक्षित रहता है।
हर 100 में से एक शिशु बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) विकार से प्रभावित होता है। बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) से पीड़ित शिशु में आप दो प्रकार का व्यवहार पाएंगे एक अत्यधिक आत्मविश्वासी वाला और दूसरा अत्यधिक हताश की स्थिति वाला।
विटामिन डी की कमी से शिशु का शारीर कई प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकता है। शिशु का शारीरिक विकास भी रुक सकता है। इसीलिए जरुरी है की शिशु के शारीर को पर्याप्त मात्र में विटामिन डी मिले। जब बच्चे बाहर धूप में खेलते हैं और कई प्रकार के पौष्टिक आहार ओं को अपने भोजन में सम्मिलित करते हैं तो उन के शरीर की विटामिन डी की आवश्यकता पूरी हो जाती है साथ ही उनकी शरीर को और भी अन्य जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं जो शिशु को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।
गर्भावस्था के दौरान अपच का होना आम बात है। लेकिन प्रेगनेंसी में (बिना सोचे समझे) अपच की की दावा लेना हानिकारक हो सकता है। इस लेख में आप पढ़ेंगी की गर्भावस्था के दौरान अपच क्योँ होता है और आप घरेलु तरीके से अपच की समस्या को कैसे हल कर सकती हैं। आप ये भी पढ़ेंगी की अपच की दावा (antacids) खाते वक्त आप को क्या सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
गर्भावस्था के दौरान बालों का झाड़ना एक बेहद आम बात है। ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। लेकिन खान-पान मे और जीवन शैली में छोटे-मोटे बदलाव लाकर के आप अपने बालों को कमजोर होने से और टूटने/गिरने से बचा सकती हैं।
गर्भवती महिला में उल्टी और मतली का आना डोक्टर अच्छा संकेत मानते हैं। इसे मोर्निंग सिकनेस भी कहते हैं और इसकी वजह है स्त्री के शारीर में प्रेगनेंसी हॉर्मोन (hCG) का बनना। जाने क्योँ जरुरी है गर्भावस्था में उल्टी और मतली के लक्षण और इसके ना होने से गर्भावस्था को क्या नुक्सान पहुँच सकता है।
सभी बचों का विकास दर एक सामान नहीं होता है। यही वजह है की जहाँ कुछ बच्चे ढाई साल का होते होते बहुत बोलना शुरू कर देते हैं, वहीँ कुछ बच्चे बोलने मैं बहुत समय लेते हैं। इसका मतलब ये नहीं है की जो बच्चे बोलने में ज्यादा समय लेते हैं वो दिमागी रूप से कमजोर हैं, बल्कि इसका मतलब सिर्फ इतना है की उन्हें शारीरिक रूप से तयार होने में थोड़े और समय की जरूरत है और फिर आप का भी बच्चा दुसरे बच्चों की तरह हर प्रकार की छमता में सामान्य हो जायेगा।आप शिशु के बोलने की प्रक्रिया को आसन घरेलु उपचार के दुवारा तेज़ कर सकती हैं।
गाए के दूध से मिले देशी घी का इस्तेमाल भारत में सदियौं से होता आ रहा है। स्वस्थ वर्धक गुणों के साथ-साथ इसमें औषधीय गुण भी हैं। यह बच्चों के लिए विशेष लाभकारी है। अगर आप के बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है, तो देशी घी शिशु का वजन बढ़ाने की अचूक दावा भी है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे शिशु को देशी घी खिलने के 7 फाएदों के बारे में।
जिस शिशु का BMI 85 से 94 परसेंटाइल (percentile) के बीच होता है, उसका वजन अधिक माना जाता है। या तो शिशु में body fat ज्यादा है या lean body mass ज्यादा है। स्वस्थ के दृष्टि से शिशु का BMI अगर 5 से 85 परसेंटाइल (percentile) के बीच हो तो ठीक माना जाता है। शिशु का BMI अगर 5 परसेंटाइल (percentile) या कम हो तो इसका मतलब शिशु का वजन कम है।
नौ महीने पुरे कर समय पे जन्म लेने वाले नवजात शिशु का आदर्श वजन 2.7 kg - से लेकर - 4.1 kg तक होना चाहिए। तथा शिशु का औसतन शिशु का वजन 3.5 kg होता है। यह इस बात पे निर्भर करता है की शिशु के माँ-बाप की लम्बाई और कद-काठी क्या है।
शिशु को डेढ़ माह (six weeks) की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कई प्रकार के खतरनाक बिमारिओं से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
अगर आप किसी भी कारण से अंगूर का छिलका उतरना चाहते हैं, तो इसका एक आसन और नायब तरीका है जिसके मदद से आप झट से ढेरों अंगूर के छिलकों को निकल सकते हैं| अब आप बिना समस्या के आसानी से अंगूर का छिलका उत्तार सकेंगे|
मछली में omega-3 fatty acids होता है जो बढ़ते बच्चे के दिमाग के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है| ये बच्चे के nervous system को भी मजबूत बनता है| मछली में प्रोटीन भी भरपूर होता है जो बच्चे के मांसपेशियोँ के बनने में मदद करता है और बच्चे को तंदरुस्त और मजबूत बनता है|शिशु आहार - baby food
दो साल के बच्चे के लिए शाकाहारी आहार सारणी (vegetarian Indian food chart) जिसे आप आसानी से घर पर बना सकती हैं। अगर आप सोच रही हैं की दो साल के बच्चे को baby food में क्या vegetarian Indian food, तो समझिये की यह लेख आप के लिए ही है। संतुलित आहार चार्ट
न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन (Knjugeted pneumococcal vaccine in Hindi) - हिंदी, - न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
कैसे बनाये अपने नन्हे शिशु के लिए घर में ही rice cerelac (Homemade cerelac)। घर का बना सेरेलेक (Home Made Cerelac for Babies) के हैं ढेरों फायेदे। बाजार निर्मित सेरेलक के साइड इफेक्ट हैं बहुत जिनके बारे में आप पढेंगे इस लेख मैं।
Porridge made of pulses and vegetables for children is deliciously tasty which children will love eating and is also nutritionally rich for their developing body. पौष्टिक दाल और सब्जी वाली बच्चों की खिचड़ी बच्चों को बहुत पसंद आएगी और उनके बढ़ते शरीर के लिए भी अच्छी है
छोटे बच्चों के लिए शहद के कई गुण हैं। शहद बच्चों को लम्बे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है। शदह मैं पाए जाने वाले विटामिन और मिनिरल जखम को जल्द भरने में मदद करते है, लिवर की रक्षा करते हैं और सर्दियों से बचते हैं।
टाइफाइड वैक्सीन का वैक्सीन आप के शिशु को टाइफाइड के बीमारी से बचता है। टाइफाइड का वैक्सीन मुख्यता दो तरह से उपलबध है। पहला है Ty21a - यह लाइव वैक्सीन जिसे मुख के रस्ते दिया जाता है। दूसरा है Vi capsular polysaccharide vaccine - इसे इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता है। टाइफाइड वैक्सीन का वैक्सीन पहले दो सालों में 30 से 70 प्रतिशत तक कारगर है।