Category: स्वस्थ शरीर
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
सोते समय शरीर अपनी मरमत (repair) करता है, नई उत्तकों और कोशिकाओं का निर्माण करता है, दिमाग में नई brain synapses का निर्माण करता है - जिससे बच्चे का दिमाग प्रखर बनता है।
शिशु के लिए नींद एक दवा है
यह तो आप जानती ही हैं!
की एक बच्चे के लिए नींद कितना जरुरी है
इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकती हैं
की जब बच्चे का नींद पूरा नहीं होती है तो उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है, वो खेलना बंद कर देता है, खाना नहीं खाता है और चिड़चिड़ा हो जाता है।
मगर,
क्या आप जानती हैं?
की बच्चे की नींद उसके अच्छी सेहत और उसके स्वस्थ विकास के लिए भी जरुरी है?
बच्चों का विकास - सिर्फ पोषक तत्त्व और खेल कूद से ही नहीं होता है वरन, उसके शारीरिक और दिमागी विकास के लिए भी शिशु की नींद एक महत्वपूर्ण दवा का काम करती है। खेलते समय लगे चोट को भी शारीर नींद की अवस्था में भरता है।
लेकिन,
नींद दवा का काम तब करती है जब शिशु को उत्तम गुणवत्ता की नींद मिलता है।
यह उत्तम गुणवत्ता की नींद क्या होती है।
उत्तम गुणवत्ता की नींद - बच्चों और बड़ों में नींद की वह अवस्था है जिसे REM (random eye movement) कहते हैं। यह बहुत गहरी नींद वाली अवस्था है।
इस अवस्था में शरीर अपनी मरमत (repair) करता है, नई उत्तकों और कोशिकाओं का निर्माण करता है, दिमाग में नई brain synapses का निर्माण करता है - जिससे बच्चे का दिमाग प्रखर बनता है।
British Medical Journal में छपे एक शोध के अनुसार जो बच्चे तीन साल तक की उम्र में हर-दिन एक निश्चित समय पे नहीं सोते हैं (irregular bedtimes) उन बच्चों की यह दिनचर्या उनके reading, math skills and spatial awareness सम्बंधित योग्यता को प्रभावित करता है। ऐसे बच्चे पढ़ाई में बाकि बच्चों से पीछे छूट जाते हैं। बच्चों के दिनचर्या को निर्धारित करने के फायदे बहुत सारे फायेदे हैं।
अगर आप अपने बच्चे के लिए एक निश्चित दिनचर्या का पालन करती हैं, तो आप का बच्चा हर दिन सोने के समय पे आसानी से तुरन्त सो सकेगा।।
एक दूसरे शोध में यह बात सामने आयी हैं की आप अपने बच्चे को कहाँ सुलाती हैं, इसका भी असर आप के बच्चे के विकास पे पड़ता है। उदहारण के तौर पे बहुत से लोग अपने बच्चे को दूसरे कमरे में सुलाते हैं। कुछ लोग तो बच्चे के जन्म के एक हफ्ते के बाद से ही अलग कमरे में सुलाने लगते हैं। इसका असर बच्चे के विकास पे पड़ता है। ऐसे माँ-बाप को खुद ही सोचना चाहिए की एक नन्हे से बच्चे को दूसरे कमरे में अकेले सुलाना कहाँ तक नैतिकता है।
ठीक इसी का उल्टा वह स्थिति है जब कुछ माँ-बाप अपने बच्चे के बड़े होने तक अपने साथ सुलाते हैं।
चलिए विस्तार से देखते हैं की एक अच्छी सी नींद बच्चे के परवरिश और उसके शरीरीर और बौद्धिक विकास में किस तरह योगदान देता है।
बचपन में अच्छी नींद बच्चे के कद काठी को बढ़ाने में मदद करता है। जब बच्चा गहरी नींद में सोता है तो उसका शरीर वह हार्मोन बनाता है जो बच्चे की शारीरिक लम्बाई बढ़ाने में मदद करता है। यह हॉर्मोन बच्चे को स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।
बच्चे जितना सोये उतना अच्छा है। बच्चा जितना ज्यादा छोटा है, उसे उतना ज्यादा सोने की आवश्यकता है। क्या आप जानती है की आप के बच्चे की उम्र के अनुसार उसे कितना सोने की आवश्यकता है। बच्चा जितना सोता है उसका दिमागी विकास उतना ज्यादा होता है। ठीक इसी का उल्टा वह स्थिति है जब बच्चे को पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं मिलता है। अगर बच्चे को समुचित मात्रा मैं नींद नहीं मिले तो उसका दिमागी विकास प्रभावित हो सकता है। कम नींद बच्चे के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की विकास को प्रभावित करता है। ऐसे बच्चों का केंद्रीय तंत्रिका तंत्र - दुसरे बच्चों के मुकाबले कम विकसित होता है।
आप का बच्चा जितना ज्यादा सोयेगा, वो उतना ज्यादा स्वस्थ और तंदरूस्त बनेगा। अपने बच्चे को जितनी ज्यादा हो सके सोने दें।
शिशु का जब जन्म होता है तो उसमे रोग प्रतिरोधक छमता (immune system) विकसित नहीं होती है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके शरीर में रोगों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक छमता विकसित होती रहती है। बच्चे में रोग प्रतिरोधक छमता (immune system) का विकास उस समय सबसे ज्यादा होता है जब वो सो रहा होता है। इसका मतलब यह है की आप अपने बच्चे को जितना सोने देंगे, वह उतना कम बीमार पड़ेगा।
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