Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺8 min read
सुपरफूड हम उन आहारों को बोलते हैं जिनके अंदर प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। सुपर फ़ूड शिशु के अच्छी शारीरिक और मानसिक विकास में बहुत पूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये बच्चों को वो सभी पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो शिशु के शारीर को अच्छी विकास के लिए जरुरी होता है।
अगर आप चाहती हैं कि आपके बच्चे स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे तो आप उन्हें आहार ढेर सारे दें सुपर फूड (Superfoods) खाने को दें। लेकिन अधिकांश माँ बाप परेशानी इस बार की रहती है की चाहे जितना भी कोशिश कर ले बच्चों को आहार खिलाना बहुत ही मुश्किल काम रहता है - पौष्टिक आहार तो दूर की बात है।
आपकी परेशानी को हम समझ सकते हैं क्योंकि मैं भी एक माँ हूं और मेरा भी 4 साल का एक नटखट बेटा है। उसे खाना खिलाने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन फिर भी मैं इस बात की कोशिश करती हूं कि उसके अंदर आहार से संबंधित अच्छे गुण विकसित हो सके।
ऐसा इसलिए क्योंकि जब बच्चे छोटे होते हैं तो अगर हम तभी उनके अंदर आहार से संबंधित अच्छे गुणों का विकास करते हैं तो आगे चलकर जब बच्चे बड़े होते हैं तो अपने आहार पर उतना ही ध्यान देते हैं।
लेकिन जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तब उनके अंदर आहार से संबंधित अच्छे गुणों को विकसित करना बहुत मुश्किल होता है। आहार और स्वास्थ्य संबंधित जो बातें आप अपने बच्चों को बचपन सिखा देती है आगे चलकर के उनके जिंदगी में उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह एक मजबूत नींव (strong foundation for a healthy life) का काम करता है।
यहाँ हम आपको दस ऐसे सुपर फ़ूड के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अगर आप अपने बच्चे को खिलाएँगी तो उसके शारीर की पोषण से संबंधित सभी प्रकार की आवशकता पूरी होगी तथा उसके शारीर का स्वस्थ विकास होगा।
यह कहावत तो आप ने खूब सुना ही होगा की हर दिन एक सेब खाने से डोक्टर के पास जाने की कभी नौबत नहीं आती है। सच बात तो यह है की सेब से सम्बंधित इस प्रकार का कोई शोध नहीं हुआ है जो यह बात प्रमाणित करता है की जो लोग सेब खाते हैं वे कभी डोक्टर के पास नहीं जाते हैं - लेकिन यह बात भी सच है की अनेक अन्तराष्ट्रीय शोधों दुवारा प्रमाणित हो चूका है की सेब मैं प्रचुर मात्र मैं एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और विटामिन सी (antioxidants, fiber, and vitamin C) पाया जाता है।
जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनका पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होता है इसीलिए उन्हें तरह तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे की कब्ज।
चूँकि सेब में बहुत फाइबर होता है इसीलिए हर दिन सेब खिलने से शिशु को कब्ज की समस्या नहीं होगी। सेब में विटामिन सी जो शिशु के चहरे और त्वचा को खुबसूरत और चमकदार बनाता है।
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ओटमील (oatmeal) शारीर में ग्लूकोस की मात्र को नियंत्रित करता है और बच्चों के स्वाभाव (मूड) को भी नियंत्रित करता है। इसमें भरपूर मात्र में विटामिन बी, beta-glucans, तथा ऐसे तत्त्व पएंजाते हैं जो हृदय से सम्बंधित रिगों को दूर करते हैं और शारीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्र को भी कम करते हैं।
एक अंडे से आप के शिशु को सम्पूर्ण पोषण मिलेगा। इसीलिए सुबह की शुरुआत के लिए अंडा बहुत ही पौष्टिक ब्रेकफास्ट है। यह प्रोटीन का भी बहुत बढ़िया स्रोत है। प्रो
टीन शारीर में मस्पेशियौं के निर्माण में सहायता करता है तथा आवश्यक होर्मोनेस के बन्ने में भी योगदान देता है। अंडे में एक पोषक तत्त्व पाया जाता है जिसे choline कहते हैं। यह शिशु के दिमागी विकास को गति प्रदान करता है और प्रखर बुद्धि का बनाता है।
बेरी वाले फल जैसे की Strawberries, blueberries, और blackberries तथा इसी श्रणी के अन्य फल मीठा होने की वजह से शिशु के मीठा खाने की इक्षा को पूरा करते हैं साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट कई तरह के होते हैं और हर फल में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
बेरी वाले फलों में एक अलग किस्म का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जिसे anthocyanin कहते हैं। यह शिशु के दृष्टि को मजबूत बनता है और शारीर की तंत्रिका तंत्र (nervous system) तथा रक्त धम्नियौं को स्वस्थ रखता है।
बेरी वाले फल (Berries) ऐसे ही खाने में स्वादिष्ट लगते हैं, लेकिन आप चाहें तो इनका इस्तेमाल आहारों को स्वादिष्ट बनाने में कर सकती हैं। जैसे की अगर आप अपने बच्चे को सुबह के नाश्ते मैं ओटमील (oatmeal) दे रही हैं तो उसमें थोडा सा बेरी जैसे की Strawberries मिला के उसे और स्वादिष्ट बना सकती हैं।
वासा युक्त आहार शारीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्यूंकि इससे मोटापा तथा अन्य कई तरह की बिमारियौं से व्यक्ति के ग्रसित होने की सम्भावना बनती है। लेकिन सच बात तो यह है की कुछ वासा ऐसे भी हैं जो शारीर के स्वस्थ के लिए बहुत आवश्यक हैं।
एवोकाडो (Avocado) इसी प्रकार के अच्छे वासा का स्रोत है। इसमें monounsaturated वासा पाया जाता है जो दिमागी विकास के लिए और आँखों की दृष्टि के लिए बहुत महत्व पूर्ण हैं। साथ ही यह बढते बच्चों के शारीरिक विकास के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
खुबसूरत, बड़े बड़े गहरे नारंगी रंग के गाजर बहुत स्वादिष्ट तो होते ही हैं, ये स्वस्थ की दृष्टि से भी बहुत महत्व पूर्ण हैं। इनमें प्रचुर मात्र में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शिशु के शारीर की रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाते हैं।
बच्चे जन्म के प्रथम कुछ वर्षों में बहुत ज्यादा बीमार पड़ते हैं क्यूंकि उनके शारीर की रोगप्रतिरोधक छमता व्यस्को जितनी मजबूत नहीं होती है। अगर आप अपने बच्चों को कम बीमार देखना चाहती हैं तो उन्हें गाजर खिलाएं।
अगर आप के बच्चों को ध्यान केन्द्रित करने में समस्या आती है और किसी भी वक्त स्थिर नहीं दीखते हैं तो आप उन्हें बीन्स वाले सब्जियां खिलाएं जैसे की बोडा। आप अपने बच्चे को हर तरह के दाल भी खिलाएं। दाल में प्रचुर मात्र में प्रोटीन पाया जाता है।
यह शाकाहारी भोजन में प्रोटीन का मुख्या घटक है। इसमें फाइबर भी खूब पाया जाता है। शोध इस बात को प्रमाणित करते हैं की फाइबर युक्त आहार शिशु को स्कूल में ध्यान केन्द्रित करने में मदद करता है।
फाइबर से भरपूर आहार जैसे की बीन्स और दलहन (Beans and Lentils) और ओटमील (oatmeal) में मौजूद फाइबर धीरे धीरे पचता है जिससे शिशु को काफी देर तक उर्जा मिलती रहती है।
नट्स, ड्राई फ्रूट्स (सूखे मेवे) या कहिये बादाम, इनमें प्रचुर मात्र में स्वस्थ वासा पाया जाता है जो शिशु के विकास और उनके शारीर को बढ़ने में मदद करता है।
ये शिशु के ह्रदय को भी स्वस्थ रखते हैं। सुबह के वक्त नाश्ते में थोडा नट्स, ड्राई फ्रूट्स देने से शिशु को दिन के शुरुआत में काफी सुफुर्ती का एहसास होता है - जो उन्हें दिन भर उर्जावान बनाये रखने में मदद करता है।
दूध और दूध से बने उत्पाद में प्रचुर मात्र में प्रोटीन और कैल्शियम होता है जो शारीर को और शिशु के दिमाग को उर्जा प्रदान करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन दिमाग की कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, और दूध में मौजूद कैल्शियम शिशु की हड्डीयौं को और दातों को मजबूत बनता है।
चाहे आप के बच्चे आसानी से आहार खाते हैं या आप को उनके पीछे बहुत मशकत करनी पड़ती है, एक बात का ध्यान रखें की आप उनके आहार में सुपर फूड (Superfoods) का इस्तेमाल जरुर करें ताकि उन्हें बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास मिल सके और वे हर वक्त स्वस्थ बने रह सकें।
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