Category: बच्चों की परवरिश

कहीं आपके बच्चे के साथ यौन शोषण तो नहीं हो रहा

By: Salan Khalkho | 7 min read

माँ-बाप सजग हों जाएँ तो बहुत हद तक वे आपने बच्चों को यौन शोषण का शिकार होने से बचा सकते हैं। भारत में बाल यौन शोषण से सम्बंधित बहुत कम घटनाएं ही दर्ज किये जाते हैं क्योँकि इससे परिवार की बदनामी होने का डर रहता है। हमारे भारत में एक आम कहावत है - 'ऐसी बातें घर की चार-दिवारी के अन्दर ही रहनी चाहिये।'

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अगर आंकड़ों की माने तो हर चार में से एक बच्ची के साथ और हर छे में से एक बच्चे के साथ यौन शोषण होता है। जरा सोचिये इस बात को की आप एक class room में प्रवेश करते हैं जहाँ 30-से-40 छोटे बच्चे बैठें हों। सोचने में कितना अजीब लगता है की वहां बैठे हर चौथे बच्चे के साथ यौन शोषण हो रहा है।

थोड़ी शर्म सी महसूस हुई न। 

सिर्फ सोचने में यह बात रोंगटे खड़े कर देती है, मगर यह तो सच है!

इस लेख में आप पढ़ेंगे: 

  1. भारत में होने वाले यौन हिंसा की जानकारी
  2. बाल यौन शोषण से सम्बंधित आंकड़ें
  3. बाल यौन शोषण क्या है
  4. बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए माँ-बाप को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए
  5. आप को क्या करना चाहिए की आप के बच्चे यौन शोषण से बच्चे रहें
  6. बच्चे क्योँ नहीं बताते माँ-बाप को यौन शोषण से सम्बंधित बातें।
  7. कैसे पता करें की कहीं आप के बच्चे के साथ यौन शोषण तो नहीं  हो रहा?
  8. बच्चों के साथ यौन शोषण के लक्षण
  9. बच्चों को बताएं की यौन शोषण क्या है
  10. बच्चों को किस तरह बताएं यौन शोषण के बारे मैं
  11. बच्चे के साथ यौनशोन की स्थिति में क्या करें
  12. बाल यौन शोषण से सम्बंधित भारतीय कानून

1 in 6 children are sexually abused - बाल यौन शोषण

भारत में होने वाले यौन हिंसा की जानकारी 

  • सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार भारत में हर 155 minute मैं एक लड़की का बलात्कार होता है। 
  • हर तेरह घंटे में 10 साल से कम उंमर की लड़की के साथ बलात्कार होता है।
  • साल 2015 में 10,000 से ज्यादा बच्चियोँ के साथ बलात्कार हुआ। 
  • सरकारी सर्वेक्षण में यह पता लगा की हर साल भारत में 24 करोड़ महिलायों की शादी 18 साल से कम उम्र में ही कर दी जाती है। 
  • सरकारी सर्वेक्षण में यह बात भी खुल कर सामने आया की सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली 53.22 प्रतिशत महिलायों के साथ किसी-न-किसी रूप में यौन हिंसा हो चूका है। 
  • बच्चों के साथ यौन हिंसा की 50 प्रतिशत घटनाओं में उनके जानने वाले होते हैं। 

(स्रोत: भारत सरकार, यूनिसेफ)

 

भारतीय समाज में बाल यौन शोषण एक सबसे सबसे ज्यादा उपेक्षित बुराई है। यही वजह है की पिछले कुछ सालों में भारत में बाल यौन शोषण से सम्बंधित घटनाएं बहुत तेज़ी से बढ़ी हैं। सरकार और समाज दोनों को इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। मगर सबसे ज्यादा जरुरत है माँ-बाप को जागरूक होने की। अगर सिर्फ माँ-बाप सजग हों जाएँ तो बहुत हद तक वे आपने बच्चों को यौन शोषण का शिकार होने से बचा सकते हैं। भारत में बाल यौन शोषण से सम्बंधित बहुत कम घटनाएं ही दर्ज किये जाते हैं। अधिकांश माँ-बाप ऐसे मामलों को सार्वजनिक करने से डरते हैं क्योँकि इससे परिवार की बदनामी होने का डर रहता है। हमारे भारत में एक आम कहावत है - 'ऐसी बातें घर की चार-दिवारी के अन्दर ही रहनी चाहिये।'

a child is sexually abused every three hours

बाल यौन शोषण से सम्बंधित आंकड़ें 

इन सरकारी आकड़ों को आप बदल तो नहीं सकते हैं। मगर आप कम-से-कम अपने बच्चों को तो यौन शोषण से बचा सकते हैं। बच्चों के यौन शोषण से सम्बंधित सबसे ज्यादा चौंका देने वाली जानकारी जो है वो यह है की 93% घटनाओं में बच्चों के साथ यौन शोषण उनका कोई अपना, कोई करीबी, कोई रिश्तेदार ही करता है। ऐसे में बच्चे विचलित हो जाते हैं की जिनपे वे सबसे ज्यादा विश्वाश करते हैं वो ही उनका शोषण करते हैं। विडम्बना इस बात की है की माँ-बाप ही बच्चों को सिखाते हैं की बड़ों की आज्ञा माने। बच्चों को यह नहीं पता की क्या सही है और क्या नहीं और कौन से बात माननी है और किस बात का विरोध किया जाना चाहिए। यौन शोषण के वक्त बच्चे काफी मानसिक तकलीफ से भी गुजरते हैं। 

बच्चों के बलात्कार, शीलभंग, निर्वस्त्र करने और पीछा करने के मामले child abuse

बाल यौन शोषण क्या है

बाल यौन शोषण को बच्चों के साथ यौन छेड़छाड़ के रुप में परिभाषित किया जाता है। एक बच्चे को गलत तरीके से छूने और संपर्क बनाने जिसमें दुलारना, भद्दी टिप्पणियाँ और संदेश देना, मास्टरबेसन, संभोग, ओरल सेक्स, और बच्चों को अश्लील साहित्य दिखाना शामिल है। यह काफी शर्म की बात हैं की हमारे देश मैं ऐसा होता है और ऐसे मानसिकता के लोग रहते हैं। अगर माँ-बाप आपने बच्चों को यौन शोषण के प्रति जागरूक कर सके तो वे आपने बच्चों को बाल यौन शोषण का शिकार होने से बचा सकते हैं। 

Child-Sexual-Abuse

बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए माँ-बाप को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए 

जानकारी ही बचाव है। आप को इस बात को जानना है की इन परिस्थितियोँ और किन लोगों के द्वारा बच्चों का अधिकतर यौन शोषण होता है। 

  • 34% बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाओं में घर का ही कोई व्यक्ति संलिप्त होता है। 
  • 59% घटनाओं में ये ऐसे लोग होते हैं जिन्हे परिवार विश्वश्योग्य समझता है। 
  • यौन शोषण के अधिकांश घटनाओं में बच्चे 9 साल से कम उम्र के पाए गए हैं। 
  • कई बार परिवार के बड़े बच्चे ही छोटे बच्चों का यौन शोषण करते हैं। 
  • जो लोग बच्चों का यौन शोषण करते हैं उनके व्यवहार और औरों के व्यवहार में कोई अंतर नहीं होता है। अलबत्ते उनके काम और आचरण से वे ज्यादा विश्वासयोग प्रतीत होते हैं। 
  • जो लोग बच्चों का यौन शोषण करते हैं वे ऐसी जगहों पे खींचे चले आते हैं जहाँ उन्हें आसानी से बच्चों की कंपनी मिल जाये। औरों की उपस्थिति मैं ये बच्चों की बहुत अच्छी देख-भल करते हैं। ऐसे लोग अधिकांश आपको मिल जायेंगे school में, sports club, child day care center, तथा plaway schools मैं। 
  • अगर आप अपने बच्चों को कुछ देर के लिए कहीं बहार भेज रहें हैं जैसे की sports club, child day care center, तथा plaway schools मैं तो पहले वहां की policy जाँच ले की वे किस तरह अपने यहां काम करने वाले volunteers की बैकग्राउंड जांचते हैं। 


आप को क्या करना चाहिए की आप के बच्चे यौन शोषण से बच्चे रहें

अगर आप कुछ बातों का ख्याल रखें तो आप अपने बच्चे को होने वाले यौन शोषण से बचा सकते हैं। 

  1. आप अपने बच्चे को किसी परिचित या पारिवारिक के सदस्य के साथा कभी अकेला न छोड़ें।
  2. अपने बच्चे को किसी के पास अकेला छोड़ने के बजाये ऐसी जगह छोड़े जहाँ और लोग भी मौजूद हों। 
  3. अपने बच्चे को ऐसे sports club, child day care center, तथा plaway schools में भेजें जहाँ आप कभी भी निरक्षण के लिए बिना रोक-टोक के आ सकते हैं। यह भी निश्चित करें की यहां काम करने वाले सभी volunteers का अच्छी तरह बैकग्राउंड check किया गया है। 
  4. अगर आपने अपने बच्चे को किसी की निगरानी में छोड़ा है तो औचक निगरानी करें। 
  5. नजर रखें की आप के बच्चे किस तरह इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई बार इंटरनेट के माध्यम से भी लोग बच्चों को बहलाने-फुसलाने की कोशिश करते हैं। 


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बच्चे क्योँ नहीं बताते माँ-बाप को यौन शोषण से सम्बंधित बातें। 

सरकारी आकड़ों के अनुसार हर दस में से सिर्फ एक बच्चा ही यौन शोषण से सम्बंधित दुर्घटना को बताता है। अधिकांश बच्चे इसे छुपा के रखते हैं और किसी से नहीं बताते। बच्चे ऐसा निम्न कारणों से करते हैं। 

  1. बच्चे डरते हैं की कहीं माँ-बाप नाराज तो नहीं हो जायेंगे।
  2. बच्चे डरते हैं की कहीं इससे परिवार का माहौल तो नहीं ख़राब होगा।
  3. यौन शोषण करने वाले कई बार बच्चे को या परियर के दूसरे सदस्य को धमकाते हैं। 
  4. यौन शोषण करने वाले कई बार बच्चों को यह कहते हैं की उन्होंने यह होने दिया और अब उनके अभिभावक नाराज होंगे। 
  5. कुछ बच्चे इतने छोटे होते हैं की उन्हें पता ही नहीं होता की उनके साथ यौन शोषण हो रहा है। 

अगर आप का बच्चा कभी भी आपको यौन शोषण से सम्बन्धी जानकारी दे तो overreact ना करें। ना ही नाराज हों और ना ही ताजुब करें। आराम से बात करें और आप को जो कदम उठाना है वो उठयें। 

Parents hesitate to report child abuse to preserve family reputation

कैसे पता करें की कहीं आप के बच्चे के साथ यौन शोषण तो नहीं  हो रहा?

  • अक्सर ऐसा देखा गया है की जो बच्चे यौन शोषण की घटनाये बताते हैं वे आपने माँ-बाप को ना बता कर किसी अन्य विश्वासयोग्य बड़े को बताते हैं। इसीलिए यह जरुरी है की आप बच्चे के साथ रहने वाले अन्य लोगों को भी train करें, ताकि वे यौन शोषण से सम्बंधित घटना को पहचान सके और आप को बता सके। 
  • कई बार ऐसा होता है की बच्चे घटना के एक छोटे से टुकड़े को बताते हैं यह देखने के लिए की बड़ों का reaction कैसा होगा। जब बच्चे ऐसी किसी भी घटना के बारे में बताएं तो ऐसे react ना करें की बच्चा डर जाये और share करना बंद कर दे। 
  • आपने व्यहार से बच्चे को हर दिन दिखाएँ की आप उससे कभी भी नाराज नहीं होंगे चाहे वे कोई भी बात आप को क्योँ ना बताये। 
  • अगर आपका बच्चा आपको कुछ बताये तो ध्यान से सुने। कई बच्चे इतनी आसानी से तकलीफ देनी वाली घटनाओं को नहीं बता पाते। 
  • बच्चों को उनके शरीर के हर अंगों के नाम याद कराएं। 
  • आपने बच्चों को उदाहरण दे कर बातएं की कोई भी उन्हें किस तरह नहीं पकड़ सकता या छू सकता है। 
  • बच्चा चाहे कितना भी छोटा क्योँ ना हो, उसकी उम्र के अनुसार उससे यौन शोषण के बारे में पूछते रहें। 

बच्चों के साथ यौन शोषण के लक्षण 

इस उम्मीद में ना रहें की कोई ऐसा लक्षण आप को देखने को मिलेगा की आप तुरंत पहचान लेंगे की आप के बच्चे के साथ यौन शोषण हुआ है। लेकिन फिर भी यौन शोषण के कुछ लक्षण हैं जो आप की मदद कर सकते हैं। 

  • हालाँकि शारीरिक निशान आम बात नहीं है फिर भी निशान जैसे की गुप्तांगों पे लालीपन, खरोंच, सूजन, urinary tract infections, अगर बच्चे को हों तो इनके होने के कारणों के तेह तक जाएँ। 
  • यौन शोषण के ज्यादातर मामलों में बच्चों के व्यहार में आप परिवर्तन पाएंगे। जैसे की आप का बच्चा हों सकता है की बहुत ही ज्यादा अच्छा व्यहार करने लगे, या फिर अकेला, कटा-कटा रहने लगे, या फिर चीड़-चिड़ा रहने लगे। 
  • अगर आप का बच्चा बड़ों की तरह बर्ताव करने लगे जो उसके उम्र के अनुरूप ना हों तो भी सतर्क हो जायें। 
  • कुछ बच्चों में आपको यौन शोषण से सम्बंधित कोई भी लक्षण नहीं मिलेंगे। 

बच्चों को बताएं की यौन शोषण क्या है

बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए आपको अपनी बातों से आपने बच्चों को डराने की आवश्यकता नहीं। सिर्फ आपको आपने बच्चों को अंतर समझाना है की किस तरह अगर कोई उन्हें पकडे तो ठीक नहीं है। अगर ये बात आप आपने बच्चे को समझा सकें तो समझ लीजिये की आपने आपने बच्चे को बहुत हद तक सुरक्षित कर लिए है। 3 साल की उम्र  तक पहुँचते पहुँचते आप के बच्चे को यह पता हों जाना चाहिए की उसके शरीर का कौन सा हिस्सा गोपनीय है और उसे किसी को भी छूने का अधिकार नहीं है।   

बच्चों को किस तरह बताएं यौन शोषण के बारे मैं

आप को यह बताने की जरुरत नहीं बच्चों को की यौन शोषण क्या है। उनके उम्र के अनुसार उन्हें सिर्फ यह समझाना है की शरीर के कुछ अंग ऐसे हैं जो गोपनीय हैं। कोई उन्हें छू नहीं सकता। सिर्फ माँ-बाप और कुछ बड़े सफाई करते वक्त छू सकते हैं। यह सब समझने की आवश्यकता नहीं की कुछ लोग बुरे होते हैं और बुरी-बुरी हरकत करते हैं। सिर्फ यह समझएं की क्या सही है और क्या नहीं।  

how to teach children about child molestation

बच्चे के साथ यौनशोन की स्थिति में क्या करें

अगर आप को लगे की कुछ गड़बड़ है तो तुरंत आपने बच्चे का संपर्क उस बड़े से रोक लें। उस व्यक्ति से लड़ें नहीं और नहीं उस व्यक्ति से इस बारे में कोई बात करें। ऐसा करने पर उसे बचाव करने का वक्त मिल जायेगा। पुलिस को सूचित करें और आपने नजदीकी Child Careline से संपर्क करें।  

बाल यौन शोषण से सम्बंधित भारतीय कानून

यद्यपि महिलयों के खिलाफ हो रहे यौन शोषण अपराध के खिलाफ भारतीय दंड संहिता में प्रावधान है जैसे की धारा 376, 354। महिलाओं तथा पुरुषों के खिलाफ हों रहे अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध रोकने के लिए  भारतीय दंड संहिता की धरा 377 में प्रावधान है। लेकिन अफ़सोस की बात यह है की बच्चों के खिलाफ हों रहे यौन शोषण या उत्पीड़न के लिये कोई विशेष वैधानिक प्रावधान नहीं है। इसी बात को ध्यान में रख कर सन 2012 में संसद में बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा दिलाने के लिए अधिनियम (पॉस्को) बनाया गया है। 

बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए पॉस्को

इस अधिनियम के तहत बच्चों के साथ बेशर्मी से पेश आने और छेड़छाड़ जैसे कृत्यों का अपराधीकरण किया गया ताकि बाल यौन शोषण के मामलों से निपटा जा सके। 


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