Category: शिशु रोग
By: Editorial Team | ☺1 min read
मां के दूध पर निर्भर रहना और फाइबर का कम सेवन करने के कारण अक्सर बच्चे को कब्ज की समस्या बनी रहती है। ठोस आहार देने के बावजूद बच्चे को सामान्य होने में समय लगता है। इन दिनों उसे मल त्यागने में काफी दिक्कत हो सकती है।
बच्चों में कब्ज एक आम समस्या है। इसका सही समय पर इलाज न किए जाने पर बच्चे को कई बीमारियां हो सकती हैं। जानिए इसका घरेलू नुस्खा।
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मां के दूध पर निर्भर रहना और फाइबर का कम सेवन करने के कारण अक्सर बच्चे को कब्ज की समस्या बनी रहती है। ठोस आहार देने के बावजूद बच्चे को सामान्य होने में समय लगता है। इन दिनों उसे मल त्यागने में काफी दिक्कत हो सकती है।
इस वजह से उसे भूख भी कम लगती है। यह कब्ज का एक लक्षण है। कब्ज की शिकायत होने पर मांएं अपने बच्चे को लेकर डाॅक्टर के चक्कर काटने लगती हैं। इसके बावजूद कई बार बच्चे को आराम नहीं मिलता। आप अपने बच्चे के लिए कुछ घरेलू उपाय आजमा सकती हैं। इनसे जल्द आराम मिलेगा।
नींबू का रस
नींबू का रस बच्चों में कब्ज को ठीक करने के लिए बेहतरीन काम करता है। नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है जो कि पानी को आंत की ओर भेजने में मदद करता है।
आंत में पानी का स्तर बढ़ने से मल नरम हो जाता है और मल त्यागने में बच्चे को तकलीफ नहीं होती। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू का रस और शहद मिलाएं।
यह रस बच्चे के लिए काफी उपयोगी रहेगा। इसे सुबह के समय अपने बच्चे को पीने के लिए दें। नींबू के रस क अलावा आप अपने बच्चे को कब्ज से निपटने के लिए सेब का जूस भी पिला सकती हैं।
त्रिफला
त्रिफला तीन जड़ी-बूटियों का मिश्रण है। इसमें आमलकी, विभीतकी और हरीतकी मिलाए जाते हैं। दूध के साथ त्रिफला को मिलाकर पीने से बच्चे को कई लाभ मिल सकते हैं।
आप उसे सोने से पहले गुनगुने पानी में त्रिफला मिलाकर दें। यह कब्ज का बेहतरीन हर्बल नुस्खा है। हमारे यहां बच्चों में कब्ज को खत्म करने के लिए इस नुस्खे का काफी इस्तेमाल किया जाता है।
पानी
भले सुनने में लगे कि पानी की मदद से कब्ज का निदान कैसे होगा? अक्सर पैरेंट्स भी यही सोचते हैं। हकीकत ये है कि पानी पाचन को सही रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे आंत साफ होती है। इसलिए कब्ज होने पर बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। इससे उसका मल सख्त नहीं होगा। साथ ही बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
शहद और अलसी के बीज
शहद इम्यून सिस्टम को बेहतर कर पाचन शक्ति को बढ़ाता है। एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच शहद मिलाएं और इसे बच्चे को खाली पेट पीने के लिए दें।
इसी तरह अलसी के बीज भी काफी उपयोगी हैं। कब्ज होने पर बच्चे को अलसी के बीज दिए जा सकते हैं। थोड़े से अलसी के बीज को कुछ समय के लिए पानी में भिगोए रखें। यह पानी बच्चे को पीने के लिए दें। कब्ज से जल्द आराम मिलेगा।
फाइबर युक्त आहार
बच्चा यदि ठोस आहार लेता है, तो उसकी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त आहार शामिल करें। फाइबर पेट की समस्या से मुक्ति दिलाने में सबसे उपयोगी तत्व है। आप अपने बच्चे को दाल जरूर पिलाएं। उसकी डाइट में जौ शामिल करें। इसके साथ ही फलों में संतरा, केला और सब्जियों में बीन्स, पालक, ब्रोकली आदि चीजें दें।
केला और गर्म पानी
कब्ज से छुटकारा दिलाने का यह काफी जाना माना नुस्खा है। गर्म पानी में केला मिलाकर सुबह के समय खाली पेट बच्चे को खिलाएं। यह पेट साफ रखने में मदद करता है। नियमित इसके सेवन से बच्चे की कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है।
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मेनिंगोकोकल वैक्सीन (Meningococcal Vaccination in Hindi) - हिंदी, - मेनिंगोकोकल का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
बीसीजी का टिका (BCG वैक्सीन) से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी जैसे की dose, side effects, टीका लगवाने की विधि।The BCG Vaccine is currently uses in India against TB. Find its side effects, dose, precautions and any helpful information in detail.
कैसे बनाये अपने नन्हे शिशु के लिए घर में ही rice cerelac (Homemade cerelac)। घर का बना सेरेलेक (Home Made Cerelac for Babies) के हैं ढेरों फायेदे। बाजार निर्मित सेरेलक के साइड इफेक्ट हैं बहुत जिनके बारे में आप पढेंगे इस लेख मैं।
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दिमागी बुखार (मेनिन्जइटिस) की वजह से दिमाग को नुकसान और मौत हो सकती है। पहले, बहुत अधिक बच्चों में यह बीमारियां पाई जाती थी, लेकिन टीकों के इस्तेमाल से इस पर काबू पाया गया है। हर माँ बाप को अपने बच्चों को यह टिका अवश्य लगवाना चाहिए।