Category: प्रेगनेंसी
By: Editorial Team | ☺5 min read
विटामिन डी (Vitamin D) एक ऐसा विटामिन है जिसके लिए डॉक्टर की परामर्श की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसे कोई भी आसानी से बिना मेडिकल प्रिसक्रिप्शन के दवा की दुकान से खरीद सकता है। विटामिन डी शरीर के कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करने में कई तरह से मदद करता है। उदाहरण के लिए यह शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में सहायता करता है। मजबूत और सेहतमंद हड्डियों के निर्माण में सहायता करता है। तथा यह विटामिन शरीर को कई प्रकार के संक्रमण से भी सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं या फिर गर्भ धारण करने का प्रयास कर रही है तो विटामिन डी (Vitamin D) के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श कर ले।
आपके डॉक्टर के द्वारा बताई गई मात्रा में विटामिन डी का सेवन गर्भधारण के दौरान सुरक्षित रहता है। आमतौर पर एक गर्भवती महिला या वह महिला जो अपने शिशु को दूध पिलाती है, उसके लिए प्रतिदिन विटामिन डी की 600 international units or IU सुरक्षित समझी जाती है।
लेकिन फिर भी हर महिला कद काठी और वजन में भिन्न-भिन्न होती है जिस वजह से यह आवश्यक है कि विटामिन डी की कोई भी मात्रा लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य राय ले लें ताकि आप के कद काठी के अनुसार से विटामिन डी की सही मात्रा की सेवन का पता चल सके। किसी भी स्थिति में इस बात का ध्यान रखें कि दिन भर में विटामिन डी की मात्रा 4000 IU से नीचे ही हो। शरीर में अत्यधिक मात्रा में विटामिन डी होने पर या बुरा प्रभाव डाल सकता है जिसे विटामिन B2 toxicity कहा जाता है।
अधिकांश मामलों में यह देखा गया है की विटामिन डी शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डालता है। लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा का सेवन हर दिन करनी थी आपके खून में इसकी अधिकता हो जाएगी।
ऐसी परिस्थिति में विटामिन B2 toxicity की संभावना बढ़ जाती है। विटामिन B2 toxicity होने पर आप में निम्न लक्षण देख सकते हैं:
आप विटामिन डी के साइड इफेक्ट से आप आसानी से बच सकती है अगर आप इनकी इनकी सही मात्रा का पता अपने डॉक्टर से लगा लें तो।
कई प्रकार की इलाज में जिसमें vitamin D-3 supplements के इस्तेमाल का सुझाव दिया जाता है, गर्भावस्था के दौरान उपयुक्त नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला गर्भअवस्था से संबंधित कई प्रकार की दवाइयां पहले से ग्रहण कर रही होती है।
इनमें से बहुत सी दवाइयां ऐसी होती है जिनमें पहले से विटामिन डी की मात्रा मौजूद होती है। गर्भावस्था के दौरान दूसरी दवाइयां जिनमें विटामिन डी हो, आसानी से आपके शरीर में विटामिन डी की मात्रा को बढ़ा सकती है। आपको इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि बहुत ही ऐसी दवाइयां होती है जो कि शरीर में विटामिन डी की मात्रा को घटा भी सकती है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में एक आवश्यक मात्रा में विटामिन डी का होना बहुत जरूरी है। शरीर में गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी का कम होना या ज्यादा आपके गर्भधारण को प्रभावित कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिल पाता है उनमें प्रेगनेंसी से संबंधित कई प्रकार के complications होने का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी में विटामिन डी की कमी की वजह से दूसरी परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि शिशु का समय पूर्व जन्म लेना, शिशु का जन्म के समय समय अत्यधिक वजन कम होना। जिन महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है Caesarean section, or c-section के द्वारा डिलीवरी की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
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