Category: बच्चों की परवरिश
By: Salan Khalkho | ☺2 min read
अगर आप अपने बच्चे को यौन शोषण की घटनाओं से बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने बच्चों के साथ समय बिताना शुरू करना पड़ेगा| जब बच्चा comfortable feel करना शुरू करेगा तो वो उन हरकतों को भी शेयर करेगा जो उन्हें पसंद नहीं|

चाहे कितने भी कानून बन जाये, मगर बच्चों को यौन शोषण पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता जब तक माँ-बाप अपने बच्चों को यौन शोषण से बचाने की न ठान लें। अगर माँ-बाप कुछ मुल-भुत सतर्कता बरतें तो बच्चों को होने वाले यौन शोषण से बचाया जा सकता है।
अगर आप अपने बच्चो को यौन शोषण की घटनाओं से बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने बच्चों के जिंदगी में दिलचस्पी लेना शुरू करना पड़ेगा। बच्चों के साथ समय बिताना, उनके साथ बातें करने शुरू करें। जब बच्चे आप के साथ comfortable feel करना शुरू करेंगे तो वे आप के साथ बिना हिचक उन बातों को share करेंगे जो उन्हें पसंद नहीं। वे आप के साथ बड़ों की उन हरकतों को भी शेयर करेंगे जो उन्हें पसंद नहीं।
अगर उनकी बातों से आपको लगे की उनके साथ यौन शोषण हो रहा है तो न ही नाराज हों और न ही ऐस बर्ताव अपनाएं की बच्चे डर जाएँ। शांति बनाये रखें और बच्चे को बताएं की उसे अब चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है और आप अपने बच्चे को हर स्थिति से बचा सकते हैं।
Common terms: बाल शोषण, शोषण के खिलाफ अधिकार, बाल उत्पीड़न, बाल शोषण पर लेख, child molestation, child sexual abuse
यहां 10 तरीके हैं जिनके मदद से आप अपने बच्चों को यौन शोषण से बचा सकते हैं:
जब आप बच्चों के साथ वक्त बिताते हैं तो उन से पूछें की वे दिन भर क्या-क्या किये और किन-किन लोगों के साथ किये। आप उदहारण देकर (या मदद करने वाले सवाल पूछ कर) बच्चों की मदद कर सकते हैं जैसे की पूछे की वे lunch break में किस के साथ थे। क्या-क्या खेल खेलें। दिन भर क्या उन्होंने मस्ती की या नहीं?
यह बहुत जरुरी है पता करना की आप के बच्चे का दिन किन-किन लोगों के बीच गुजरता है। चाहे बच्चे हो या बड़े, सबके बारे में आप को पता होना चाहिए। अपने बच्चों से बातों-बातों में पूछें उनके दोस्तों के बारे में, उनके माता-पिता के बारे मैं, अध्यापक के बारे में। इन लोगों के बारे में खुल कर बातें करे ताकि आप का बच्चा comfortable feel करे।
Daycare center या Playway का चुनाव करते वक्त [10 महत्वपूर्ण बातों का ख्याल] आर्टिकल 922 अवशय रखें। पता करें की यहां काम करने वाले हर एक कार्यकर्ता (including volunteers) का background check किया गया है की नहीं। हर class room और facility जा निरक्षण करें। घूम-घूम कर देखें की CCTV camera लगा है की नहीं। और नहीं लगा है तो अपने बच्चों को हरगिज़ न भेजें।
अक्सर बाल योन शोषण के मामले मैं ऐसे लोग पाए जाते हैं जिन पर आसानी से यकीन नहीं होता की वे ऐसा कर सकते हैं। जो लोग बाल योन शोषण करते हैं या फिर करने की मंशा रखते हैं वे हमेशा माँ-बाप का विश्वास जीतने की तलाश में रहते हैं। ऐसे लोग बच्चो को लुभाने के लिए भी हर संभव कोशिश करते हैं। अगर कोई बिना वजह ही आप पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो रहा है तो समझिये की दाल में कुछ कला है। अगर कोई हर बार आकर आपके अनुपस्थिति में आप के बच्चे की देख-भाल करने की पेशकश करता है तो सावधान हो जाएँ। अगर ऐसे व्यस्क लोगों के पास बहुत सरे खिलौने हैं और ये अगर अक्सर बच्चों को chocolate देते हैं तो कुछ गड़बड़ है।
अगर school का कोच या अध्यापक बच्चों को अकेले में extra class देना चाहते है तो साफ इंकार कर दें। अगर कोई कोच या अध्यापक आप के बच्चे की कुछ ज्यादा ही तारीफ करे या कुछ ज्यादा ही ख्याल रखे तो कहीं तो कुछ गड़बड़ है।
बच्चों को उनके शरीर के विभिन अंगों के बारे मैं अवगत कराएं। आप के बच्चे को उसके शरीर के हर अंग के नाम पता होने चाहिए। बच्चे को बताएं की कौन-कौन से अंग ऐसे हैं जिन्हे हमेशा कपड़ों से ढका होना चाहिए। उन्हें यह भी बताये की इन अंगों को कोई नहीं छुएगा। और अगर कोई छूता है तो यह गलत है और इसके बारे में माँ-बाप को बताना चाहिए। अपने बच्चों को यह भी बताये की किस-किस तरह से कोई उन्हें पकड़ सकता है और किस-किस तरह से पकड़ना सहज नहीं है।
बच्चों को यह भी बताएं की अगर कोई उनके साथ ऐसे-वैसी हरकत करता है तो इसमें बच्चे की कोई गलती नहीं है। बच्चे को कोई नहीं डांटे गए। अच्छे बच्चे ऐसे कुछ होते पे अपने माँ-बाप को बताते हैं। इसमें secret रखने जैसी कोई बात नहीं और अगर उनके साथ कोई ऐसा करता है तो उन्हें तुरंत माँ-बाप ये बड़ों की मदद लेनी चाहिए।
अगर आप को संदेह है की आप के बच्चे के साथ यौन शोषण हुआ है तो जिस पर भी आप को संदेह है उससे अपने बच्चे को तुरंत अलग कर दें। अपने बच्चे को फिर उसके संपर्क मैं कभी न आने दें। जिस पर आपको संदेह है उससे कोई बात न करें। पुलिस को इसकी सूचना दें और आगे की कार्यवाही में सहयोग दें। बच्चे से इसके बारे बहुत casually पूछें। अगर बच्चा डर जायेगा तो सहयोग नहीं करेगा। हो सकता है की फिर वो आपको इससे सम्बंधित कुछ भी न बताये।
आसन घरेलु उपचार दुवारा अपने बच्चे के शारीर से चेचक, चिकन पॉक्स और छोटी माता, बड़ी माता के दाग - धब्बों को आसानी से दूर करें। चेचक में शिशु के शारीर पे लाल रंग के दाने निकल, लेकिन अफ़सोस की जब शिशु पूरितः से ठीक हो जाता है तब भी पीछे चेचक - चिकन पॉक्स के दाग रह जाते हैं। चेचक के दाग के निशान चेहरे और गर्दन पर हो तो वो चेहरे की खूबसूरती को बिगाड़ देते है। लेकिन इन दाग धब्बों को कई तरह से हटाया जा सकता है - जैसे की - चिकन पॉक्स के दाग हटाने के लिए दवा और क्रीम इस्तेमाल कर सकती हैं और घरेलु प्राकृतिक उपचार भी कर सकती हैं। हम आप को इस लेख में सभी तरह के इलाज के बारे में बताने जा रहें हैं।
ये पांच विटामिन आप के बच्चे की लंबाई को बढ़ने में मदद करेगी। बच्चों की लंबाई को लेकर बहुत से मां-बाप परेशान रहते हैं। हर कोई यही चाहता है कि उसके बच्चे की लंबाई अन्य बच्चों के बराबर हो या थोड़ा ज्यादा हो। अगर शिशु को सही आहार प्राप्त हो जिससे उसे सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल सके जो उसके शारीरिक विकास में सहायक हों तो उसकी लंबाई सही तरह से बढ़ेगी।
गर्भावस्था के दौरान बालों का झाड़ना एक बेहद आम बात है। ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। लेकिन खान-पान मे और जीवन शैली में छोटे-मोटे बदलाव लाकर के आप अपने बालों को कमजोर होने से और टूटने/गिरने से बचा सकती हैं।
लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) एक आम बात है जिस बहुत से बच्चे प्रभावित देखे जा सकते हैं। इसका समाधान किया जा सकता है। माँ-बाप और अध्यापकों के प्रयास से बच्चे स्कूल में दुसरे बच्चों के सामान पढाई में अच्छा प्रदर्शन दे सकते हैं। लेकिन जरुरी है की उनके अन्दर छुपी प्रतिभा को पहचाना जाये और उचित मार्गदर्शन के दुवारा उन्हें तराशा जाये। इस लेख में आप जानेंगे की लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) क्या है और आप अपने बच्चे का इलाज किस तरह से कर सकती हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार चार से छह महीने पे शिशु शिशु का वजन दुगना हो जाना चाहिए। 4 महीने में आप के शिशु का वजन कितना होना चाहिए ये 4 बातों पे निर्भर करता है। शिशु के ग्रोथ चार्ट (Growth charts) की सहायता से आप आसानी से जान सकती हैं की आप के शिशु का वजन कितना होना चाहिए।
जानिए घर पे वेपर रब (Vapor rub) बनाने की विधि। जब बच्चे को बहुत बुरी खांसी हो तो भी Vapor rub (वेपर रब) तुरंत आराम पहुंचता है। बच्चों का शरीर मौसम की आवशकता के अनुसार अपना तापमान बढ़ने और घटने में सक्षम नहीं होता है। यही कारण है की कहे आप लाख जतन कर लें पर बच्चे सार्ड मौसम में बीमार पड़ ही जाते हैं।
ठण्ड के दिनों में बच्चों का अगर उचित ख्याल न रखा जाये तो वे तुरंत बीमार पड़ सकते हैं। कुछ विशेष स्वधानियाँ अगर आप बरतें तो आप का शिशु ठण्ड के दिनों में स्वस्थ और सुरक्षित रह सकता है। जानिए इस लेख में ठंड में बच्चों को गर्म रखने के उपाय।
बच्चे को हिचकी उसके डायफ्राम के संकुचन के कारण आती है। नवजात बच्चे में हिचकी की मुख्या वजह बच्चे का ज्यादा आहार ग्रहण कर लेना है। जो बच्चे बोतल से दूध पीते हैं वे दूध पीते वक्त दूध के साथ ढेर सारा वायु भी घोट लेते हैं। इसके कारण बच्चे का पेट फ़ैल जाता है बच्चे के डायफ्राम पे दबाव पड़ता है और डायाफ्राम में ऐंठन के कारण हिचकी शुरू हो जाती है।
सात से नौ महीने (7 to 9 months) की उम्र के बच्चों को आहार में क्या देना चाहिए की उनका विकास भलीभांति हो सके? इस उम्र में शिशु का विकास बहुत तीव्र गति से होता है और उसके विकास में पोषक तत्त्व बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अलग-अलग सांस्कृतिक समूहों के बच्चे में व्यवहारिक होने की छमता भिन भिन होती है| जिन सांस्कृतिक समूहों में बड़े ज्यादा सतर्क होते हैं उन समूहों के बच्चे भी व्याहारिक होने में सतर्कता बरतते हैं और यह व्यहार उनमे आक्रामक व्यवहार पैदा करती है।
पुलाय एक ऐसा भारतीय आहार है जिसे त्योहारों पे पकाय जाता है और ये स्वस्थ के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है| बच्चों के लिए तो यह विशेष लाभकारी है| इसमें ढेरों सब्जियां होती है और बच्चे बड़े मन से खाते हैं| Pulav शिशु आहार baby food|
दही तो दूध से बना है, तो जाहिर है की इससे आप के शिशु को calcium भरपूर मिलेगा| दही चावल या curd rice, तुरंत बन जाने वाला बेहद आसान आहार है| इसे बनान आसान है इसका मतलब यह नहीं की यह पोशाक तत्वों के मामले में कम है| यह बहुत से पोषक तत्वों का भंडार है| baby food शिशु आहार 9 month to 12 month baby
जन्म के समय जिन बच्चों का वजन 2 किलो से कम रहता है उन बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम रहती है| इसकी वजह से संक्रमणजनित कई प्रकार के रोगों से बच्चे को खतरा बना रहता है|
सूजी का हलवा protein का अच्छा स्रोत है और यह बच्चों की immune system को सुदृण करने में योगदान देता है। बनाने में यह बेहद आसान और पोषण (nutrition) के मामले में इसका कोई बराबरी नहीं।
बहुत लम्बे समय तक जब बच्चा गिला डायपर पहने रहता है तो डायपर वाली जगह पर रैशेस पैदा हो जाते हैं। डायपर रैशेस के लक्षण अगर दिखें तो डायपर रैशेस वाली जगह को तुरंत साफ कर मेडिकेटिड पाउडर या क्रीम लगा दें। डायपर रैशेज होता है बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से और मेडिकेटिड पाउडर या क्रीम में एंटी बैक्टीरियल तत्त्व होते हैं जो नैपी रैशिज को ठीक करते हैं।
आप के बच्चे के लिए सही सनस्क्रीन का चुनाव तब तक संभव नहीं है जब तक की आप को यह न पता हो की आप के बच्चे की त्वचा किस प्रकार की है और कितने प्रकार के सनस्क्रीन बाजार में उपलब्ध हैं।
अनुपयोगी वस्तुओं से हेण्डी क्राफ्ट बनाना एक रीसाइक्लिंग प्रोसेस है। जिसमें बच्चे अनुपयोगी वास्तु को एक नया रूप देना सीखते हैं और वायु प्रदुषण और जल प्रदुषण जैसे गंभीर समस्याओं से लड़ने के लिए सोच विकसित करते हैं।
हेपेटाइटिस A वैक्सीन (Hepatitis A Vaccine Pediatric in Hindi) - हिंदी, - हेपेटाइटिस A का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
सेब में मौजूद पोषक तत्त्व आप के शिशु के बेहतर स्वस्थ, उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ताज़े सेबों से बना शिशु आहार आप के शिशु को बहुत पसंद आएगा।
वायरल संक्रमण हर उम्र के लोगों में एक आम बात है। मगर बच्चों में यह जायद देखने को मिलता है। हालाँकि बच्चों में पाए जाने वाले अधिकतर संक्रामक बीमारियां चिंताजनक नहीं हैं मगर कुछ गंभीर संक्रामक बीमारियां भी हैं जो चिंता का विषय है।