Category: प्रेगनेंसी

सिजेरियन डिलीवरी के बाद खान पान (Diet Chart)

By: Editorial Team | 11 min read

शिशु के जन्म के पश्चात मां को अपनी खान पान (Diet Chart) का बहुत ख्याल रखने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय पौष्टिक आहार मां की सेहत तथा बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है। अगर आपके शिशु का जन्म सी सेक्शन के द्वारा हुआ है तब तो आपको अपनी सेहत का और भी ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद कौन सा भोजन आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर है।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद खान पान (Diet Chart)

हालांकि सिजेरियन डिलीवरी के माध्यम से जन्मे शिशु की मां को  अपने पोषण पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है लेकिन पौष्टिक आहार सभी के लिए जरूरी है चाहे शिशु का जन्म नॉर्मल डिलीवरी यानी साधारण पद्धति से हुआ हो या फिर सी सेक्शन डिलीवरी के माध्यम से। 

शिशु के जन्म के बाद मां का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है और उसके शरीर में बहुत प्रकार के बदलाव भी होते हैं।  इस दौरान उसकी शरीर को कई प्रकार की पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिन्हें अगर प्रधान ना किया जाए तो मां के शरीर को रिकवर होने में समय लगता है या फिर मां का शरीर हमेशा के लिए कमजोर हो जाता है।  

इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि शिशु के जन्म के बाद मां के आहार से ही स्तनपान पर आधारित शिशु को भी पोषण मिलता है। इसीलिए मां का भोजन ऐसा होना चाहिए जो मां के स्वास्थ्य के साथ साथ शिशु के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखकर निर्धारित किया जाए। 

संतुलित आहार  और सही खान-पान पर ध्यान दें

शिशु के जन्म के बाद डॉक्टर इस बात की राय देते हैं की माताएं अपने खानपान का सही ध्यान रखें और संतुलित आहार लेने की कोशिश करें।  गर्भ काल के दौरान गर्भवती महिला को दूध फल और प्रोटीन ज्यादा लेने की सलाह दी जाती है।  लेकिन जब शिशु का जन्म हो जाता है तब उन्हें ठोस आहार को प्राथमिकता देने  के लिए कहा जाता है। 

शिशु के जन्म के बाद महिलाओं को घी का सेवन करने के लिए भी सुझाव दिए जाते हैं। और यह एक अच्छा सुझाव है क्योंकि घी स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा है और प्रचुर मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है जो कि महिलाओं को इस वक्त आवश्यक है। 

 शिशु के जन्म के बाद माता को दिनभर बच्चे के साथ लगे रहना पड़ता है इसलिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है जिसके लिए ज्यादा शारीरिक सामर्थ्य और ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है।  इस दौरान माताओं को विटामिन, कैलोरी और प्रोटीन से भरपूर आहार भी लेना चाहिए।  आपको सही खानपान के साथ-साथ थोड़ा व्यायाम पर भी ध्यान देना चाहिए जिससे आप शारीरिक रूप  से एक्टिव बनी रहे। 

इस लेख मे : 

  1. शिशु के जन्म के बाद परफेक्ट डाइट (perfect diet)
  2. सीजेरियन डिलिवरी के बाद कौन सा भोजन सबसे बेहतर
  3. सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महत्वपूर्ण आहार (Diet Recommendation)
  4. खूब पानी पिएं
  5. अखरोट फोलिक एसिड और प्रोटीन का स्रोत
  6. मौसम के अनुसार उपलब्ध ताजे फल और सब्जियां
  7. सीजेरियन डिलिवरी के बाद अंडा एक महत्वपूर्ण भोजन है
  8. मछली से मिले ओमेगा 3 फैटी एसिड
  9. दूध से मिले प्रचुर मात्रा में कैल्शियम
  10. खरबूजा पाचन को स्वस्थ रखें
  11. जंक फूड या  फास्ट फूड की सेवन से बचें
  12. मसालेदार भोजन से बचें
  13. आहार के साथ-साथ इन बातों का भी ध्यान रखें

शिशु के जन्म के बाद परफेक्ट डाइट (perfect diet)

शिशु के जन्म के बाद परफेक्ट डाइट (perfect diet)

  • शिशु के जन्म के बाद आपको इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता है कि आप में पानी की कमी ना हो।  अगर आपके शरीर में डिहाइड्रेशन होगा तो यह आपके स्तन में दूध के निर्माण को प्रभावित करेगा।  दूध की कम मात्रा शिशु के विकास को प्रभावित कर सकती है।  शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने के लिए आप दिनभर खूब पानी पिएं, साथ ही आप जूस, दूध, और नारियल पानी भी पी सकती हैं। 
  •  रात में आप हल्का खाना खाएं।  रात के खाने में सब्जियों का सूप,  हरी पत्तेदार सब्जियां,  दही आदि ले सकती हैं। प्रसव के बाद आपके लिए गेहूं दाल तथा हर प्रकार के अनाज आदि खाना आपके सेहत के लिए तथा आपके शिशु के शारीरिक विकास के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व मौजूद रहते हैं जो शारारिक के विकास के लिए सहायक है। 
  • रात में खाने के बाद अब एक ग्लास दूध पिए।  कई लोग इस बात की राय देते हैं कि शिशु के जन्म के बाद महिलाओं को मलाई रहित दूध पीनी चाहिए -  यह बिल्कुल गलत सुझाव है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
  • शिशु जब तक 1 साल का नहीं हो जाता है उसे गाय का मलाई वाला दूध नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि उसका पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है।  लेकिन जब शिशु की मां  गाय का दूध पीती है,  तो उसे गाड़ी मलाई वाली दूध पीनी चाहिए।  तभी सही तरह से उसके स्तनों में दूध का निर्माण हो सकेगा।  स्तनपान कराने वाली माताओं को सुबह नाश्ते से पहले या नाश्ते के बाद भी एक ग्लास दूध पीना चाहिए। 
  • आप अपने आहार में दूध से बने उत्पाद जैसे कि पनीर की सब्जी सम्मिलित कर सकती हैं।
  •  अगर आप मांसाहारी हैं तो अपने आहार में अंडे और मछलियों को भी सम्मिलित करें। 
  •  इस बात का हमेशा ध्यान रखिएगा की गर्भ धारण करने से लेकर जब तक आप अपने शिशु को स्तनपान कराती है तब तक आपके शरीर को औसत से ज्यादा पोषण की आवश्यकता होती है।  इसीलिए आपको हर प्रकार के आहार अपने भोजन में सम्मिलित करने चाहिए।  ताकि किसी भी प्रकार के पोषण की कमी ना रह जाए।  किसी एक आहार से आप को सभी प्रकार के पोषण प्राप्त नहीं हो सकते हैं। 
  •  सुबह नाश्ते में आप ब्रेड सैंडविच,  इडली, डोसा खा सकते हैं।  इसके साथ सुबह थोड़ा फल भी खाना अच्छा होता है।  फल और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की फ्री रेडिकल से रक्षा करते हैं।

सीजेरियन डिलिवरी के बाद कौन सा भोजन सबसे बेहतर

शिशु के प्रसव के बाद का समय ऐसा होता है जब गर्भावस्था के 9 महीने के दौरान स्त्री के शरीर  मैं जो जो परिवर्तन हुए थे उनसे रिकवर करना तथा स्वस्थ रहना पड़ता है। सिजेरियन डिलीवरी के बाद सही भोजन का चुनाव शरीर को तेजी से रिकवर करने में मदद करता है।  

सीजेरियन डिलिवरी के बाद कौन सा भोजन सबसे बेहतर

इस दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप ऐसे भोजन का चयन करें जिससे गैस कब्ज या फिर किसी भी प्रकार की पाचन से संबंधित समस्या ना हो।  क्योंकि सी सेक्शन की वजह से ऑपरेशन का घाव भरने में कुछ समय लगता है।  पेट संबंधी समस्याएं होने पर सी सेक्शन के घाव पर जोर पड़ सकता है। भोजन का चुनाव मात्र  स्वास्थ्य को ध्यान रखकर ना करें,  बल्कि आपका आहार ऐसा होना चाहिए जो  आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी बेहतर हो। 

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महत्वपूर्ण आहार (Diet Recommendation)

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महत्वपूर्ण आहार (Diet Recommendation)

अब हम आपको बताएंगे कि कौन कौन से ऐसे भोजन है जो आपको डिलीवरी के बाद सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाएंगे। यह जो आहार हम आपको नीचे बता रहे हैं इन के आधार पर आप अपने लिए एक डाइट चार्ट (Diet Chart) बना सकती हैं। डिलीवरी के बाद का यह डाइट चार्ट (Diet Chart) तब तक आपकी मदद करेगा जब तक आप अपने शिशु को स्तनपान करा रही है। 

खूब पानी पिएं

खूब पानी पिएं

शिशु के जन्म के बाद शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी होता है।  पानी ना केवल आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है बल्कि जब आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है तो आपका शरीर भी बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध का निर्माण करता है।

अखरोट फोलिक एसिड और प्रोटीन का स्रोत

अखरोट फोलिक एसिड और प्रोटीन का स्रोत

शिशु के जन्म के बाद मां को प्रोटीन और फोलिक एसिड दोनों की आवश्यकता पड़ती है।  यह दोनों ही पोषक तत्व अखरोट में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। 

मौसम के अनुसार उपलब्ध ताजे फल और सब्जियां

 मौसम के अनुसार उपलब्ध ताजे फल और सब्जियों में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।  

मौसम के अनुसार उपलब्ध ताजे फल और सब्जियां

हर दिन एक ही तरह के फल व सब्जियों को अपने आहार में सम्मिलित ना करें।  इसके बदले हर दिन भिन्न भिन्न सब्जियों को खाएं।  क्योंकि हर सब्जी सभी प्रकार के विटामिन, मिनरल प्रदान नहीं कर पाते हैं। फल तथा सब्जियों में मौजूद विटामिन जैसे कि विटामिन सी महिला के शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और जख्मों को जल्दी भरने में सहायता करता है।

डिलीवरी के बाद पत्तेदार सब्जियों का भी बहुत बहुत महत्व है। क्योंकि इनमें विटामिन  और मिनरल के साथ साथ कैल्शियम भी होता है जो शरीर को तंदुरुस्त रखने में बहुत सहायक है।  फल और सब्जियों में फाइबर भी अच्छी मात्रा में रहता है जो पाचन तंत्र के लिए अच्छा है और आंत को दुरुस्त रखता है। यही वजह है कि फल और सब्जियों को शिशु के जन्म के बाद सर्वश्रेष्ठ आहार माना जाता है। 

सीजेरियन डिलिवरी के बाद अंडा एक महत्वपूर्ण भोजन है

अगर आप अंडा खाती हैं तो आपके लिए अंडा एक महत्वपूर्ण भोजन है।  हर दिन कम से कम एक अंडा जरूर खाइए।  

सीजेरियन डिलिवरी के बाद अंडा एक महत्वपूर्ण भोजन है

अंडा प्रोटीन से भरपूर होता है जो शरीर के हारमोंस के निर्माण और नियंत्रण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है साथ ही प्रोटीन शरीर में मांसपेशियों के निर्माण में तथा उन्हें ठीक करने में मदद करता है।  अंडे में दिन की मात्रा भी पर्याप्त होती है।  गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में हुए बदलाव को रिकवर करने में ड्रिंक आपकी मदद करेगा तथा आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में भी सहायता करेगा। 

मछली से मिले ओमेगा 3 फैटी एसिड

अगर आप मछली खाती हैं और यह आपको पसंद है तो आप शिशु के जन्म के बाद नियमित रूप से सप्ताह में एक बार इसे खाना शुरु कर दें। 

मछली से मिले ओमेगा 3 फैटी एसिड

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद मछली एक बहुत ही महत्वपूर्ण आहार माना जाता है।  इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो आपको फल, सब्जी, तथा अन्य आहार से ना मिल पाए।  यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है तथा शिशु के मस्तिष्क के विकास में बहुत महत्वपूर्ण है।  जब आप अपने आहार में मछली को सम्मिलित करती है तो शिशु को यह पोषक तत्व स्तनपान के जरिए मिल जाता है। 

दूध से मिले प्रचुर मात्रा में कैल्शियम 

शिशु के जन्म के बाद अक्सर याद देखा गया है कि माता के दांत कमजोर हो जाते हैं या उसकी शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती है।  ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शिशु के शारीरिक विकास के लिए गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की  जरूरत को आपके दांतों में और आपकी हड्डियों में मौजूद कैल्शियम के द्वारा  पूरा किया गया। 

 दूध से मिले प्रचुर मात्रा में कैल्शियम

ऐसा हमेशा नहीं होता है लेकिन अगर आप ने गर्भावस्था के दौरान प्रचुर मात्रा में ऐसे आहारों का सेवन नहीं किया जिन से आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिल सके जो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए जरूरी है तो कैल्शियम की आवश्यकता को पूरी करने के लिए आपके शरीर में मौजूद कैल्शियम का इस्तेमाल हो जाता है। 

शिशु के जन्म के बाद आपका शरीर दूध का निर्माण करना शुरू करता है जिसके लिए और भी कैल्शियम की आवश्यकता होती है।  इसीलिए जब तक आप अपने शिशु को स्तनपान कराना जा जारी रखती हैं नियमित रूप से दूध पिए,  दूध से बने उत्पाद खाएं। स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार,  शिशु के जन्म के बाद, मां को हर दिन कम से कम 2 ग्लास दूध जरूर पीना चाहिए।

इस बात का ध्यान रखें कि दूध के निर्माण में कैल्शियम और इनकी उपलब्धता बहुत जरूरी है।  और इसीलिए दूध तथा दूध से बने उत्पाद जैसे कि दही,  शिशु के जन्म के बाद मां के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में सम्मिलित करें क्योंकि इनमें भी कैल्शियम की मात्रा प्रचुर मात्रा में होती है। 

खरबूजा पाचन को स्वस्थ रखें

सिजेरियन डिलीवरी के बाद पाचन पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है क्योंकि सी सेक्शन  की वजह से बने ऑपरेशन के घाव पूरी तरह भरे नहीं होते हैं। इसीलिए मल त्याग के दौरान इन पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है।  

खरबूजा पाचन को स्वस्थ रखें

खरबूजा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करता है।  खरबूजे का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कुछ लोगों में खरबूजे की वजह से लो बीपी (low blood pressure) की समस्या भी हो सकती है। इसीलिए खरबूजे के सेवन के उपरांत अगर आपको ऐसा लगी कि आप को लो बीपी (low blood pressure)  हो रही है तो खरबूजे का सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में करें। 

जंक फूड या फास्ट फूड की सेवन से बचें

जंक फूड या  फास्ट फूड की सेवन से बचें

जंक फूड का फास्ट फूड में पोषण की मात्रा बहुत कम होती है साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह अच्छे नहीं होते हैं।  इनके सेवन से पाचन तंत्र भी ठीक तरह से काम नहीं करता है और कब्ज की समस्या पैदा हो सकती है।  गर्भावस्था के दौरान आपको हर उस प्रकार के आहार से दूर रहना चाहिए जो आपके पाचन को खराब कर सकती है। 

मसालेदार भोजन से बचें

मसालेदार भोजन से बचें

शिशु के जन्म के बाद जब तक आप उसे स्तनपान करा रही है तब तक कम मसालेदार आहार का सेवन करें।  स्तनपान के दौरान अत्यधिक मसालेदार  भोजन करने से शिशु चिड़चिड़ा और भड़कीला बनता है।  ऐसा इसलिए क्योंकि स्तनपान के जरिए मसालेदार तत्व शिशु के शरीर तक होते हैं।  इसके अलावा अधिक स्वादिष्ट और चटपटे भोजन के उपभोग से आपके दूध की गुणवत्ता प्रभावित होगी जिससे आपकी शिशु को पाचन संबंधी समस्या जैसे गैस या कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

जब भी आप कुछ नया आहार ग्रहण करें,  ध्यान से देखने की कोशिश करें स्तनपान के बाद आपके शिशु की प्रतिक्रिया क्या होती है।  ऐसे  सभी आहार  जिन्हें जब आप खाती हैं  तो अगर स्तनपान के बाद आपका शिशु असहज महसूस करें, तो उन आहार को कम मात्रा में ग्रहण करें या जब तक आप स्तनपान करा रही हैं अपने शिशु को कब तक उनसे दूर रहने की कोशिश करें। 

आहार के साथ-साथ इन बातों का भी ध्यान रखें

आहार के साथ-साथ इन बातों का भी ध्यान रखें

  • उचित आहार तथा व्यायाम के साथ साथ आपको भरपूर नींद लेने की भी कोशिश करनी चाहिए।  शिशु के जन्म के बाद पूरी नींद ले पाना मां के लिए बहुत कठिन काम होता है।  इस इसीलिए जब जब मौका मिले आपको सो कर अपनी नींद पूरी कर लेनी चाहिए।  जब आपका शिशु थोड़ी देर के लिए सोए,  उस वक्त आप भी सो हो जाएं। 
  • नींद पूरी ना होने की वजह से शरीर के हारमोंस अनियंत्रित होने लगते हैं जिससे भूख पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाता है और सामान्य से ज्यादा भूख लगता है।  यही वजह है कि शिशु के जन्म के बाद कई महिलाएं मोटापे की शिकार हो जाती हैं।  शिशु के जन्म के बाद अगर आप अपने बढ़ते हुए  मोटापे को रोकना चाहती हैं तो पर्याप्त मात्रा में सोए। 
  •  जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि पानी भी आपकी डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और शिशु के जन्म के बाद यह आपके शरीर में दूध के निर्माण को बढ़ावा देता है।  दिन में कम से कम 10 गिलास पानी जरूर पिएं।  इससे शिशु के लिए दूध का तो निर्माण होगा ही साथ ही आपके शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ भी बाहर आएंगे।  पानी को बचाने के लिए भी आपका शरीर मेहनत करता है और इस प्रक्रिया में कैलोरी खर्च होती है।  इसीलिए जब आप हर दिन 10 गिलास पानी पीती हैं तो आप अपने शरीर के फैट को भी नियंत्रण में रहती हैं। 
  • शिशु के जन्म के बाद हर दिन थोड़ा  व्यायाम जरूर करें। व्यायाम से तनाव तथा अनिद्रा की समस्या दूर होती है और यह आपको शारीरिक रूप से फिट रहने में भी मदद करता है।  अगर आप व्यायाम नहीं करना चाहती हैं तो कुछ देर के लिए आप हर दिन  अपने मोबाइल से गाना बजा कर डांस भी कर सकती हैं।  इससे आपका मूड बेहतर होगा, तनाव कम होगा तथा  आपका शारीरिक व्यायाम भी हो जाएगा। 
  • अपने आहार में ऐसी भोजन को शामिल करें जिसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है।  फाइबर शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं और यह चीनी तथा स्टाफ के अवशोषण को रोकने में भी मदद करते हैं।  फाइबर युक्त आहार गर्भावस्था के बाद वजन को कम करने में भी सहायता करता है। 
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बच्चे-को-डकार दूध पिने के बाद बच्चा उलटी कर देता है| बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार अवश्य दिलाना चाहिए| दूध पीते वक्त बच्चे के पेट में हवा चली जाती है| इस कारण बच्चे को गैस की समस्या का सामना करना पड़ता है| बच्चे को डकार दिलाने से उलटी (vomit) और हिचकी (बेबी hiccups) की समस्या से बचा जा सकता है|
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कैसे करे अपने शिशु के गर्भनाल की सही देखभाल
गर्भनाल-की-देखभाल जन्म के बाद गर्भनाल की उचित देखभाल बहुत जरुरी है। अगर शिशु के गर्भनाल की उचित देखभाल नहीं की गयी तो इससे शिशु को संक्रमण भी हो सकता है। नवजात शिशु में संक्रमण से लड़ने की छमता नहीं होती है। इसीलिए थोड़ी सी भी असावधानी बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
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छोटे बच्चों का डाइट प्लान (Diet Plan)
बच्चों-का-डाइट-प्लान एक साल से ले कर नौ साल (9 years) तक के बच्चों का डाइट प्लान (Diet Plan) जो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में सकारात्मक योगदान दे। शिशु का डाइट प्लान (Diet Plan) सुनिश्चित करता है की शिशु को सभी पोषक तत्त्व सही अनुपात में मिले ताकि शिशु के विकास में कोई रूकावट ना आये।
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क्यों होते हैं बच्चें कुपोषण के शिकार?
बच्चो-में-कुपोषण बच्चो में कुपोषण का मतलब भूख से नहीं है। हालाँकि कई बार दोनों साथ साथ होता है। गंभीर रूप से कुपोषण के शिकार बच्चों को उसकी बढ़ने के लिए जरुरी पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते। बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए हर संभव प्रयास जरुरी हैं क्योंकि एक बार अगर बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाये तो उसे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता।
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मेरे बच्चे को दूध से एलर्जी है - मुझे क्या करना चाहिए
बच्चे-को-दूध-से-एलर्जी दूध से होने वाली एलर्जी को ग्लाक्टोसेमिया या अतिदुग्धशर्करा कहा जाता है। कभी-कभी आप का बच्चा उस दूध में मौजूद लैक्टोज़ शुगर को पचा नहीं पाता है और लैक्टोज़ इंटॉलेन्स का शिकार हो जाता है जिसकी वजह से उसे उलटी , दस्त व गैस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ बच्चों में दूध में मौजूद दूध से एलर्जी होती है जिसे हम और आप पहचान नहीं पाते हैं और त्वचा में इसके रिएक्शन होने लगता है।
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