Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
हर बच्चे को कम से कम शुरू के 6 महीने तक माँ का दूध पिलाना चाहिए| इसके बाद अगर आप चाहें तो धीरे-धीरे कर के अपना दूध पिलाना बंद कर सकती हैं| एक बार जब बच्चा 6 महीने का हो जाता है तो उसे ठोस आहार देना शुरू करना चाहिए| जब आप ऐसा करते हैं तो धीरे धीरे कर अपना दूध पिलाना बंद करें।
कुछ मायें अपने बच्चों को 6 महीने तक स्तन पान कराती हैं तो कुछ मायें तब तक कराती हैं जब तक की बच्चा 2 साल का न हो जाये। बरहाल जो भी हो, एक बच्चे को कम से कम शुरुआती 6 महीने माँ का दूध ही पिलाना चाहिए। इस दौरान बच्चे को पानी तक नहीं पिलाना चाहिए क्योँकि इसका बेहद बुरा असर पड़ता है बच्चे पे। बच्चे के जन्म से पहले 6 महीने तक उसकी आहार और पानी की सारी आवश्यकता माँ के दूध के द्वारा पूरी हो जाती है। इस दौरान अगर माँ का दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं बन रहा है और दूध पिने के बाद भी बच्चे की भूख नहीं ख़त्म हो रही है तो उसे डॉक्टरी सलाह पे माँ के दूध के साथ-साथ formula milk भी दिया जा सकता है।
बच्चे में स्तन पान बंद कर ठोस आहार शुरू करते वक्त इस बात का ख्याल रखें की एका-एक स्तन पान करना न बंद कर दें। ऐसा करने पे दोनों माँ था बच्चे को समस्या हो सकती है। आपके स्तनों में निश्चित मात्रा मैं दूध हर दिन बनता है जितना की आप के बच्चे को आवश्यकता होती है। अगर आप एका-एक बच्चे को दूध पिलाना बंद कर दें तो आपके स्तनों में दूध भरे होने के कारण आपको दर्द और सूजन की समस्या का सामना करना पड़ेगा। कोशिश करें कि शिशु को धीरे-धीरे कर के अपना दूध पिलाना बंद करें। ये आप के बच्चे के लिए और आप के लिए दोनों के लिए अच्छा रहेगा। बच्चों में ठोस आहार की शुरुआत करते समय रखें कुछ खास बातों का ख्याल।
शिशु को 6 महीने बाद कभी भी स्तनपान करना आप बंद कर सकती हैं। क्योँकि 6 महीने के बाद से बच्चा ठोस आहार खा सकता है। बच्चे के ठोस आहार की शुरुआत धीरे-धीरे करें। धीरे-धीरे कर आप बच्चे को अपना स्तन पान करना बंद करें और उसी तरह थोड़े से शुरू कर धीरे-धीरे ठोस आहार की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। बच्चे में ठोस आहार की शुरुआत करने के बाद आप पाएंगे की अब बच्चे ज्यादा दूध पीने की मांग नहीं करता है। ऐसा इस लिए क्योँकि बच्चे का पेट भरा है। जब आप बच्चे को ठोस आहार दे रहें हैं तो ध्यान रहे की उस का पेट ठीक से भर जाये। 6 महीने के बच्चे को ठोस आहार में कुछ खास भोजन देने की आवश्यकता होती है।
बच्चे में स्तनपान छुड़ाने के लिए यहां दिए गए कुछ उपाय आप कर सकते हैं।
अक्सर ऐसा देखा गया है की कुछ महिलाएं अपने स्तनों के निप्पल पर कड़वी चीज़ें लगा देते हैं जैसे कि करेले या नीम का रस। इसके बाद जब बच्चा माँ का दूध पिता है तो फिर दुबारा माँ का दूध पिने से भागता है। कई महिलाओं के लिए यह एक आसान तरीका है 6 महीने के बाद बच्चे का स्तन पान छुड़ाने का।
बच्चे का स्तनपान छुड़ाने का सबसे बेहतरीन तरीका है की उसे रात में दूध पीने न दें। यह देखा गया है की बच्चे सबसे ज्यादा जिद माँ का दूध पिने की रात में ही करते हैं। ठोस आहार की शुरआत करते समय कोशिश करें की बच्चे को सोने से पहले कुछ ठोस पदार्थ या बाहरी दूध पीला दें ताकि उसका पेट भरा जाये। जब बच्चे का पेट भरा रहेगा तो वो दूध पिने का जिद भी नहीं करेगा।
ठोस आहार की शुरुआत करने के बाद धीरे-धीरे स्तन पान करना काम कर दें। अगर आप दिन भर में अपने बच्चे को 6 बार स्तन पान कराती थी तो अब इसे घटा कर तीन बार कर दें और फिर कुछ दिनों बाद इसे घटा कर 2 बार कर दें। धीरे-धीरे आपका बच्चे पूरी तरह स्तनपान करना बंद कर देगा। शुरुआती दिनों में बच्चे जब स्तन पान की जिद करे तो दिन के वक्त उसका ध्यान किन्ही और चीज़ों में लगा दीजिये।
अक्सर बच्चे दो वजह से स्तनपान करने की मांग करते हैं, एक जब वे भूखे हों और दूसरा तब जब वे insecure feel कर रहे हैं या माँ की निकटता खोज रहे हों तब। जब आप बच्चे को स्तनपान करना बंद कराने की तैयारी मैं हैं तो ध्यान रखें कि आप उसे समय-समय पर ठोस आहार और लिक्विड दे रही हों। जब बच्चे का पेट भरा रहेगा तो वो स्तनपान की मांग भी काम करेगा।
शुरुआती दिनों में आप अपने बच्चे को कुछ भी ऐसा न दें जिससे की उसके पाचन में समस्या हो। ठोस आहार की शुरुआत करने में आपको पुरे परिवार के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी। अपने परिवार से बात करें और मिल कर अपने बच्चे के ठोस आहार की शुरुआत करें।