Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺10 min read
आठ महीने की उम्र तक कुछ बच्चे दिन में दो बार तो कुछ बच्चे दिन में तीन बार आहार ग्रहण करने लगते हैं। अगर आप का बच्चा दिन में तीन बार आहार ग्रहण नहीं करना चाहता तो जबरदस्ती ना करें। जब तक की बच्चा एक साल का नहीं हो जाता उसका मुख्या आहार माँ का दूध यानि स्तनपान ही होना चाहिए। संतुलित आहार चार्ट

8 month old feeding schedule (७ महीने के बच्चे की आहार समय-सारणी) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।
बच्चा का आठ महीना पूरा होने पर बच्चों को दिए जाने वाले आहार के बारे मैं बहुत सी चिंतायें होती हैं। अब तक आपका बच्चा कम-से-कम तीन-से-चार प्रकार के आहारों से परिचित हो चूका होगा।
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अगर आप इस चिंता में हैं की आप अपने ७ माह के बच्चे को क्या आहार दे सकती हैं, उसे कौन सी सब्जी, फल या आहार दे सकती हैं या देना सुरक्षित है - इसे ध्यान से पढ़िए और साथ में download करिये आहार समय-सारणी (PDF file). इसका printout आप अपने fridge या kitchen में लगा सकती हैं। कहाँ से आप इसे आसानी से देख सकें।
8 माह के बच्चे का baby food chart और Indian Baby Food Recipe की इस लेख में आप जानेगे की ८ महीने के बच्चे को आहार देने का सही तरीका क्या है।
चूँकि आप का बच्चा अब 8 months का है इसका मतलब पिछले के दो महीने वो कई प्रकार के फल, आहार और सब्जियों का स्वाद ले चूका है। 6 months के बाद से बच्चों में ठोस आहार की शुरुआत कर देनी चाहिए। 6 और सात महीने के बच्चे के आहार सरणी के लिए आप हमारी यह लेख पढ़ सकती हैं - Solid food for 7 month old baby और Solid food for 8 month old baby।
शिशु आहार विशेषज्ञों की राय माने तो आठ महीने के बच्चो को दूध से बने उद्पाद (dairy products) जैसे की पनीर, दही, माखन इत्यादि दिया जा सकता है। हालाँकि कुछ विशेषज्ञों की राय में माँ-बाप को दूध से बने उद्पाद तबतक नहीं देने चाहिए जब तक की ९ महीने के बच्चे ना ही जाये।
आप अपने बच्चे को दूध से बने उद्पाद (dairy products) तो दे सकती हैं मगर उसे अभी गाय का दूध देना प्रारम्भ ना करें। आठवें महीने में आप के बच्चे का पेट इतना परिपक्व नहीं हुआ है की वो गाय का दूध पचा सके। जब तक की आप का बच्चा एक साल का ना हो जाये तब तक उसे गाय का दूध ना दें।
आहार आप के परिवार में ग्ध उत्पाद से एलर्जी का इतिहास है तो कुछ महीने और तहर जाने में ही समझदारी है।
सुनने में अटपटा लगेगा लेकिन आप अपने बच्चे के आहार में शुद्ध देशी घी और माखन दे सकती हैं - लेकिन दूध नहीं दे सकती हैं। शुद्ध देशी घी और माखन के इस्तेमाल से आप baby food का स्वाद और जायका दोनों बढ़ा सकते हैं।
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वैसे तो आठ महीने का शिशु दिन में तीन बार आहार ग्रहण करने योग्य हो जाता है - मगर फिर भी बच्चे को आहार खिलते वक्त उसके इस बात का ख्याल रखें की बच्चा असहज (uncomfortable) न महसूस करे। हर बच्चा अलग होता है और उसकी उसकी जरूरतें अलग होती हैं। आहार खिलते वक्त बच्चे के चहरे और उसके शरीर के हाव्-भाव का आंकलन करते रहें। इससे आपको पता चल जायेगा की आपको कब खाना खिलते वक्त रुक जाना चाहिए।
एक बार जब आपका बच्चा एक निश्चित मात्रा का आहार आराम से खाने लगे तब आप कुछ दिन रुक कर उस आहार की दो-तीन चमच मात्रा बड़ा सकती हैं। अगर आप का बच्चा इसे आसानी से ग्रहण कर ले तब तो यह बड़ी हुई मात्रा का आहार अपने बच्चे को दें वार्ना पहले जितना ही दें।
आठ महीने के बच्चे में कुछ दांतें आ जाती हैं मगर डटें न भी आयी हों तो बच्चे के जबड़े इस लायक होते हैं की वो आहार के छोटे टुकड़ों को खा सकें।
अगर आप बच्चे को puree दे रहे हैं तो puree देना बंद कर दें और इसके बदले मसला हुआ आहार देना प्रारम्भ कर दें। जैसे की उबले मसले हुआ आलू। बच्चा को दिया जाने वाला आहार पूरी तरह पका हुआ और नरम होना चाहिए।
चलिए अब देखते हैं की 8 month old feeding schedule क्या होना चाहिए।

आठ महीने की उम्र तक कुछ बच्चे दिन में दो बार तो कुछ बच्चे दिन में तीन बार आहार ग्रहण करने लगते हैं। अगर आप का बच्चा दिन में तीन बार भोजन ग्रहण करना नहीं चाहता तो इसमें कोई चिंता की बात नहीं। जब तक की बच्चा एक साल का नहीं हो जाता उसका मुख्या आहार माँ का दूध यानि स्तनपान ही होना चाहिए। स्तनपान के साथ साथ अगर बच्चा त्यार है तो तीन बार नहीं तो दिन दो बार या एक बार भी आहार सही है। जैसे-जैसे समय बीतेगा ठोस आहार की मात्रा आप बच्चे में बढ़ा सकती हैं। इसके साथ ही अगर बच्चा अभी दिन सिर्फ एक बार ही भोजन ग्रहण कर रहा है तो इसको बढ़ा कर दिन में दो बार, फिर कुछ समय पश्च्यात दिन में तीन बार कर दें। जल्दबाजी ना करें। अगर आप का बच्चा दिन में तीन बार आहार ग्रहण नहीं करना चाहता तो जबरदस्ती ना करें। बस इस बात का ध्यान रखें की अगर बच्चा ठोस आहार कम ग्रहण कर रहा है तो आप उसे स्तनपान के जरिये या फिर formula milk के द्वारा उसके आहार की आवश्यकता को पूरी कर दें।

8 महीने के बच्चे को केवल २-३ बड़ा चम्मच ठोस आहार की जरूर पड़ती है। मगर इस उम्र में कुछ बच्चे पूरा कटोरा आहार का खा लेते हैं तो कुछ बच्चे २-३ बड़ा चम्मच ठोस आहार का खाने में नखड़ा करते हैं। हर बच्चे अलग होता है। अपने बच्चे को दूसरे बच्चों से तुलना ना करें।
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नवजात शिशु में कब्ज की समस्या होना एक आम बात है। लेकिन कुछ घरेलु टिप्स के जरिये आप अपने शिशु के कब्ज की समस्या को पल भर में दूर कर सकेंगी। जरुरी नहीं की शिशु के कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए दावा का सहारा लिया जाये। नवजात शिशु के साथ-साथ इस लेख में आप यह भी जानेंगी की किस तरह से आप बड़े बच्चों में भी कब्ज की समस्या को दूर कर सकती हैं।
आसन घरेलु उपचार दुवारा अपने बच्चे के शारीर से चेचक, चिकन पॉक्स और छोटी माता, बड़ी माता के दाग - धब्बों को आसानी से दूर करें। चेचक में शिशु के शारीर पे लाल रंग के दाने निकल, लेकिन अफ़सोस की जब शिशु पूरितः से ठीक हो जाता है तब भी पीछे चेचक - चिकन पॉक्स के दाग रह जाते हैं। चेचक के दाग के निशान चेहरे और गर्दन पर हो तो वो चेहरे की खूबसूरती को बिगाड़ देते है। लेकिन इन दाग धब्बों को कई तरह से हटाया जा सकता है - जैसे की - चिकन पॉक्स के दाग हटाने के लिए दवा और क्रीम इस्तेमाल कर सकती हैं और घरेलु प्राकृतिक उपचार भी कर सकती हैं। हम आप को इस लेख में सभी तरह के इलाज के बारे में बताने जा रहें हैं।
12 साल तक की उम्र तक बच्चे बहुत तेजी से बढ़ते हैं और इस दौरान शिशु को सही आहार मिलना बहुत आवश्यक है। शिशु के दिमाग का विकास 8 साल तक की उम्र तक लगभग पूर्ण हो जाता है तथा 12 साल तक की उम्र तक शारीरिक विकास बहुत तेजी से होता है। इस दौरान शरीर में अनेक प्रकार के बदलाव आते हैं जिन्हें सहयोग करने के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है।
ये पांच विटामिन आप के बच्चे की लंबाई को बढ़ने में मदद करेगी। बच्चों की लंबाई को लेकर बहुत से मां-बाप परेशान रहते हैं। हर कोई यही चाहता है कि उसके बच्चे की लंबाई अन्य बच्चों के बराबर हो या थोड़ा ज्यादा हो। अगर शिशु को सही आहार प्राप्त हो जिससे उसे सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल सके जो उसके शारीरिक विकास में सहायक हों तो उसकी लंबाई सही तरह से बढ़ेगी।
मीठी चीनी किसे पसंद नहीं। बच्चों के मन को तो ये सबसे ज्यादा लुभाता है। इसीलिए रोते बच्चे को चुप कराने के लिए कई बार माँ-बाप उसे एक चम्मच चीनी खिला देते हैं। लेकिन क्या आप को पता है की चीनी आप के बच्चे के विकास को बुरी तरह से प्रभावित कर देते है। बच्चों को चीनी खिलाना बेहद खतरनाक है। इस लेख में आप जानेंगी की किस तरह चीनी शिशु में अनेक प्रकार की बिमारियौं को जन्म देता है।
शिशु के जन्म के बाद यानी डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या देखी गई है। हालांकि बाजार में बाल झड़ने को रोकने के लिए बहुत तरह की दवाइयां उपलब्ध है लेकिन जब तक महिलाएं अपने नवजात शिशु को स्तनपान करा रही हैं तब तक यह सलाह दी जाती है कि जितना कि जितना ज्यादा हो सके दवाइयों का सेवन कम से कम करें। स्तनपान कराने के दौरान दवाइयों के सेवन से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
गणतंत्र दिवस एक खुबसूरत अवसर है जिसका लाभ उठाकर सिखाएं बच्चों को आजादी का महत्व और उनमें जगाएं देश के संविधान के प्रति सम्मान। तभी देश का हर बच्चा बड़ा होने बनेगा एक जिमेदार और सच्चा नागरिक।
1 साल के शिशु (लड़के) का वजन 7.9 KG और उसकी लम्बाई 24 से 27.25 इंच के आस पास होनी चाहिए। जबकि 1 साल की लड़की का वजन 7.3 KG और उसकी लम्बाई 24.8 और 28.25 इंच के आस पास होनी चाहिए। शिशु के वजन और लम्बाई का अनुपात उसके माता पिता से मिले अनुवांशिकी और आहार से मिलने वाले पोषण पे निर्भर करता है।
कुछ घरेलु उपायों के मदद से आप अपने बच्चे की खांसी को तुरंत ठीक कर सकती हैं। लेकिन शिशु के सर्दी और खांसी को थिंक करने के घरेलु उपायों के साथ-साथ आप को यह भी जानने की आवशयकता है की आप किस तरह सावधानी बारात के अपने बच्चे को सर्दी और जुकाम लगने से बचा सकती हैं।
शिशुओं और बच्चों के लिए उम्र के अनुसार लंबाई और वजन का चार्ट डाउनलोड करें (Baby Growth Chart)
अक्सर नवजात बच्चे के माँ- बाप जल्दबाजी या एक्साइटमेंट में अपने बच्चे के लिए ढेरों कपडे खरीद लेते हैं। यह भी प्यार और दुलार जाहिर करने का एक तरीका है। मगर माँ-बाप अगर कपडे खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान न रखे तो कुछ कपड़ों से बच्चे को स्किन रैशेज (skin rash) भी हो सकता है।
घरेलु नुस्खे जिनकी सहायता से आप अपने बच्चे के पेट में पल रहे परजीवी (parasite) बिना किसी दवा के ही समाप्त कर सकेंगे। पेट के कीड़ों का इलाज का घरेलु उपाए (stomach worm home remedies in hindi). शिशु के पेट के कीड़े मारें प्राकृतिक तरीके से (घरेलु नुस्खे)
हमें आपने बच्चों को मातृभूमि से प्रेम करने की शिक्षा देनी चाहिए तथा उनके अंदर ये भावना पैदा करनी चाहिए की वे अपने देश के प्रति समर्पित रहें और ये सोचे की हमने अपने देश के लिए क्या किया है। वे यह न सोचे की देश ने उनके लिए क्या किया है। Independence Day Celebrations India गणतंत्र दिवस भारत नरेन्द्र मोदी 15 August 2017
अगर आप किसी भी कारण से अंगूर का छिलका उतरना चाहते हैं, तो इसका एक आसन और नायब तरीका है जिसके मदद से आप झट से ढेरों अंगूर के छिलकों को निकल सकते हैं| अब आप बिना समस्या के आसानी से अंगूर का छिलका उत्तार सकेंगे|
खिचड़ी हल्का होता है और आसानी से पच जाता है| पकाते वक्त इसमें एक छोटा गाजर भी काट के डाल दिया जाये तो इस खिचड़ी को बच्चे के लिए और भी पोषक बनाया जा सकता है| आज आप इस रेसिपी में एहि सीखेंगी|
अमेरिकी शोध के अनुसार जो बच्चे एक नियमित समय का पालन करते हैं उनमें मोटापे की सम्भावना काफी कम रहती है| नियमित दिनचर्या का पालन करने का सबसे ज्यादा फायदा प्री-स्कूली आयु के बच्चों में होता है| नियमित दिनचर्या का पालन करना सिर्फ सेहत की द्रिष्टी से ही महत्वपूर्ण नहीं है वरन इससे कम उम्र से ही बच्चों में अनुशाशन के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होती है|
युवा वर्ग की असीमित बिखरी शक्ति को संगठित कर उसे उचित मार्गदर्शन की जितनी आवश्यकता आज हैं , उतनी कभी नहीं थी। आज युवा वर्ग समाज की महत्वकांशा के तले इतना दब गया हैं , की दिग - भ्रमित हो गया हैं।
प्राथमिक उपचार के द्वारा बहते रक्त को रोका जा सकता है| खून का तेज़ बहाव एक गंभीर समस्या है। अगर इसे समय पर नहीं रोका गया तो ये आप के बच्चे को जिंदगी भर के लिए नुकसान पहुंचा सकता है जिसे शौक (shock) कहा जाता है। अगर चोट बड़ा हो तो डॉक्टर स्टीच का भी सहारा ले सकता है खून के प्रवाह को रोकने के लिए।
अनुपयोगी वस्तुओं से हेण्डी क्राफ्ट बनाना एक रीसाइक्लिंग प्रोसेस है। जिसमें बच्चे अनुपयोगी वास्तु को एक नया रूप देना सीखते हैं और वायु प्रदुषण और जल प्रदुषण जैसे गंभीर समस्याओं से लड़ने के लिए सोच विकसित करते हैं।
यह तो हर माँ-बाप चाहते हैं की उनका शिशु स्वस्थ और सेहत पूर्ण हो। और अगर ऐसे स्थिति में उनके शिशु का वजन उसके उम्र और लम्बाई (कद-काठी) के अनुरूप नहीं बढ़ रहा है तो चिंता करना स्वाभाविक है। कुछ आहार से सम्बंधित diet chart का अगर आप ख्याल रखें तो आप का शिशु कुछ ही महीनों कें आवश्यकता के अनुसार वजन बना लेगा।