Category: बच्चों की परवरिश
By: Salan Khalkho | ☺2 min read
चूँकि इस उम्र मे बच्चे अपने आप को पलटना सीख लेते हैं और ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, आप को इनका ज्यादा ख्याल रखना पड़ेगा ताकि ये कहीं अपने आप को चोट न लगा लें या बिस्तर से निचे न गिर जाएँ।

अगर आप का बच्चा तीन महीने का हो गया है तो - ढेर सारी बधाई!
यह लेख विशेष कर आप के लिए ही है।
अब आपका बच्चा कम रोता होगा नवजात बच्चे की तुलना में। आप उसे ज्यादा अच्छे से समझ पाती होंगी। और सबसे अच्छी बात जो है वो यह है की अब धीरे धीरे आपका बच्चा एक निश्चित दिनचर्या मे ढल रहा होगा।
आप के बच्चे का यह समय निश्चय ही आप के लिए एक बेहतरीन यादगार पल होगा। इस समय बच्चे अपने चारों तरफ मौजूद वस्तुओं और वातावरण का लिफ्ट उठाना शुरू करते हैं।
इस समय बच्चों के जो एक्सप्रेशन होते हैं उन्हें बस देखते रहने का जी करता है।
चूँकि इस उम्र मे बच्चे अपने आप को पलटना सीख लेते हैं और ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, आप को इनका ज्यादा ख्याल रखना पड़ेगा ताकि ये कहीं अपने आप को चोट न लगा लें या बिस्तर से निचे न गिर जाएँ।
आप ने अपने बच्चे का अब तक बेहतर ख्याल रखा, आगे और भी ज्यादा सतर्कता की जरुरत पड़ेगी। इस लेख मे आप जानेंगी की किस तरह आप अपने three Month Old बेबी का ख्याल रख पाएंगी।

अपने बच्चे को स्तन पान करना जारी रखें। स्तन-पान तीन महीने के बच्चे के लिए सबसे सेहतमंद और सबसे सुरक्षित आहार है।
तीन महीने के बच्चों मे खाने-पिने और सोने का routine विकसित होने लगती है। बच्चे को न तो पानी पिने को दें और न ही फलों का जूस। तीन महीने के बच्चे के पानी की सारी अवश्यकता स्तनपान से पूरी हो जाएगी।
अगर स्तनपान के बाद भी आपके बच्चे को भूख लगता है तो आप डॉक्टर से परामर्श कर के आप अपने बच्चे को formula milk भी दे सकते हैं।
तीन महीना होने पे आप पाएंगी की अगर आप बच्चे को किसी निश्चित समय पर कुछ दिन सुला देती हैं तो उसमें उस समय पे सोने की आदत पड़ जाती है।
तीन महीने का बच्चा एक बार मे 5 से 6 घंटा लगातार सोने भी लगते हैं। ऐसे मे आप बच्चे को रात मे सोने की आदत डाल सकती हैं। रात मे आप बच्चे को सुलाएं नहीं बल्कि कोशिश करें की बच्चा अपने आप सो जाये।
अगर बच्चा रात में उठ के रोने लगे तो, चिंता न करें, कुछ देर बाद बच्चे स्वतः ही सो जाते हैं।
तीसरे महीने से बच्चे ध्वनि और संकेतों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने की कोशिश करना शुरू कर देते हैं।
आप बच्चे को गाना सुना सकती हैं और कुछ-कुछ बातें कर सकती हैं। जरुरी नहीं की बच्चा समझे की आप क्या बातें कर रहीं हैं।
मगर वो आपके gesture को देख कर अंदाजा लगाने की कोशिश करेगा। तीन महीने का बच्चा चीज़ों को अच्छे से पकड़ना शुरू कर देता है। ऐसे में आप अपने बच्चे को खेलने के लिए soft toys दे सकते हैं।
आप अपने बच्चे के साथ peek-a-boo की तरह का खेल, खेल सकती हैं।
बच्चे मे आपको कई तरह के developmental changes देखने को मिलेंगे। आप का बच्चा चबाने और चूसने की कोशिश करेगा। वो लार भी चुआयेगा।
चूँकि अभी बच्चे मे कोई दाँत नहीं होगा, आप अपने बच्चे को चबाने के लिए thither या कोई खिलौना दे सकती हैं जो बच्चा चबा सकता है और जो बच्चों के लिए सुरक्षित भी हो।
तीन महीने की उम्र मे बच्चे बहुत नट-खट हो जाते हैं और हर चीज़ जो उनके निकट होती है वो उसको उठा कर अपने मुँह मे डालने की कोशिश करते हैं।
हर वो वास्तु जिससे आपके बच्चे को खतरा हो सकता है, अपने बच्चे की पहुँच से दूर रखें। सारी दवाइयां बंद अलमारी मे रखें। खिलौने जिनमें नोकीला धार हो, हटा दें।
कमरे की खिड़की और दरवाजों को disinfect कर के रखें। कमरा साफ रखें। हर वक्त ध्यान रखें की जमीं पर कोई ऐसी वास्तु न हो जिससे आप का बच्चा उठा के मुँह मे न डाल लें।
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बच्चों को उनके उम्र और वजन के अनुसार हर दिन 700-1000 मिग्रा कैल्शियम की आवश्यकता पड़ती है जिसे संतुलित आहार के माध्यम से आसानी से पूरा किया जा सकता है। एक साल से कम उम्र के बच्चों को 250-300 मिग्रा कैल्शियम की जरुरत पड़ती है। किशोर अवस्था के बच्चों को हर दिन 1300 मिग्रा, तथा व्यस्क और बुजुर्गों को 1000-1300 मिग्रा कैल्शियम आहारों के माध्यम से लेने की आवश्यकता पड़ती है।
ये आहार माइग्रेन के दर्द को बढ़ाते करते हैं। अगर माइग्रेन है तो इन आहारों को न खाएं और न ही किसी ऐसे व्यक्ति को इन आहारों को खाने के लिए दें जिसे माइग्रेन हैं। इस लेख में हम आप को जिन आहारों को माइग्रेन के दौरान खाने से बचने की सलाह दे रहे हैं - आप ने अनुभव किया होगा की जब भी आप इन आहारों को कहते हैं तो 20 से 25 minutes के अंदर सर दर्द का अनुभव होने लगता है। पढ़िए इस लेख में विस्तार से और माइग्रेन के दर्द के दर्द से पाइये छुटकारा।
शिशु के जन्म के पश्चात मां को अपनी खान पान (Diet Chart) का बहुत ख्याल रखने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय पौष्टिक आहार मां की सेहत तथा बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है। अगर आपके शिशु का जन्म सी सेक्शन के द्वारा हुआ है तब तो आपको अपनी सेहत का और भी ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद कौन सा भोजन आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर है।
गर्भधारण के लिए हर दिन सामान्य नहीं होता है। कुछ विशेष दिन ऐसे होते हैं जब महिला के गर्भवती होने की सम्भावना सबसे ज्यादा रहती है। इस समय अंतराल को स्त्री का फर्टाइल स्टेज कहते हैं। इस समय यौन सम्बन्ध बनाने से स्त्री के गर्भधारण करने की सम्भावना बाढ़ जाती है।
शिशु के जन्म के तुरंत बाद आपके शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे स्तनपान माताओं के लिए बेस्ट आहार। ये आहार ऐसे हैं जो डिलीवरी के बाद आपके शरीर को रिकवर (recover) करने में मदद करेंगे, शारीरिक ऊर्जा प्रदान करेंगे तथा आपके शिशु को उसकी विकास के लिए सभी पोषक तत्व भी प्रदान करेंगे।
बच्चों का और 20 वर्ष से छोटे सभी लोगों का BMI गणना केवल फॉर्मूले के आधार पे नहीं किया जाता है। इसके बदले, BMI chart का भी इस्तेमाल किया जाता है। BMI chart के आधार पे जिन बच्चों का BMI 5th percentile से कम होता है उन्हें underweight माना जाता है।
शिशु का वजन जन्म के 48 घंटों के भीतर 8 से 10 प्रतिशत तक घटता है। यह एक नार्मल से बात है और सभी नवजात शिशु के साथ होता है। जन्म के समय शिशु के शरीर में अतिरिक्त द्रव (extra fluid) होता है - जो शिशु के जन्म के कुछ दिनों के अंदर तेज़ी से बहार आता है और शिशु का वजन कम हो जाता है। लेकिन कुछ ही दिनों के अंदर फिर से शिशु का वजन अपने जन्म के वजन के बराबर हो जायेगा और फिर बढ़ता ही जायेगा।
बच्चे राष्ट्र के निर्माता होते हैं ,जिस देश के बच्चे जितने शक्तिशाली होंगे , वह देश उतना ही मजबूत होगा। बालदिवस के दिन देश के नागरिको का कर्त्तव्य है की वे बच्चों के अधिकारों का हनन न करें , बल्कि उनके अधिकारों की याद दिलाएं।देश के प्रत्येक बच्चे का मुख्य अधिकार शिक्षा ग्रहण कर अपना सम्पूर्ण विकास करना है , यह उनका मौलिक अधिकार है। - children's day essay in hindi
ठण्ड के दिनों में बच्चों को बहुत आसानी से जुकाम लग जाता है। जुकाम के घरेलू उपाय से आप अपने बच्चे के jukam ka ilaj आसानी से ठीक कर सकती हैं। इसके लिए jukam ki dawa की भी जरुरत नहीं है। बच्चों के शारीर में रोग प्रतिरोधक छमता इतनी मजबूत नहीं होती है की जुकाम के संक्रमण से अपना बचाव (khud zukam ka ilaj) कर सके - लेकिन इसके लिए डोक्टर के पास जाने की आवशकता नहीं है। (zukam in english, jukam in english)
D.P.T. का टीका वैक्सीन (D.P.T. Vaccine in Hindi) - हिंदी, - diphtheria, pertussis (whooping cough), and tetanus का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
अगर आप के बच्चे को दूध पिलाने के बाद हिचकी आता है तो यह कोई गंभीर बात नहीं है। कुछ आसान घरेलू नुस्खे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को हिचकी से निजात दिला सकती हैं।
अगर आप यह जानना चाहते हैं की आप के चहेते फ़िल्मी सितारों के बच्चे कौन से स्कूल में पढते हैं - तो चलिए हम आप को इसकी एक झलक दिखलाते हैं| हम आप को बताएँगे की शाह रुख खान और अक्षय कुमार से लेकर अजय देवगन तक के बच्चे कौन कौन से स्कूल से पढें|
इडली बच्चों के स्वस्थ के लिए बहुत गुण कारी है| इससे शिशु को प्रचुर मात्रा में कार्बोहायड्रेट और प्रोटीन मिलता है| कार्बोहायड्रेट बच्चे को दिन भर के लिए ताकत देता है और प्रोटीन बच्चे के मांसपेशियोँ के विकास में सहयोग देता है| शिशु आहार baby food
चावल का खीर मुख्यता दूध में बनता है तो इसमें दूध के सारे पौष्टिक गुण होते हैं| खीर उन चुनिन्दा आहारों में से एक है जो बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व देता है जो उसके बढते शारीर के अच्छे विकास के लिए जरुरी है|
सूजी का हलवा protein का अच्छा स्रोत है और यह बच्चों की immune system को सुदृण करने में योगदान देता है। बनाने में यह बेहद आसान और पोषण (nutrition) के मामले में इसका कोई बराबरी नहीं।
6 से 7 महीने के बच्चे में जरुरी नहीं की सारे दांत आये। ऐसे मैं बच्चों को ऐसी आहार दिए जाते हैं जो वो बिना दांत के ही आपने जबड़े से ही खा लें। 7 महीने के baby को ठोस आहार के साथ-साथ स्तनपान करना जारी रखें। अगर आप बच्चे को formula-milk दे रहें हैं तो देना जारी रखें। संतुलित आहार चार्ट
अनुपयोगी वस्तुओं से हेण्डी क्राफ्ट बनाना एक रीसाइक्लिंग प्रोसेस है। जिसमें बच्चे अनुपयोगी वास्तु को एक नया रूप देना सीखते हैं और वायु प्रदुषण और जल प्रदुषण जैसे गंभीर समस्याओं से लड़ने के लिए सोच विकसित करते हैं।
टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन vaccine - Td (tetanus, diphtheria) vaccine in hindi) का वैक्सीन मदद करता है आप के बच्चे को एक गंभीर बीमारी से बचने में जो टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) के वायरस द्वारा होता है। - टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Porridge made of pulses and vegetables for children is deliciously tasty which children will love eating and is also nutritionally rich for their developing body. पौष्टिक दाल और सब्जी वाली बच्चों की खिचड़ी बच्चों को बहुत पसंद आएगी और उनके बढ़ते शरीर के लिए भी अच्छी है
चेचक को बड़ी माता और छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों में चेचक बीमारी के वायरस थूक, यूरिन और नाखूनों आदि में पाएं जाते हैं। यह वायरस हवा में घुलकर साँस के द्वारा बच्चे के शरीर में आसानी से प्रवेश करते हैं। इस रोग को आयुर्वेद में मसूरिका के नाम से भी जाना जाता है।