Category: प्रेगनेंसी

मिसकैरेज क्यों होता है? लक्षण, कारण और बचाव

By: Admin | 11 min read

मुख्यता दस कारणों से मिसकैरेज (गर्भपात) होता है। अगर इनसे बच गए तो मिसकैरेज नहीं होगा। जाने की मिसकैरेज से बचाव के लिए आप को क्या करना और क्या खाना चाहिए। यह भी जाने की मिसकैरेज के बाद फिर से सुरक्षित गर्भधारण करने के लिए आप को क्या करना चाहिए और मिसकैरेज के बाद गर्भधारण कितना सुरक्षित है?

मिसकैरेज क्यों होता है लक्षण, कारण और बचाव

गर्भधारण के प्रथम 3 महीने में गर्भपात होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। गर्भधारण की प्रथम 20 दिन अधिकांश गर्भवती महिलाओं को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वह गर्भवती है।  इसी वजह से गर्भधारण के बाद महिलाओं को जो सावधानियां बरतनी चाहिए वह नहीं बरतती है जिस वजह से गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है। 

इसके अलावा गर्भधारण के और भी कई वजह होती है उदाहरण के लिए यह जेनेटिक कारणों से,  या प्लासेंटा की स्थिति सही ना होने की वजह से,  या फिर विजयनगर में इंफेक्शन की वजह से,  डायबिटीज या भारत के वजह से भी  गर्भपात की संभावना बनती है। 

प्रथम ट्राइमेस्टर में होने वाले 90% गर्भपात की वजह जेनेटिक कारण होता है। इसके साथ ही ज्यादा उछल, कूद डांस, दूसरे बच्चे का बहुत जल्दी आना भी गर्भपात होने की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। 

इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन-कौन से कारणों से मिसकैरेज होता है और आप किस प्रकार से इसका बचाव कर सकती हैं तथा मिसकैरेज के क्या लक्षण है।

इस लेख में: 

  1. मिसकैरेज के दस कारण
  2. मिसकैरेज या गर्भपात के लक्षण
  3. गर्भपात से बचाव
  4. गर्भधारण में इन बातों का ध्यान रखें
  5. बार बार गर्भपात होना
  6. गर्भपात के बाद स्त्री का शरीर
  7. गर्भपात के बाद फिर गर्भधारण कब करें
  8. मिसकैरेज के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होने के लिए यह करें

मिसकैरेज के दस कारण

मिसकैरेज के दस कारण

  1. गर्भधारण के प्रथम 3 महीने में गर्भपात होने की सबसे बड़ी वजह है बच्चेदानी में खराबी।  अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो 30 से 33% मामलों में शादी की समस्या होने की वजह से महिलाओं को गर्भपात का सामना करना पड़ा।  गर्भवती महिला के बच्चेदानी में किसी प्रकार का रोग का संक्रमण है तो गर्भपात होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। 
  2. अधिकांश मामलों में अगर बच्चेदानी में किसी प्रकार का रोग यह संक्रमण है तो सही इलाज के द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है।  लेकिन अगर महिला के बच्चेदानी में पहले से ही कोई खराबी है तो इसे इलाज द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है।  उदाहरण के लिए महिला की बच्चेदानी का एक की बजाये दो भागों में बटा होना। इस परिस्थिति में गर्भ  बच्चेदानी की किसी एक भाग में हो सकता है या दोनों भागों में भी हो सकता है।  
  3. अगर किसी महिला के बच्चेदानी का आकार  औसत से कम है तो गर्भ में पल रहे शिशु को पूरा पोषण नहीं मिल पाएगा और इस वजह से शिशु का विकास अच्छी तरह नहीं हो पाएगा और गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाएगी। 
  4. विश्व स्तर पर हुए शोध में यह पता लगा है कि बहुत से महिलाओं में गर्भधारण के प्रथम 3 महीनों में मिसकैरेज की वजह शराब सिगरेट यह नशीली दवाओं का सेवन भी है।  
  5. कुछ महिलाएं जो किसी लंबी बीमारी के कारण कई वर्षों तक  ऐसी दवाइयों का सेवन करती हैं जिसमें ड्रग्‍स की मात्रा ज्यादा होती है उनमें मिसकैरेज होने की संभावना 2 गुना बढ़ जाती है। 
  6. मिसकैरेज के 50% मामलों में पुरुष  भी जिम्मेदार होते हैं।  अगर पुरुष के वीर्य में किसी प्रकार की खराबी है यानी कि पुरुष के वीर्य में बच्चे बनाने वाले जीवाणु नहीं है या  उनके वीर्य के जींस में किसी प्रकार का वंशानुगत खराबी है तो इस वजह से भी गर्भधारण के बाद मिसकैरिज की संभावना बनी रहती है। 
  7. मिसकैरेज के कुछ मामलों में यह भी पाया गया कि गर्भवती महिला शारीरिक तौर पर गर्भधारण के लिए तैयार नहीं थी।  इसकी वजह शारीरिक कमजोरी या कोई रोग भी हो सकता है।  उदाहरण के लिए उपदंश रोग।  इसमें महिला गर्भवती तो बन जाती है लेकिन अधिकांश मामलों में गर्भपात हो जाता है।  
  8. मधुमेह यानी डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित होने की दशा में भी मिसकैरिज की संभावना बनी रहती है।  हलाकि अगर सही तरह से डॉक्टरी इलाज किया जाए तो मिसकैरिज की संभावना को टाला जा सकता है।  शारीरिक रोग जिनकी वजह से मिसकैरेज होने की संभावना रहती है वह इस प्रकार से हैं: 
      • मधुमेह
      • उपदंश
      • क्रानिक नेफराइटिस
      • गुर्दे में खराबी
      • हाई ब्लडप्रेशर
      • बच्चेदानी में रसौली
      • एनीमिया 
      • पोषण की कमी
  9. गर्भवती महिला अगर जहरीली गैस कीटनाशक जा रेडिएशन के संपर्क में आती है तो इस से भी मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर इस वजह से स्त्री को गर्भपात हुआ है तो उसे अब 3 महीने रुकने के बाद ही गर्भ धारण करना चाहिए।
  10. माता पिता के गुणसूत्र असामान्यताओं के कारण भी  गर्भपात होने की संभावना रहती है। 

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मिसकैरेज या गर्भपात के लक्षण

मिसकैरेज या गर्भपात के  लक्षण

हर गर्भवती महिला को मिसकैरेज यानी कि गर्भपात के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए।  गर्भकाल के दौरान अगर उन्हें निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो बिना समय गवाएं तुरंत डॉक्टर की राय लेनी चाहिए

  • असामान्य तरीके से वजन घटना
  •  पीठ दर्द जो हल्का भी हो सकता है और गंभीर पीड़ादायक दी
  • मासिक धर्म के दौरान दर्द का होना
  •  हर 5 से 20 मिनट के अंतराल के दौरान पेट में मरोड़े वाला दर्द होना
  •  गुलाबी यह सफेद रंग के म्यूकस का निकलना
  •  गर्भावस्था के लक्षणों में कमी आना
  •  योनि मार्ग से खून का थक्का निकलना
  •  योनि मार्ग में तेज दर्द होना 
  •  भूरे या चमकीले लाल रंग का खून निकलना 

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गर्भपात से बचाव

गर्भपात से बचाव

अगर आप मात्र कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप गर्भपात की स्थिति से बच सकती है।  इसके लिए आपको 

  1. गर्भधारण के बाद हर तरह से स्वस्थ आदतों को अपनाना चाहिए।  
  2. आप अपनी सेहत का खास ख्याल रखें ताकि मिसकैरेज के खतरे से दूर रहे।
  3. आप अपनी डाइट में ऐसे पौष्टिक आहार ओ को सम्मिलित करें जिनसे आपको आयरन फोलिक एसिड आदि पोषक तत्व मिल सके।  यह पोषक तत्व ऐसे हैं जिनकी आवश्यकता गर्भधारण के दौरान आपके शरीर को पड़ती है। अगर आप हर दिन पौष्टिक आहार का सेवन करेंगे तो गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में खून की कमी नहीं होगी।
  4. पुरे गर्भकाल के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम करते रहे।  गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर की राय अवश्य लेंगे।  व्यायाम करने से शरीर क्रियाशील बना रहेगा और हर प्रकार की बीमारी से दूर रहेगा।  यह गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। 
  5. गर्भ धारण करने से कई महीने पहले ही ध्रुमपान और मदिरा का सेवन पूर्ण तरह से बंद कर दें। तथा गर्भधारण के बाद इनसे दूरी बनाए रखें।
  6. गर्भधारण के दौरान अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या  का सामना करना पड़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय पर उचित देखभाल किया जा सके। 
  7. गर्व काल के दौरान अत्यधिक चाय कॉफी का भी सेवन ना करें।  कोल्ड ड्रिंक में भी कैफीन की मात्रा होती है इसीलिए इसका भी सेवन ना करें। 
  8. अगर आपको अपने कार्य के वजह से बहुत देर तक कंप्यूटर के सामने बैठना पड़ता है तो हर थोड़ी थोड़ी देर पर अपनी स्पीड से उठकर एक 2 मिनट के लिए वॉकिंग कर ले। ऐसा नहीं करने से दिनभर एक सीट पर बैठ कर कार्य करने के बाद आपके लिए बहुत थकान हो सकता है। 
  9. मिसकैरेज से बचने के लिए गर्भधारण के शुरुआती दिनों से ही आपको अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।  समय-समय पर डॉक्टर से मिलते रहे और डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने जीवन को ऑर्गेनाइज करें। 

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गर्भधारण में इन बातों का ध्यान रखें

गर्भधारण में इन बातों का ध्यान रखें

अपने ऊपर तनाव को हावी होने ना दें।  अच्छी किताबें पढ़ें,  अच्छी गाने सुनें,  दोस्तों के साथ कुछ समय बिताएं और अपने तनाव को नियंत्रण में रखें।

  • अपने खानपान में पौष्टिक आहार का ख्याल रखें
  • अपने वजन को नियंत्रण में रखें
  • फोलिक एसिड (folic acid)  का  सेवन हर दिन करें
  • किसी भी दवा को खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले ले।  अगर गर्भ धारण करने से पहले आप कोई दवा खा रहे थे तो इसके बारे में भी अपने डॉक्टर को बताएं
  • अपने पेट को सुरक्षित रखें और हर दिन व्यायाम करें

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बार बार गर्भपात होना

बार बार गर्भपात होना

 अगर आपका मिसकैरेज कई बार हो चुका है तो यह बहुत ही दुख की बात है।  आपको अगली बार गर्भधारण करने से पहले अपने डॉक्टर से मिलकर इसके विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।  इससे आपको यह बात पता चलेगी कि आप का गर्भपात बार-बार किन कारणों से हो रहा है।  मिसकैरेज बहुत से कारणों से होता है।  सही कारण का पता लगने के बाद आप उस बात का ख्याल रख पाएंगे और अगली बार गर्भपात होने से अपने गर्भ को बचा सकेंगे। 

गर्भपात के बाद स्त्री का शरीर

गर्भपात के बाद स्त्री का शरीर

 मिसकैरेज की वजह से गर्भवती स्त्री के शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है।  इसकी वजह से अगली बार गर्भधारण करने में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।  इसीलिए अगर आपका एक बार गर्भपात हो चुका है तो यह जरूरी है कि आप समय-समय पर अपने आप को डॉक्टर को दिखाती रहे ताकि जरूरी जांच हो सके।  गर्भधारण करने की स्थिति में अगर आपको ऊपर बताएंगे कोई भी लक्षण दिखे तो बिना समय गवाएं तुरंत डॉक्टर से मिले।  सही जानकारी होने पर आप मिसकैरिज की संभावना से अपने गर्भ का बचाव कर सकेंगी। 

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गर्भपात के बाद फिर गर्भधारण कब करें

गर्भपात के बाद फिर गर्भधारण कब करें

  • मिसकैरेज के 85% मामलों में  अगली बार महिलाओं को सामान्य गर्भधारण होता है और वे आगे चलकर के स्वस्थ शिशु को जन्म दे पाती है। अगर आप एक बार गर्भपात की स्थिति से गुजर चुकी है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप फिर कभी मां नहीं बन सकती है या फिर आप में प्रजनन से संबंधित कोई समस्या है। 
  • 1 से 2% महिलाओं में बार बार गर्भपात होता है।  विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्वत: प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया (Autoimmune response) की वजह से होता है।  इस परिस्थिति में स्त्री का शरीर गर्भ को पहचान नहीं पाता है और बाहरी तत्व समझ कर उसे नष्ट कर देता है। 
  • अगर किसी महिला को दो बार गर्भपात हो चुका है तो उसे फिर से प्रयास करने से पहले डॉक्टर से मिलना चाहिए और गर्भपात की सही वजह का पता लगाना चाहिए।  इसके उचित इलाज के बाद ही गर्भधारण के लिए प्रयास करना चाहिए। 

मिसकैरेज के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होने के लिए यह करें

मिसकैरेज के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होने के लिए यह करें

अधिकांश मामलों में गर्भपात इस वजह से होता है क्योंकि उचित सावधानी नहीं बरती गई है।  अगली बार गर्भधारण करने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखें ताकि गर्भपात की परिस्थिति से बचा जा सके:

  1. गर्भपात के बाद जब तक आपका कम से कम दो मानसिक धर्म चक्र पूरा ना हो जाए तब तक फिर से आप गर्भधारण करने की कोशिश ना करें। 
  2. आप अपने  डाइट में स्वस्थ और संतुलित आहार लें। 
  3. नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने वजन को नियंत्रण में रखें।  और सबसे अधिक वजन होना भी गर्भपात की वजह बनता है।
  4.  गर्भधारण के बाद शराब ध्रुमपान और कैफीन के सेवन से बचें
  5. अपने चिकित्सक से सलाह के अनुसार, प्रतिदिन प्रसव पूर्व विटामिन (Prenatal vitamins) और फोलिक एसिड की खुराक लें।
  6. गर्भधारण के दौरान अगर आप को बुखार चढ़ता है तो तुरंत डॉक्टर की राय लें।  बुखार संक्रमण की निशानी है और  गर्भ के संक्रमण की ओर भी इशारा करता है।  इसकी वजह से बांझपन का भी खतरा बन जाता है। 
  7. किसी भी असामान्य योनिस्राव को अनदेखा न करें।
  8. गर्भपात के बाद जब तक आप पूर्ण रुप से स्वस्थ ना हो जाए तब तक संभोग से बचें ताकि बच्चेदानी को कोई नुकसान ना पहुंचे। 

इन बातों का अगर आप ध्यान रखेंगे तो आप फिर से जल्द ही पूर्ण रुप से स्वस्थ हो सकेंगी और आपका शरीर मां बनने के लिए फिर से तैयार हो सकेगा। 

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ड्राई-फ्रूट-चिक्की हर प्रकार के मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर, बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स बहुत पौष्टिक हैं| ये विविध प्रकार के नुट्रिशन बच्चों को प्रदान करते हैं| साथ ही साथ यह स्वादिष्ट इतने हैं की बच्चे आप से इसे इसे मांग मांग कर खयेंगे|
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बच्चों को ड्राइफ्रूट्स खिलाने के फायदे
बच्चों-के-ड्राई-फ्रूट्स क्या आप चाहते हैं की आप का बच्चा शारारिक रूप से स्वस्थ (physically healthy) और मानसिक रूप से तेज़ (mentally smart) हो? तो आपको अपने बच्चे को ड्राई फ्रूट्स (dry fruits) देना चाहिए। ड्राई फ्रूट्स घनिस्ट मात्रा (extremely rich source) में मिनरल्स और प्रोटीन्स प्रदान करता है। यह आप के बच्चे के सम्पूर्ण ग्रोथ (complete growth and development) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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