Category: शिशु रोग
By: Admin | ☺18 min read
बच्चों का शारीर कमजोर होता है इस वजह से उन्हें संक्रमण आसानी से लग जाता है। यही कारण है की बच्चे आसानी से वायरल बुखार की चपेट पद जाते हैं। कुछ आसन घरेलु नुस्खों के दुवारा आप अपने बच्चों का वायरल फीवर का इलाज घर पर ही कर सकती हैं।
जब बच्चे छोटे होते हैं तो उन्हें आसानी से संक्रमण लग जाता है। छोटे बच्चों का रोग प्रतिरोधक तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता है। इस वजह से उनका शरीर आसानी से संक्रमण का शिकार हो जाता है।
शिशु के जीवन के प्रथम 4 साल ऐसे होते हैं जब वह सबसे ज्यादा बीमार पड़ता है।
चाहे आप जितना भी कोशिश कर ले अपने बच्चे को संक्रमण से बचाने का, उसे कोई ना कोई बीमारी लग ही जाती है। शिशु का शरीर बहुत नाजुक होता है और इस वजह से मौसम के थोड़े से बदलाव से ही बच्चे बीमार पड़ जाते हैं।
बच्चों में वायरल फीवर एक बहुत ही आम समस्या है। वायरल फीवर बच्चों को संक्रमण की वजह से लगता है।
जितना हो सके अपने बच्चे को बिस्तर पर आराम करने दें। विश्राम करने से शिशु का शरीर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल संक्रमण से लड़ने में करेगा। आपका बच्चा जितना ज्यादा आराम करेगा उसके स्वास्थ्य को उतना जल्दी फायदा पहुंचेगा।
जिन बच्चों का रोग प्रतिरोधक तंत्र बहुत मजबूत होता है उन्हें आसानी से बुखार नहीं होता है। बच्चों को विभिन्न प्रकार के आहार देने से उन्हें अनेक प्रकार के पोषक तत्व जैसे कि विटामिन और मिनरल मिलते हैं।
कई महत्वपूर्ण विटामिंस और मिनरल्स शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं, शारीरिक विकास में मदद करते हैं और शिशु के शरीर को संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाते हैं।
जिन बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिलता है या जो बच्चे फास्ट फूड पर ज्यादा निर्भर रहते हैं, अक्सर उनके शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
यही वजह है कि ये बच्चे आसानी से संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। अगर आप अपने बच्चे को हर प्रकार की बीमारी और संक्रमण से बचा के रखना चाहती हैं तो उसके आहार में विभिन्न प्रकार के मौसम के अनुरूप फल और सब्जियों को सम्मिलित करें।
इससे आपके शिशु को वह सारे पोषक तत्व मिल पाएंगे जिनका उसके शरीर को समय-समय पर जरूरत पड़ता हैं।
बच्चों में वायरल फीवर का इलाज कई तरह के घरेलू नुस्खे के द्वारा किया जा सकता है। वायरल फीवर में शिशु की उचित देखरेख और उसका इलाज घर पर ही आप आसानी से कर सकते हैं।
लेकिन फिर भी यह आवश्यक है की वायरल फीवर होने की स्थिति में आप अपने शिशु को नजदीकी शिशु स्वास्थ्य केंद्र पर अवश्य लेकर जाएं या किसी शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाएं ताकि इलाज के लिए सही मार्गदर्शन प्राप्त हो सके।
हर बच्चे का शरीर कई मायने में अलग होता है। इसीलिए आपकी शिशु के शरीर की वास्तविक चिकित्सीय स्थिति को देखकर आपके बच्चे का डॉक्टर सही राय दे सकता है।
छोटे बच्चों का शरीर बहुत नाजुक होता है इसीलिए यह जरूरी है कि उन्हें समय पर सही उपचार मिल सके।
बच्चों में वायरल फीवर के इलाज के लिए भारत में सदियों से अनेक प्रकार की घरेलू नुक्से प्रचलित है। इन्हें सदियों से आजमाया और परखा गया है।
भारत में इनका इस्तेमाल आज भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और साथ ही घरेलू उपचार में इस्तेमाल सामग्री आपको आसानी से अपने किचन में मिल जाएगा।
हल्दी एक प्राकृतिक एंटीआक्सीडेंट है। इसमें बुखार को ठीक करने के गुण विद्यमान है। एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच सोंठ पाउडर को एक कप पानी में मिलाएं इसमें थोड़ा सा चीनी डालकर गर्म करें। जब पानी उबलने लगे तो आंच को बंद कर दें।
आप अपने बच्चे को दिन भर में थोड़ा थोड़ा करके इसे पीने को दे सकते हैं। वायरल फीवर में इससे आपके बच्चे को बहुत आराम पहुंचेगा।
हल्दी की तरह तुलसी में भी प्राकृतिक रूप से एंटीबायोटिक गुण होते हैं। अपने एंटीबायोटिक गुणों के कारण तुलसी शिशु के शरीर में मौजूद वायरस को खत्म करने में सक्षम है।
एक चम्मच लोंग को तुलसी के 15 ताजे पत्तों के साथ आधा लीटर पानी में उबालें। जब पानी कुछ देर तक उबल जाए, तो इसे आंच से उतार लें और पानी को छानकर अलग रख लें।
इसकी थोड़ी सी मात्रा आप अपने बच्चे को हर घंटे में एक बार पीने को दें। आपके बच्चे को वायरल फीवर में जल्द आराम मिलेगा।
यूं तो धनिया सेहत के लिए बहुत ही धनी होता है, लेकिन वायरल बुखार में यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।
धनिया वायरल जैसे कई प्रकार के रोगों का खात्मा करने का क्षमता रखता है। वायरल बुखार को खत्म करने के लिए धनिया से बना चाय बहुत ही कारगर औषधि है।
मेथी बहुत ही आसानी से लगभग सभी भारतीय घरों में मिल जाएगा। इसका इस्तेमाल कई प्रकार से भारतीय व्यंजनों में होता है।
शिशु के वायरल फीवर के उपचार के लिए आप मेथी के दानों को एक कप पानी में भिगोकर रत भर के लिए छोड़ दें।
सुबह उठकर मेथी को छानकर अलग कर लें और इस पानी को थोड़ा-थोड़ा करके अपने शिशु को हर 1 घंटे में पिलाएं। इससे आपके शिशु को वायरल बुखार में बहुत आराम मिलेगा।
नींबू का रस और शहद का मिश्रण शिशु में वायरल फीवर के इलाज के लिए बहुत ही कारगर औषधि है।
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