Category: स्वस्थ शरीर
By: Salan Khalkho | ☺2 min read
दिन भर की व्यस्त जिंदगी में अगर आप को इतना समय नहीं मिलता की बच्चे के साथ कुछ समय बिता सकें तो रात को सोते समय आप बच्चे को अपना समय दे सकती हैं| बच्चों को रात में सोते वक्त कहानी सुनाने से बच्चे के बौद्धिक विकास को गति मिलती है और माँ और बच्चे में एक अच्छी bonding बनती है|
आज के बदलते दौर में हर बच्चे के लिए घर में एक कमरा बनाया जाता है। या फिर बच्चे के लिए घर में अलग सोने का इंतेज़ाम किया जाता है। लेकिन अगर बच्चा अलग कमरे में सोये तो यह आदत उसे कई मायने मैं माँ-बाप से अलग कर देती है। जितना हो सके अपने बच्चे को आपने पास सुलाएं।
जब बच्चा रात को माँ-बाप से साथ सोता है तो वो अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। जब बच्चा अकेला सोता है तो काफी असुरक्षित महसूस करता है। जो बच्चे माँ-बाप से अलग सोते हैं वे अक्सर रात को रोते हुए पाए जाते हैं, या सोते-सोते अचानक से उठ जाते हैं या उनकी नींद पूरी नहीं होती है।
दिन भर की व्यस्त जिंदगी में अगर आप को इतना समय नहीं मिलता की बच्चे के साथ कुछ समय बिता सकें तो रात को सोते समय आप बच्चे को अपना समय दे सकती हैं। अगर आप का बच्चा आप से रात में कहानी सुनने की जिद करता है तो इसका मतलब यह नहीं की आप के बच्चे का सोने का मन नहीं है। बल्कि इसका मतलब यह है की आप का बच्चा आप के साथ कुछ और समय बिताना चाहता है। बच्चों को रात में सोते वक्त कहानी सुनाने से बच्चे के बौद्धिक विकास को गति मिलती है और माँ और बच्चे में एक अच्छी bonding बनती है।
बच्चे को अपने साथ बिस्तर पे सुलाने का एक और फायदा यह भी है की आप उसे कहानियों के जरिये अच्छे-अच्छे संस्कार सीखा सकती हैं। नाजुक उम्र में ही जिन बच्चों में अच्छे संस्कारों की नीव पड़ जाती है बाद में उनके भविष्य निर्माण में सहायता मिलती है। बचपन में सुनाई गई कहानियों के सिख वो जिंदगी भर याद रखते हैं।
जो माताएं बच्चों को अपने साथ सुलाती हैं उन्हें रात में बच्चों को स्तनपान करने में काफी सहूलियत होती है। अगर बच्चा दूसरे कमरे में सोता है तो आप को रात में बार-बार बिस्तर छोड़ के बच्चे को दूध पिलाने के लिए दूसरे कमरे में जाना पड़ेगा।
बच्चों पे हुए शोध में यह बात प्रमाणित हो चुकी है की जो बच्चे माँ-बाप के साथ सोते हैं, उनका दूसरे बच्चों के मुकाबले आत्मविश्वास ज्यादा रहता है, आत्मसम्मान बढ़ता है, ज्यादा खुश रहते हैं, और अपनी जिंदगी से संतुष्ट रहते हैं।
अगर आप के बच्चे आप के साथ सोते हैं तो आप उससे दिन भर का ब्यौरा पूछ सकते हैं। जान सकते हैं की उसका दिन कैसा गुजरा और कल के दिन की क्या खास बात है। साथ सोने से बच्चा आप को बिना परेशानी दिल की सारी बात बताएगा और बिना किसी मानसिक परेशानी के आराम से सोयेगा।
जब बच्चा साथ सोता है तो आप बच्चे के लिए हैल्दी बैड टाइम रुटीन स्थापित कर सकती हैं। हर दिन बच्चा अगर सोने की रूटीन का पालन करेगा (एक ही समय पे सोयेगा) तो उसका नींद पूरी होगी और नींद अच्छी आएगी। स्वस्थ लाइफस्टाइल के लिए सोने की रूटीन का पालन करना जरुरी है।
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