Category: बच्चों की परवरिश
By: Miss Vandana | ☺4 min read
बच्चे राष्ट्र के निर्माता होते हैं ,जिस देश के बच्चे जितने शक्तिशाली होंगे , वह देश उतना ही मजबूत होगा। बालदिवस के दिन देश के नागरिको का कर्त्तव्य है की वे बच्चों के अधिकारों का हनन न करें , बल्कि उनके अधिकारों की याद दिलाएं।देश के प्रत्येक बच्चे का मुख्य अधिकार शिक्षा ग्रहण कर अपना सम्पूर्ण विकास करना है , यह उनका मौलिक अधिकार है। - children's day essay in hindi
चाचा नेहरु का बच्चो से है बहुत पुराना नाता
जन्मदिन चाचा नेहरु का बाल दिवस कहलाता
चाचा नेहरु ने देखे थे नवभारत के सपने
उस सपने को पूरा कर सकते है उनके अपने बच्चे
हमारे भारत में बहुत से त्योहार और उत्सव मनाये जाते हैं। लोग उसे बहुत ही उत्साह से मानते हैं। जिस तरह से ५ सितम्बर , डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है , उसी तरह से १४ नवंबर को जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस को बालदिवस के रूप में मनाया जाता है। वैसे तो पूरे विश्व में बालदिवस २० नवंबर को मनाया जाता है , लेकिन प्रत्येक देश इस दिन को अलग-अलग तारीखों में मनाते हैं।
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भारत में १४ नवंबर को बाल दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस एक यादगार हो, क्योंकि वे एक स्वतंत्रता सेनानी होते हुए बच्चों से बेहद प्यार करते थे। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। चाचा नेहरू को बच्चों के साथ साथ गुलाब बहुत ही प्रिय था। वे अपने कोट पर एक गुलाब का फूल अवश्य लगाते थे। गुलाब की एक खासियत होती है की वह काँटों में खिलने के बावजूद हमेशा ताजगी से भरपूर होता है और हमेशा मुस्कुराता रहता है। चाचा नेहरू इन फूलों में बच्चों का प्रतिबिम्ब देखते थे। आज भी बाल दिवस चाचा नेहरू की उपस्थिति का एहसास कराता है।
बालदिवस , जैसा की उसके नाम से ही विदित है की यह बच्चों का दिन है। बच्चे राष्ट्र के निर्माता होते हैं ,जिस देश के बच्चे जितने शक्तिशाली होंगे , वह देश उतना ही मजबूत होगा। बालदिवस के दिन देश के नागरिको का कर्त्तव्य है की वे बच्चों के अधिकारों का हनन न करें , बल्कि उनके अधिकारों की याद दिलाएं।देश के प्रत्येक बच्चे का मुख्य अधिकार शिक्षा ग्रहण कर अपना सम्पूर्ण विकास करना है , यह उनका मौलिक अधिकार है।
आज भी हमारे देश के ४०% बच्चे मज़दूरी या बालश्रम करने को मज़बूर हैं। वे अपनी तथा अपने परिवार की जीविका अपने श्रम से चलातें हैं। सर्व शिक्षा अभियान बहुत हद तक लागू हुआ है और कुछ सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गया है। पढ़ने लिखने की उम्र में यदि यह मेहनत -मज़दूरी करेंगे तो इनकी बुद्धि का विकास कैसे होगा।
बाल दिवस एक ऐसा आइना है जो बच्चों को उनके अधिकारों की याद दिलाते है और उनके कानूनी हक़ से उन्हें अवगत कराते हैं। बहुत से बच्चे ऐसे भी है जिन्हे दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता है, वे जगह -जगह भीख मांगते नजर आते है। सरकार इन बच्चो के संरक्षण के लिए कृतसंकल्प है।
बाल दिवस के माध्यम से आगे वाली पीढ़ी को आज़ादी के बारे में बताया जाता है। यह एक त्यौहार नहीं बल्कि बच्चों को उनके अधिकार और कर्तव्यों के बारे में सजग करने का एक तरीका है। आज बालदिवस के इस शुभ अवसर पर हम अपने देश के सभी बच्चों को हार्दिक बधाई और शुभ कामना देते हुए यह चाहते हैं की सभी बच्चे अपनी अलग अलग परिस्थितियों में रहते हुए भी अपने बुद्धि और बल के द्वारा पूरे विश्व में अपना परचम लहराएं तथा जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ते हुए भारत के स्वर्णिम भविष्य को बनाये रखें।
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