Category: बच्चों की परवरिश
By: Admin | ☺8 min read
कहानियां सुनने से बच्चों में प्रखर बुद्धि का विकास होता है। लेकिन यह जानना जरुरी है की बच्चों को कौन सी कहानियां सुनाई जाये और कहानियौं को किस तरह से सुनाई जाये की बच्चों के बुद्धि का विकास अच्छी तरह से हो। इस लेख में आप पढ़ेंगी कहानियौं को सुनने से बच्चों को होने वाले सभी फायेदों के बारे में।
बच्चों को कहानियां सुन्ना बहुत पसंद आता है।
क्या आप रात को सोने से पहले बच्चों को कहानियां सुनती हैं?
अगर नहीं सुनाती हैं, तो सुनना शुरू कीजिये!
हाल ही में हुए अमेरिकी शोध में यह बात सामने आयी है की जो माँ - बाप अपने बच्चों को कहानियां सुनते हैं, उनके बच्चों में प्रखर बुद्धि का विकास होता है।
लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है।
शोध में यह भी पता चला है की कहानियां सुनाने से बच्चों का माता-पिता के साथ सम्बन्ध भी गहरा होता है और बच्चों के अंदर आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
बच्चों के अंदर बात-चीत करने के कौशल का विकास भी होता है।
शोध के अनुसार 18 से 25 महीने के बच्चे, जिनके माँ-बाप हर दिन बच्चो को किताबों से कहानियां पढ़ कर सुनते थे, उनके बच्चे दुसरे बच्चों की तुलना में ज्यादा शब्दों को बोलने और समझने लगे।
अमेरिकी शोध विशेषज्ञ - Mary Ellen Chase के अनुसार बच्चों के जीवन में किताबों का कोई विकल्प नहीं है।
बच्चों को गोदी में ले कर कहानियां सुनाने से ज्यादा आनंद शायद ही किसी अन्य चीज़ से माँ-बाप को मिले। बच्चों को बहुत छोटे उम्र से ही, सोने से पहले किताबों से कहानियां पढ़ कर सुनाने से बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास होता है। ये आदत उनके आगे की जीवन के लिए बहुत फायदेमंद है।
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बच्चों को छोटी उम्र से ही कहानिया सुनाने से ये निम्न फायदे होते हैं।
जब माँ-बाप बच्चों को कहानियों किताब पढ़ कर को सुनाते हैं तो बच्चों में दृश्य और मोटर कौशल का विकास होता है। बच्चे अपने छोटे मांसपेशियों का उपयोग करना सीखते हैं जिसे मोटर कौशल कहते हैं।
इसमें बच्चों को छोटी वस्तुएं पकड़ने, कपड़े खोलने, पन्नों को बदलना, हातों से पकड़ के खाने के कौशल का विकास होता है।
जब आप बच्चे को कहानी सुना रहे होते हैं तो बच्चे को समय मिलता है की वो शांत हो कर एक जगह बैठ कर या लेट कर कहानी सुने। इससे बच्चे में शांति से बैठने और ध्यान केंद्रित करने की छमता का भी विकास होता है।
कहानियों में इस्तेमाल हुए विभिन्न पात्रों की वजह से बच्चे में कोतुहल बढ़ता है। उनकी कल्पना शक्ति को पंख मिलता है और वे कहानियों की एक नई दुनिया के बारे में समझना शुरू करते हैं।
किताबों के रूप में आप बच्चों को जिंदगी भर के लिए एक सच्चा दोस्त दे सकती हैं। जब आप बच्चों को कहानियां सुनाये तो इस तरह सुनाएँ की वे interactive हों।
इससे बच्चों का IQ लेवल बढ़ेगा। बच्चे कहानियों की दुनिया और हकीकत की दुनिया में भेद करना सीखते हैं।
कहानी बताते वक्त आप किस तरह का body language और gestures का इस्तेमाल करते हैं, ये बहुत महत्वपूर्ण है। इससे बच्चे में verbal और non-verbal communication skills का विकास होता है।
एक बार जब बच्चे में छोटी उम्र से ही किताब पढ़ने की आदत बन जाती है तो उसमे दुनिया को और जानने का कौतुहल बढ़ता है।
आप का बच्चा जितना ज्यादा पढता है, उसके अंदर उतना ज्यादा भाषा का विकास और communication skills का विकास होता है।
बच्चों को कहानी सुनाने का जो समय होता है वो एक ऐसा समय है जब बच्चों को आप का पूरा ध्यान मिलता है।
यह समय बच्चे के जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योँकि इस समय में बच्चे में माँ-बाप के प्रति सम्बन्ध घनिष्ट होते हैं।
कहानियों के दुवारा बच्चे अपने विचारों को प्रकट करना सीखते हैं तथा अभिव्यक्ति के मूल सिद्धांतों को सीखते हैं।
किताबों से कहानियां पढ़ कर सुनाने से बच्चों में छोटी उम्र से ही किताबों के प्रति रूचि बढ़ती है। बच्चों जबरदस्ती कहानियां मत सुनाएँ। यह इस तरह न हो की जैसे आप उन्हें पढ़ा रहे हैं।
कहानियां सुनाने का समय बच्चों के लिए मनोरंजन का समय होना चाहिए। बच्चों को केवल कहानियां ही नहीं सुनाएँ - बल्कि उन्हें rhymes, poems और plays भी सिखाएं।
जब आप किताब से कहानियां पढ़ें तो इस तरह पढ़ें जैसे आप को बहुत आनंद आ रहा है। बच्चे नक़ल करने में उस्ताद होते हैं और वे इसमें भी आप की नक़ल करेंगे।
कुछ समय बाद आप पाएंगे की आप का बच्चा खुद ही किताबों की कहानियों में आनद ले रहा है।
ऐसी कहानियों का चुनाव करें जो आप के बच्चे को रुचिकर लगती हों और जिसमें आप का बच्चा comfortable (सहज) महसूस करता हो।
एक बार जब आप के बच्चे में किताबों से कहानियों को सुनने का आदत बन जायेगा तब आप उसको और कई दुसरे किताबों से परिचय करा सकती हैं।
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