Category: टीकाकरण (vaccination)

दिमागी बुखार - मेनिन्जइटिस (Meningitis) का वैक्सीन

By: Vandana Srivastava | 6 min read

दिमागी बुखार (मेनिन्जइटिस) की वजह से दिमाग को नुकसान और मौत हो सकती है। पहले, बहुत अधिक बच्चों में यह बीमारियां पाई जाती थी, लेकिन टीकों के इस्तेमाल से इस पर काबू पाया गया है। हर माँ बाप को अपने बच्चों को यह टिका अवश्य लगवाना चाहिए।

brain fever

अपने बच्चे को पूरी तरह से फिट रखने के लिए आप को टीका करण पर विशेष ध्यान देना होगा और समय - समय पर टीका चार्ट के अनुसार उसे टीका लगवाना होगा, जिससे वह मेनिन्जइटिस जैसी बीमारी से बच सके।

इस लेख में आप सीखेंगे - You will read in this article

  1. दिमागी बुखार कया है?
  2. वक्सीनशन खुराक / मात्रा
  3. टीका लगवाने का कारण
  4. मेनिन्जइटिस वैक्सीन  कब और किसे देना चाहिए?
  5. कुछ बच्चों कों मेनिन्जइटिस वैक्सीन  नहीं लगवाना चाहिए।
  6. मेनिन्जइटिस वैक्सीन  से क्या खतरे हैं?
  7. मेनिन्जइटिस वैक्सीन का रिएक्शन
  8. गंभीर प्रतिक्रिया होने पर क्या करें
  9. Video: बच्चों में दिमागी बुखार

 दिमागी बुखार कया है? - What is brain fever (Meningitis) in children?

 मेनिन्जइटिस या सेरिब्रो - स्पाइनल बुखार ( जिसे साधारणतः : “ ब्रेन फीवर ” या गर्दनतोड़ बुखार ” कहते हैं ) ब्रेन की झिल्लियों में होने वाला यह एक भयंकर रोग है। 

यह  विभिन प्रकार के वायरस व बैक्टीरिया आदिः के कारण हो सकता है। मेनिन्जइटिस का हर प्रकार, संक्रामक तथा रोकथाम किया जा सकने वाला होता है। 

केवल एक बैक्टीरिया जिसे मेनिंगोकोकस कहते हैं, उससे होने वाली मेनिन्जइटिस बीमारी को रोकने के लिए वैक्सीन  उपलब्ध है। यह वैक्सीन 50 रू प्रति खुराक की दर से बाजार में उपलब्ध है।

Japanese fever

 वक्सीनशन खुराक / मात्रा - Meningitis Vaccination Dose

त्वचा के नीचे ( सबकूटेनिअस ) या मांसपेशी में ( इंट्रामस्कुलर ) इंजेक्शन के द्वारा –  0.5 मी. ली. की केवल एक खुराक।

  • इसकी खुराक हर 3 साल बाद दोहराएँ।
  • यह वैक्सीन 2 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को लगवाना चाहिए। 

 टीका लगवाने का कारण - Importance of Meningitis vaccination

बच्चो में खसरा, गलगंड ( मम्स ) और जर्मन खसरा ( रूबेल ) गंभीर बीमारियां होती हैं। इससे दिमाग को नुकसान और मौत हो सकती है। 

पहले, बहुत अधिक बच्चों में यह बीमारियां पाई जाती थी, लेकिन टीकों  के अविष्कार के बाद इस पर काबू पाया गया है। मेनिन्जइटिस वैक्सीन खसरा, मंप्से और रूबेल इन तीनों बीमारियों से बच्चोंर की रक्षा करता है।

टीकाकरण की  बदौलत, ये बीमारियां अब भारत में पहले से कहीं कम हैं। परंतु यदि हम टीकाकरण को रोक दें तो वे लौट आएंगी।

dimagi bukhar

 मेनिन्जइटिस वैक्सीन  कब और किसे देना चाहिए ? - Meningitis Vaccine timings

बच्चों को मेनिन्जइटिस वैक्सीन की 2 खुराकें दी जानी चाहिएं।

  • पहली खुराक: 12-15 माह की उम्र पर।
  • दूसरी खुराक: 4-6 वर्ष की उम्र पर ( पहले भी दी जा सकती है, यदि वह पहली खुराक के कम से कम 28 दिन बाद हो )।
  • 12 माह से छोटी उम्र के कुछ शिशुओं को मेनिन्जइटिस वैक्सीन की एक खुराक दी जानी चाहिए यदि वे विदेश यात्रा कर रहा हो। कुछ वयस्कों  को भी मेनिन्जइटिस वैक्सीन लगवाना चाहिए। जिनकी उम्र 18 वर्ष या उससे बड़ी हो, मेनिन्जइटिस वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लेनी चाहिए, जब तक वे यह न दिखाएं कि या तो उनका टीका करण हो चुका है या उन्हेंी तीनों बीमारियां हो चुकी हैं।
  • मेनिन्जइटिस वैक्सीन, दूसरे टीकों के साथ ही दिए जा सकते हैं।
  • 1 से 12 वर्ष की उम्र के बीच के बच्चों  को एक “ संयोजन ” टीका दिया जा सकता है। जिसे मेनिन्जइटिस वैक्सीन कहते हैं। इसमें मेनिन्जइटिस वैक्सीन और छोटी माता ( चिकनपॉक्सस ) दोनों टीके होते हैं।

 कुछ बच्चों कों मेनिन्जइटिस वैक्सीन  नहीं लगवाना चाहिए - Conditions when Meningitis vaccine should not be given

  • यदि आप के बच्चे को एंटीबायोटिक से कभी जीवन को खतरे में डालने वाली एलर्जी प्रतिक्रिया हुई हो, अथवा किसी अन्यट टीके से ऐसा हुआ हो तो। यदि बच्चे को कोई गंभीर एलर्जी हैं तो अपने डॉक्ट र को बताएं।
  • किसी भी बच्चे को जिसे MMR  अथवा MMRV  टीके की पहली खुराक से कभी जीवन को खतरे में डालने वाली एलर्जी प्रतिक्रिया हुई हो, उसे दूसरी खुराक नहीं दी जानी चाहिए।
  • किसी भी बच्चे को, जो टीके के लिए निर्धारित समय पर बीमार हों उन्हें  सलाह दी जाएगी कि वे ठीक होने तक इंतजार करें और उसके बाद ही मेनिन्जइटिस का टीका लगवाएं।

 मेनिन्जइटिस वैक्सीन  से क्या खतरे हैं ? Dangers of Meningitis vaccination

  • किसी भी दवा की भांति, टीके से भी संभाव्यह रूप से गंभीर समस्या एं हो सकती हैं, जैसे कि गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाएं।
  • मेनिन्जइटिस वैक्सीन  से गंभीर नुकसान, या मृत्युल होने का खतरा बहुत की कम होता है।
  • मेनिन्जइटिस वैक्सीन लगवाना उस स्थिति से कहीं अधिक सुरक्षित है जितना कि खसरा, मंप्स। अथवा रूबेल की बीमारी हो जाना।

 मेनिन्जइटिस वैक्सीन का रिएक्शन - Reaction of Meningitis vaccination

मेनिन्जइटिस वैक्सीन लगवाने वाले अधिकांश बच्चों को इसके कारण कोई भी गंभीर समस्या नहीं होती। कभी - कभी दवा के रिएक्शन के समान हल्कीं समस्या्एं होती हैं। जैसे:

  • बुखार आना।
  • चकत्ता पड़ना।
  • गालों अथवा गर्दन की ग्लैंड में सूजन आना।

यदि ये समस्याएं होती हैं तो सामान्यत: ये वैक्सीन दिए जाने के 6-14 दिनों के भीतर होती हैं। दूसरी खुराक के बाद ये और भी कम होती हैं।

मेनिन्जइटिस

 गंभीर प्रतिक्रिया होने पर क्या करें  

कोई भी असामान्यय दशा, जैसे कि अधिक बुखार अथवा असामान्य: व्यकवहार होने पर डॉक्टिर को फोन करें,  अथवा प्रभावित व्यैक्ति को तुरंत डॉक्टार के पास ले जाएं।

  • अपने डॉक्टयर को बताएं कि क्या् हुआ,  होने की तारीख और समय, और टीका कब दिया गया था।
  • अपने डॉक्टयर से पूछें कि आपको एक वैक्सीआन एडवर्स र्इवेंट रिपोर्टिंग सिस्ट म ( VAERS ) फार्म प्रतिक्रिया की रिपोर्ट करनी है। अथवा आप यह रिपोर्ट VAERS की वेबसाइट www.vaers.hhs.gov पर भरकर,  अथवा 1-800-822-7967 पर कॉल कर के दे सकते हैं।

 Video: बच्चों में दिमागी बुखार - Brain fever in children

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