Category: बच्चों की परवरिश

होली सिखाये बच्चों को मानवीय मूल्यों का महत्व

By: Vandana Srivastava | 4 min read

होली मात्र एक त्यौहार नहीं है, बल्कि ये एक मौका है जब हम अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूक कर सकते हैं। साथ ही यह त्यौहार भाईचारा और सौहाद्रपूर्ण जैसे मानवीय मूल्यों का महत्व समझने का मौका देता है।

होली सिखाये बच्चों को मानवीय मूल्यों का महत्व

होली के त्यौहार का हम भारतियौं को साल भर इन्तेजार रहता है। ये ऐसा खुशियौं भरा समय होता है जब लोग अपने सभी मित्रों और रिश्तेदारों के साथ खुशियों के रंगों में रंग जाते हैं। 

गौर से देखा जाये तो ये त्यौहार समाज में मौजूद ऊंच-नीच, गरीब-अमीर जैसी दीवार को (कुछ समय के लिए सही) तोड़ देती है और साथ ही बच्चों को एक महत्वपूर्ण शिक्षा भी देती है की इंसान की पहचान उसके काम से होती है ना की उसके जात पात या धर्म-मजहब के आधार पे। 

holi festival india 2018

इस उत्साह और उमग भरे त्यौहार की तयारी में लोग महीने भर से जुट जाते हैं। सामूहिक रूप से सभी लोग मिल कर के लकड़ी, उपले आदि इकट्ठा करते हैं ताकि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन, शाम के वक्त होलिका दहन कर सके। 

बच्चे बड़ों के व्यहारों को देख कर उनसे बहुत कुछ सीखते हैं। इस प्रकार से सामूहिक रूप से मिल कर के त्यौहार की तयारी करने से बच्चों में team work की भावना का सृजन होता है। 

होली के दिन शाम को होलिका दहन के के वक्त लोग नृत्य और लोकगीत का आनंद लेते हैं। ये एक ऐसा समय होता है जब बच्चों को अपने संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलता है। जाहिर है इन सारी गतिविधियौं को देख के बच्चों के मन में बहुत सारे सवाल उठते हैं। 

holi festival in hindi

यही मौका है जब माँ-बाप अपने बच्चों की जिज्ञासा को शांत करते वक्त उन्हें भारत के संस्कृति के बारे में बता सकते हैं ताकि उन्हें अपनी संस्कृति और अपनी पहचान पे गर्व हो। 

भारत एक धर्म- निरपेक्ष देश है, जहाँ सभी धर्मों के लोगों को अपने- अपने धार्मिक त्योहारों को स्वच्छंदता से मनाने का अधिकार है, वहीँ समाज के विभिन्न वर्गों को अपने- अपने रीति- रिवाज़ों का पालन करने की स्वतंत्रता भी है। 

हम सभी लोग स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए अवसरों की तलाश में रहते हैं। समाज में रहने के कारण अपने लोगों के साथ मिल बैठकर समय बिताने के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजन करते हैं। 

इस प्रकार परस्पर संबंधों में घनिष्ठता बढ़ती है, जिससे मस्तिष्क से तनाव, क्रोध, ईर्ष्या, आदि बुरी भावनाएं दूर होती है और भविष्य के लिए एक सुन्दर वातावरण तैयार होता है। 

holi festival history

भारतीय संस्कृति और परम्पराओं पर निगाह डालें तो हम पाते हैं कि परिवार में चाहे विवाह समारोह हो, बच्चे का जन्म, फसल की कटाई, व्यापार में लाभ या युद्ध में विजय हो इन सभी अवसरों पर हम प्रसन्नता व्यक्त करते हैं  और रही त्योहार की बात तो वह मनुष्य के लिए सुख और आनंद का श्रोत रहा है। 

अपने परिचय में आने वाले सभी लोगों को इसमें सम्मिलित करना चाहता है। सभी धर्मों में ऐसे त्योहारों की एक श्रृंखला है। अधिकतर त्योहार ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित होते हैं। जिसमें से होली का तो अपना खास ही महत्व है। होली का नाम आते ही बच्चे और बड़ों में खुशियों का संचार होता है।

होली का त्योहार भारतीय संस्कृति का संवाहक हैं।  होली सद्भावना ,भाईचारा और आपसी प्रेम का प्रतीक हैं। होलिका दहन के माध्यम से व्यक्ति अपनी सारी  बुराइयों को जड़ से जला देता हैं। अपनी सारी कटुता को भुला देता हैं।

holi festival essay

होली का त्योहार अलग -अलग प्रांतो में अलग -अलग तरीके से मनाया जाता हैं। कही-कही फूलों के माध्यम से भी होली होती हैं।

उत्तर भारत में तो रंग , गुलाब ,अबीर ,कीचड़ आदि से होली होती हैं शाम के समय में नए कपड़े पहन कर लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं और एक दूसरे के गले मिलते हैं।इसका मुख्या पकवान गुजिया हैं , जो मैदे में खोवा भरकर बनाते हैं कहीं- कहीं ठंडाई और भांग पीने की भी प्रथा हैं।

होली भाईचारे तथा रंगो का  त्योहार  हैं।यह  त्योहार  फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। होली के इस  त्योहार के पीछे एक पौराणिक कथा हैं - राजा हिरण्यकश्यप, भगवान की पूजा का विरोधी था। 

Holi Festival 2018 Quotes

उसके राज्य में जो ईश्वर की उपासना करता था , वह उसे मृत्यु - दंड देता था। उसका पुत्र प्रह्लाद भी भगवान का उपासक था। इस बात से क्रोधित होकर हिरणकश्यप ने उसे मारने के अनेक प्रयास किये , परन्तु असफल रहा।हिरणकश्यप की एक बहन थी , जिसका नाम होलिका था।

उसे यह वरदान प्राप्त था की वह आग में नहीं जल सकती।हिरणकश्यप के कहने पर वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर चिता पर बैठ गई। ईश्वर की कृपा से प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ और होलिका जलकर राख हो गई। तभी से होली से एक दिन पहले लोग होलिका जलाते हैं।

holi facts

होली के समय किसानों की फैसले तैयार हो चुकी होती हैं और वे नयी फसल की ख़ुशी में गेहू की बालिया होलिका दहन  के समय आग में भूनते हैं और एक - दूसरे से गले मिलकर उन्हें वह अनाज देते हैं।इस दिन खूब नाच - गाना होता हैं और खुशियां मनाई जाती हैं।

होलिका दहन के अगले दिन 'फ़ाग ' खेला जाता हैं ,जिसे 'धुलेंडी 'भी कहते हैं।इस दिन सभी लोग एक - दूसरे को रंग -गुलाल आदि लगाते हैं और गले मिलते हैं। 

छोटे - बड़े सभी इस त्योहार को मिल - जुलकर मनाते हैं। कहते हैं कि इस दिन शत्रु को भी रंग व गले लगाकर मित्र बना लिया जाता हैं। 

दुश्मनी भूलकर सभी हर्ष और उमंग से होली खेलते हैं तथा मिठाई खाकर खुशियां मनाते हैं।मथुरा , वृन्दावन में होली विशेष रूप से मनाई जाती हैं।बरसाने की लट्ठमार होली तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं ,जिसे देखने लोग दूर – दूर  से आते हैं।इस त्योहार  में कृष्ण की लीला -  भूमि, रंग व् मस्ती से झूम उठती हैं। तभी किसी कवि ने लिखा -

 "होली खेलते हैं गिरिधारी , बाजत ढोल और मृदंग "

कुछ लोग रंगो के स्थान पार कीचड़ , पेंट और रसायन आदि का प्रयोग करते हैं ,जिससे चेहरे और शरीर के अंगो पर जलन होने लगती हैं तथा वह दाग -धब्बों से भर जाता हैं।

ऐसा करने से इस रंगीन और मस्ती भरे त्योहार का रंग फीका हो जाता हैं।कुछ लोग इस त्योहार पर शराब और भांग जैसी नशीली चीजों का सेवन भी करते हैं ,जो गलत हैं। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।  

आप को होली के त्योहार में अपने बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए  क्योंकि रंग में विभिन्न प्रकार के केमिकल हैं जो त्वचा और आखों को बहुत नुक्सान पहुंचाते हैं। 

उन्हें आर्गेनिक रंग या सिर्फ गुलाल से सूखी होली खेलनी चाहिए। सबसे अच्छा उपाय है, फूलों से होली खेलना। इस ऋतू में प्रक्रति भी फूलो से सजी होती हैं , गेंदे का फूल पर्याप्त मात्रा में मिल जाता हैं उनकी पंखुरियों को अलग कर के उससे भी होली खेला जाता हैं। इससे पानी की भी बचत होगी और स्वास्थ की दृष्टि से भी अच्छा होगा। 

आज के सन्दर्भ में इन त्योहारों का महत्त्व और भी बढ़ गया हैं। आज जहाँ चारों ओर आतंकवाद का तांडव नृत्य, हर समय मौत का भय बन लोगो को भयभीत कर रहा हैं ,वही पग -पग पर भ्रष्टाचार , धोखा , धर्म -जाति के नाम पर बिखराव - टकराव हर कही देखने को मिलता हैं। 

विज्ञान के नित नूतन आविष्कारों ने मानव को आत्म- केंद्रित बना दिया हैं ,आधुनिकता की अंधी दौड़ ने उसे स्वार्थी बना दिया है। ऐसे समय में, इन त्योहारों का महत्व पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। 

लोगों के त्योहार और रीति- रिवाज़ का स्वरुप अलग- अलग है, पर हमने उन्हें ऐसा आत्मसात किया कि दोनों का अंतर ही लुप्त हो गया। हम इन्हें साधनों के अनुसार घटा- बढ़ा कर मनाते हैं। 

व्यस्ततम मानव जीवन में शांति,  भाईचारा,  मेल-मिलाप, हंसी- खुशी से एक- दूसरे के साथ मिल- बाँट कर जीवन जीने का भाव तभी उत्पन्न होगा जब मनुष्य इन त्योहारों को मिल-जुलकर मनाएगा। 

धर्म, जाति- भेद, धनी- निर्धन, सेवक- स्वामी का भाव मिटाकर जब तक उदार ह्रदय से इन त्योहारों को नहीं मनाएंगे तब तक हमारे बीच भाईचारा, सौहाद्रपूर्ण वातावरण पनप नहीं पायेगा। 

अतः, हम अपने बच्चों को आपसी मित्रता का पैगाम देते हुए नुकसानदेह रंग के स्थान पर आर्गेनिक रंग और फूलों से होली खेलने के लिए प्रेरित करते हैं और भाईचारे की एक मिसाल कायम करते हैं। 

तो आइये इस वर्ष, होली के त्योहार को एक अनूठे अंदाज़ में मनाते हैं। होली की शुभकामनाओं सहित .....

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

6-महीने-के-शिशु-का-वजन
शिशु-का-वजन-बढ़ाये-देशी-घी
शिशु-को-अंडा
शिशु-को-देशी-घी
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
देसी-घी
BMI-Calculator
नवजात-शिशु-का-Infant-Growth-Percentile-Calculator
लड़की-का-आदर्श-वजन-और-लम्बाई
गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
4-महीने-के-शिशु-का-वजन
ठोस-आहार
मॉर्निंग-सिकनेस
डिस्लेक्सिया-Dyslexia
एडीएचडी-(ADHD)
benefits-of-story-telling-to-kids
बच्चों-पे-चिल्लाना
जिद्दी-बच्चे
सुभाष-चंद्र-बोस
ADHD-शिशु
ADHD-में-शिशु
गणतंत्र-दिवस-essay
लर्निंग-डिसेबिलिटी-Learning-Disabilities
बोर्ड-एग्जाम
-देर-से-बोलते-हैं-कुछ-बच्चे
गर्भावस्था-में-उलटी
बच्चों-में-तुतलाने
प्रेग्नेंसी-में-उल्टी-और-मतली
यूटीआई-UTI-Infection
सिजेरियन-या-नार्मल-डिलीवरी

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

नवजात शिशु को ठीक से पॉटी नहीं हो रही क्या करें?
नवजात-शिशु-को-ठीक-से-पॉटी-नहीं-हो-रही-क्या-करें मां के दूध पर निर्भर रहना और फाइबर का कम सेवन करने के कारण अक्सर बच्चे को कब्ज की समस्या बनी रहती है। ठोस आहार देने के बावजूद बच्चे को सामान्य होने में समय लगता है। इन दिनों उसे मल त्यागने में काफी दिक्कत हो सकती है।
Read More...

UHT milk को कितने दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है?
UTH-milk-को-कितने-दिनों-तक-सुरक्षित-रखा-जा-सकता-है UHT milk को अगर ना खोला कए तो यह साधारण कमरे के तापमान पे छेह महीनो तक सुरक्षित रहता है। यह इतने दिनों तक इस लिए सुरक्षित रह पता है क्योंकि इसे 135ºC (275°F) तापमान पे 2 से 4 सेकंड तक रखा जाता है जिससे की इसमें मौजूद सभी प्रकार के हानिकारक जीवाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। फिर इन्हें इस तरह से एक विशेष प्रकार पे पैकिंग में पैक किया जाता है जिससे की दुबारा किसी भी तरह से कोई जीवाणु अंदर प्रवेश नहीं कर पाए। इसी वजह से अगर आप इसे ना खोले तो यह छेह महीनो तक भी सुरक्षित रहता है।
Read More...

प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के आसन तरीके
हाई-ब्लड-प्रेशर-इन-प्रेगनेंसी प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर (बीपी) ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए आप नमक का कम से कम सेवन करें। इसके साथ आप लैटरल पोजीशन (lateral position) मैं आराम करने की कोशिश करें। नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर (बीपी) चेक करवाते रहें और ब्लड प्रेशर (बीपी) से संबंधित सभी दवाइयां ( बिना भूले) सही समय पर ले।
Read More...

बच्चों के टेड़े मेढे दांत इस तरह ठीक करें - (crooked teeth remedy)
बच्चों-के-टेड़े-मेढे-दांत-crooked-teeth-remedy बच्चो में दांत सम्बंधी समस्या को लेकर अधिकांश माँ बाप परेशान रहते हैं। थोड़ी से सावधानी बारात कर आप अपने बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत को घर पे ही ठीक कर सकती हैं। चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए दांतों का बहुत ही महत्व होता है। इसीलिए अगर बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत हों तो माँ बाप का परेशान होना स्वाभाविक है। बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत उनके चेहरे की खूबसूरती को ख़राब कर सकते हैं। इस लेख में हम आप को बताएँगे कुछ तरीके जिन्हें अगर आप करें तो आप के बच्चों के दांत नहीं आयेंगे टेढ़े-मेढ़े। इस लेख में हम आप को बताएँगे Safe Teething Remedies For Babies In Hindi.
Read More...

10 Signs: बच्चों में पोषक तत्वों की कमी के 10 लक्षण
बच्चों-में-पोषक-तत्वों-की-कमी-के-10-लक्षण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में पोषण का बहुत बड़ा योगदान है। बच्चों को हर दिन सही मात्र में पोषण ना मिले तो उन्हें कुपोषण तक हो सकता है। अक्सर माँ-बाप इस बात को लेकर परेशान रहते हैं की क्या उनके बच्चे को सही मात्र में सभी जरुरी पोषक तत्त्व मिल पा रहे हैं या नहीं। इस लेख में आप जानेंगी 10 लक्षणों के बारे मे जो आप को बताएँगे बच्चों में होने वाले पोषक तत्वों की कमी के बारे में।
Read More...

बढ़ते बच्चों के लिए शीर्ष 10 Superfoods
बढ़ते-बच्चों-के-लिए-शीर्ष-10-Superfoods सुपरफूड हम उन आहारों को बोलते हैं जिनके अंदर प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। सुपर फ़ूड शिशु के अच्छी शारीरिक और मानसिक विकास में बहुत पूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये बच्चों को वो सभी पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो शिशु के शारीर को अच्छी विकास के लिए जरुरी होता है।
Read More...

बच्चों को कुपोषण से कैसे बचाएं
बच्चों-को-कुपोषण-से-कैसे-बचाएं अन्य बच्चों की तुलना में कुपोषण से ग्रसित बच्चे वजन और ऊंचाई दोनों ही स्तर पर अपनी आयु के हिसाब से कम होते हैं। स्वभाव में यह बच्चे सुस्त और चढ़े होते हैं। इनमें दिमाग का विकास ठीक से नहीं होता है, ध्यान केंद्रित करने में इन्हें समस्या आती है। यह बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं। कुछ बच्चों में दांत निकलने में भी काफी समय लगता है। बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है लेकिन उसके लिए जरूरी है कि शिशु के भोजन में हर प्रकार के आहार को सम्मिलित किया जाएं।
Read More...

10 TIPS - ADHD में शिशु को इस तरह संभालें
ADHD-में-शिशु बच्चे की ADHD या ADD की समस्या को दुश्मन बनाइये - बच्चे को नहीं। कुछ आसन नियमों के दुवारा आप अपने बच्चे के मुश्किल स्वाभाव को नियंत्रित कर सकती हैं। ADHD या ADD बच्चों की परवरिश के लिए माँ-बाप को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
Read More...

3 TIPS बच्चों को जिद्दी बन्ने से रोकने के लिए
जिद्दी-बच्चे हर माँ-बाप को कभी-ना-कभी अपने बच्चों के जिद्दी स्वाभाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अधिकांश माँ-बाप जुन्झुला जाते है और गुस्से में आकर अपने बच्चों को डांटे देते हैं या फिर मार भी देते हैं। लेकिन इससे स्थितियां केवल बिगडती ही हैं। तीन आसान टिप्स का अगर आप पालन करें तो आप अपने बच्चे को जिद्दी स्वाभाव का बन्ने से रोक सकती हैं।
Read More...

गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं?
गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी आसन घरेलु तरीके से पता कीजिये की गर्भ में लड़का है या लड़की (garbh me ladka ya ladki)। इस लेख में आप पढेंगी गर्भ में लड़का होने के लक्षण इन हिंदी (garbh me ladka hone ke lakshan/nishani in hindi)। सम्पूर्ण जनकरी आप को मिलेगी Pregnancy tips in hindi for baby boy से सम्बंधित। लड़का होने की दवा (ladka hone ki dawa) की भी जानकारी लेख के आंत में दी जाएगी।
Read More...

नवजात शिशु का BMI Calculate करने का आसन तरीका (Time 2 Minutes)
नवजात-शिशु-का-BMI जिस शिशु का BMI 85 से 94 परसेंटाइल (percentile) के बीच होता है, उसका वजन अधिक माना जाता है। या तो शिशु में body fat ज्यादा है या lean body mass ज्यादा है। स्वस्थ के दृष्टि से शिशु का BMI अगर 5 से 85 परसेंटाइल (percentile) के बीच हो तो ठीक माना जाता है। शिशु का BMI अगर 5 परसेंटाइल (percentile) या कम हो तो इसका मतलब शिशु का वजन कम है।
Read More...

Top 5 Best Baby Carriers and Slings 2018 - 2019
Best-Baby-Carriers A perfect sling or carrier is designed with a purpose to keep your baby safe and close to you, your your little one can enjoy the love, warmth and closeness. Its actually even better if you also have a toddler in a pram.
Read More...

टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) - Schedule और Side Effects
टाइफाइड-कन्जुगेटेड-वैक्सीन टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) (Typhoid Conjugate Vaccine in Hindi) - हिंदी, - टाइफाइड का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

बच्चे के उम्र के अनुसार शिशु आहार - सात से नौ महीने
शिशु-आहार सात से नौ महीने (7 to 9 months) की उम्र के बच्चों को आहार में क्या देना चाहिए की उनका विकास भलीभांति हो सके? इस उम्र में शिशु का विकास बहुत तीव्र गति से होता है और उसके विकास में पोषक तत्त्व बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Read More...

बच्चों में संगति का बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है
संगति-का-प्रभाव संगती का बच्चों पे गहरा प्रभाव पड़ता है| बच्चे दोस्ती करना सीखते हैं, दोस्तों के साथ व्यहार करना सीखते हैं, क्या बात करना चाहिए और क्या नहीं ये सीखते हैं, आत्मसम्मान, अस्वीकार की स्थिति, स्कूल में किस तरह adjust करना और अपने भावनाओं पे कैसे काबू पाना है ये सीखते हैं| Peer relationships, peer interaction, children's development, Peer Influence the Behavior, Children's Socialization, Negative Effects, Social Skill Development, Cognitive Development, Child Behavior
Read More...

रागी का हलवा है सेहत से भरपूर 6 से 12 महीने के बच्चे के लिए
रागी-का-हलवा---baby-food रागी का हलुवा, 6 से 12 महीने के बच्चों के लिए बहुत ही पौष्टिक baby food है। 6 से 12 महीने के दौरान बच्चों मे बहुत तीव्र गति से हाड़ियाँ और मासपेशियां विकसित होती हैं और इसलिए शरीर को इस अवस्था मे calcium और protein की अवश्यकता पड़ती है। रागी मे कैल्शियम और प्रोटीन दोनों ही बहुत प्रचुर मात्रा मैं पाया जाता है।
Read More...

बच्चों में गर्मियों की आम बीमारियां
गर्मियों-की-बीमारियां गर्मियों की आम बीमारियां जैसे की बुखार, खांसी, घमोरी और जुखाम अक्सर बच्चो को पीड़ित कर देती हैं। साधारण लगने वाली ये मौसमी बीमारियां जान लेवा भी हो सकती हैं। जैसे की डिहाइड्रेशन, अगर समय रहते बच्चे का उपचार नहीं किया गया तो देखते देखते बच्चे की जान तक जा सकती है।
Read More...

बच्चों को बीमार न कर दे ज्यादा नमक और चीनी का सेवन
नमक-चीनी बच्चों में जरूरत से ज्यादा नमक और चीनी का सावन उन्हें मोटापा जैसी बीमारियोँ के तरफ धकेल रहा है| यही वजह है की आज हर 9 मैं से एक बच्चे का रक्तचाप उसकी उम्र के हिसाब से अधिक है| इसकी वजह बच्चों के आहार में नमक की बढ़ी हुई मात्रा|
Read More...

न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन - Schedule और Side Effects
न्यूमोकोकल-कन्जुगेटेड-वैक्सीन न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन (Knjugeted pneumococcal vaccine in Hindi) - हिंदी, - न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

अपने बच्चे को कैसे बुद्धिमान बनायें
अपने-बच्चे-को-कैसे-बुद्धिमान-बनायें बच्चों को बुद्धिमान बनाने के लिए जरुरी है की उनके साथ खूब इंटरेक्शन (बातें करें, कहानियां सुनाये) किया जाये और ऐसे खेलों को खेला जाएँ जो उनके बुद्धि का विकास करे। साथ ही यह भी जरुरी है की बच्चों पर्याप्त मात्रा में सोएं ताकि उनके मस्तिष्क को पूरा आराम मिल सके। इस लेख में आप पढेंगी हर उस पहलु के बारे में जो शिशु के दिमागी विकास के लिए बहुत जरुरी है।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com