Category: बच्चों का पोषण
By: सुदर्शन राव | ☺6 min read
ये पांच विटामिन आप के बच्चे की लंबाई को बढ़ने में मदद करेगी। बच्चों की लंबाई को लेकर बहुत से मां-बाप परेशान रहते हैं। हर कोई यही चाहता है कि उसके बच्चे की लंबाई अन्य बच्चों के बराबर हो या थोड़ा ज्यादा हो। अगर शिशु को सही आहार प्राप्त हो जिससे उसे सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल सके जो उसके शारीरिक विकास में सहायक हों तो उसकी लंबाई सही तरह से बढ़ेगी।
बच्चों की लंबाई को लेकर बहुत से मां-बाप परेशान रहते हैं। हर कोई यही चाहता है कि उसके बच्चे की लंबाई अन्य बच्चों के बराबर हो या थोड़ा ज्यादा हो। अगर शिशु को सही आहार प्राप्त हो जिससे उसे सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल सके जो उसके शारीरिक विकास में सहायक हों तो उसकी लंबाई सही तरह से बढ़ेगी।
यह तो हम सभी जानते हैं कि आकर्षक व्यक्तित्व के लिए लंबी हाइट कितनी महत्वपूर्ण है। चाहे आप कितने ही हैंडसम क्यों ना हो मगर अगर आपकी लंबाई कम है तो आपके व्यक्तित्व पर उसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।
इसीलिए हर मां बाप चाहते हैं कि उनका बेटा या बेटी की लंबाई औसत से थोड़ी अधिक हो। लेकिन बच्चों की लंबाई पर सिर्फ आहार का ही नहीं अनुवांशिकी का भी प्रभाव पड़ता है।
अगर मां-बाप कद में छोटे हैं तो उनके बच्चे भी कद में औसत से थोड़े कम होंगे। लंबाई के अनुवांशिक कारणों को खत्म तो नहीं किया जा सकता है लेकिन कुछ विटामिन की सहायता से बच्चे की जो भी प्राकृतिक रूप से लंबाई हो उसे और बढ़ाया जा सकता है।
अगर आप अपने शिशु के खान-पान का उचित ख्याल रखेंगी, उसे ऐसे आहार प्रदान करेंगी जिससे शिशु के शरीर को सभी प्रकार के विटामिन और मिनरल
जो उसके विकास के लिए सहायक हैं मिल सके, तो शिशु का शरीर स्वास्थ्य, मजबूत बनेगा और साथ ही उसकी लंबाई जितनी होनी चाहिए उससे ज्यादा रहेगी।
यही वजह है कि कुछ बच्चे लंबाई में अपने मां बाप से थोड़े ज्यादा लंबे होते हैं। क्योंकि उस बच्चे के मां बाप ने उस बच्चे को उसके बढ़ने वाली उम्र में वह सभी पोषक तत्व उसके आहार में सम्मिलित किए जो विकास के लिए या अच्छी शारीरिक लंबाई के लिए आवश्यक थे।
इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे पांच विटामिन के बारे में जो आपके शिशु की लंबाई को बढ़ने में मदद करेंगे। अगर आप अपने बच्चे को ऐसे आहार देंगे जिनमें नीचे बताए गए विटामिंस सम्मिलित है, तो आपके बच्चे की लंबाई और सबसे ज्यादा रहेगी और साथ ही उसकी हड्डियां मजबूत बनेगी और उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक तंत्र भी सुदृढ़ होगी।
सूरज की किरणों से प्राप्त होने वाला विटामिन डी ना केवल शिशु की हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि शिशु की लंबाई को बढ़ाने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर शिशु के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो ना कि उसकी हड्डियां कमजोर बनेगी बल्कि शिशु की लंबाई पर भी प्रभाव पड़ेगा।
शिशु 12 साल तक की उम्र तक बहुत तेजी से अपनी लंबाई में बढ़ता है। इस दौरान उसके शरीर को बहुत ज्यादा पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। अगर इस दौरान शिशु के शरीर को उसके आहार से विटामिन डी ना मिले तो शिष्यों की शारीरिक लंबाई पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और आगे चलकर किसी से अपनी पूरी लंबाई प्राप्त नहीं कर पाएगा। यह विटामिन शिशु के शारीर को संक्रमण से बचाता है उदहारण के लिए ठण्ड के मौसम में सर्दी और खांसी से शिशु की रक्षा करता है।
शिशु को विटामिन डी कई प्रकार के स्रोतों से प्राप्त हो सकता है जैसे कि दूध और दूध से बनने वाले उत्पाद, रसीले फल, टमाटर, आलू फूलगोभी, अंडा, एवं मांस मछली। अगर आप शिशु को हर दिन धूप में 5 मिनट के लिए भी खेलने दें तो इतना समय काफी है शिशु के शरीर को खुद ही अपनी आवश्यकता के अनुसार विटामिन डी बनाने के लिए।
शरीर को स्वस्थ रूप से अपने शारीरिक क्रियाकलापों को करने के लिए विटामिन ए बहुत आवश्यक है। शिशु के भोजन में ऐसे आहार को सम्मिलित करिए जिसमे विटामिन ई की मात्रा हो। यह शिशु की बुद्धिमता को बढ़ता है।
विटामिन ई शिशु की हड्डियों को स्वस्थ बनाता है, उन्हें मजबूत बनाता है, आंखों की रोशनी को बढ़ाता है, और त्वचा में निखार लाता है। आहार जिनसे शिशु को विटामिन ए प्राप्त होता है वह इस प्रकार से हैं - , पालक, गाजर, दूध, पनीर, टमाटर, चिकन, , चिकन और मौसम के अनुसार उपलब्ध सब्जियां।
शिशु को शारीरिक रूप से लंबाई प्राप्त करने में विटामिन बी1 बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शिशु के पाचन तंत्र को भी सुचारु रुप से कार्य करने में मदद करता है। इतना ही नहीं विटामिन b1 हृदय और तंत्रिका तंत्र प्रणाली को भी ठीक तरह से काम करने में योगदान देता है। विटामिन b1 के मुख्य स्रोत है मूंगफली, सोयाबीन, चावल।
विटामिन B2 जिसे राइबोफ्लेविन के नाम से भी जाना जाता है, शिशु की लंबाई को बढ़ाने में बहुत आवश्यक है। यह शरीर की त्वचा, बाल, नाखून और हड्डियों के विकास में सहायक है।
विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) के मुख्य स्रोत है पत्तेदार सब्जियां, हरी सब्जियां जैसे मटर, भिंडी, ऐस्पैरागस, धनिया, पुदीना, और बोडा इत्यादि।
एस्कॉर्बिक एसिड के नाम से जाना जाने वाला विटामिन सी हड्डियों और दातों को मजबूती प्रदान करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट भी होता है इसीलिए शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को रोकता है और शरीर को बीमार पड़ने से बचाता है।
छोटी उम्र में अगर पर्याप्त मात्रा में आहार के माध्यम से विटामिन सी मिले तो यह शिशु के शरीर को अच्छी खासी लंबाई प्राप्त करने में मदद करता है।
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