Category: शिशु रोग
बच्चों में टाइफाइड : लक्षण, कारण, बचाव और इलाज
By: Vandana Srivastava | ☺5 min read
टाइफाइड जिसे मियादी बुखार भी कहा जाता है, जो एक निश्चित समय के लिए होता है यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से दूषित वायु और जल से होता है। टाइफाइड से पीड़ित बच्चे में प्रतिदिन बुखार होता है, जो हर दिन कम होने की बजाय बढ़ता रहता है। बच्चो में टाइफाइड बुखार संक्रमित खाद्य पदार्थ और संक्रमित पानी से होता है।
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भारत में संक्रामक रोगों की संख्या अत्यधिक है क्योंकि यँहा हर तीन महीने पर जलवायु बदल जाती है, जिसके कारण मच्छर आदि की संख्या बढ़ जाती है, और रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है।
इन्ही में एक संक्रामक रोग टाइफाइड है, जिसे मियादी बुखार भी कहा जाता है, जो एक निश्चित समय के लिए होता है यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से दूषित वायु और जल से होता है।
इस लेख में आप सीखेंगे - You will read in this article
- टाइफाइड की बीमारी क्या है?
- बच्चों में टाइफाइड के लक्षण
- बच्चों में टाइफाइड बुखार होने के कारण
- टाइफाइड बुखार से बचने के उपाय
- टाइफाइड में लिए दिए जाने वाले आहार
- टाइफाइड बुखार का इलाज
- Video: टाइफाइड का घरेलू इलाज
टाइफाइड की बीमारी क्या है? - What is Typhoid?
टाइफाइड जिसे मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो की लिवर से सम्बंधित है।
हर साल तक़रीबन 2 लाख से ज्यादा लोग टाइफाइड की बीमारी के कारण जान गवाते है टाइफाइड की बीमारी मैं लिवर ठीक तरह से काम नही करता जिसकी वजह से शरीर में बोखार हो जाता है और पुरे शरीर में दर्द होने लगता है।
अगर सही समय पर ध्यान ने दिया जाये तो टाइफाइड जानलेवा भी हो सकता है। समय के अंदर इसका इलाज ने किया जाये तो बच्चे की जान तक जा सकती है।
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बच्चों में टाइफाइड के लक्षण - Symptoms of Typhoid in children
टाइफाइड के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी है क्यूंकि समय रहते टाइफाइड के लक्षणों को पहचान लिए जाये तो समय से टाइफाइड से ग्रसित बच्चे का उचित इलाज किया जा सकता है।
- टाइफाइड से पीड़ित बच्चे में प्रतिदिन बुखार होता है, जो हर दिन कम होने की बजाय बढ़ता रहता है।
- अत्यधिक कमज़ोरी और थकान महसूस होना।
- सिर में दर्द होना।
- पेट में दर्द और भूख न लगना।
- छाती पर गुलाबी निशान होना।
- दस्त आना।
- लिवर का बढ़ जाना।
- पेट में अल्सर की संभावना।
- कभी - कभी रोगी बच्चे को चपटे चकत्ते भी पड़ जाते हैं।
- सूखी खाँसी आना।
- जीभ पर मोटी परत जम जाना।
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बच्चों में टाइफाइड बुखार होने के कारण - Cause of Typhoid in children
- बच्चो में टाइफाइड बुखार संक्रमित खाद्य पदार्थ और संक्रमित पानी से होता है।
- बच्चों में टाइफाइड बुखार गन्दगी के कारण होता हैं। रोगी व्यक्ति के मल, यूरिन, और खून में यह कीटाणु रहते हैं, जिसके माध्यम से दूषित पानी के कारण यह बीमारी दूसरे लोगों में फैलता है।
- दूषित पानी से स्नान करने और खाने वाली चीज़े धो कर इस्तेमाल करने से भी यह बीमारी बच्चों में हो जाती है।
- टाइफाइड के कीटाणु पानी में कई हफ़्तों तक सक्रिय रहते हैं, जो बच्चो के अंदर इस बीमारी को फैलाते हैं।
- रोगी व्यक्ति के जूठे खाने और जूठे पानी पीने से भी बच्चे टाइफाइड बुखार से पीड़ित हो जाते हैं।
- संक्रमित सिरिंज से सुई लगने से भी यह बीमारी हो जाती है।
- टाइफाइड का बुखार सेलमोनेला टायफी नाम के कीटाणु द्वारा सक्रिय होते हैं।
- यह खाने में ज़हरीले पदार्थ उत्पन्न करने वाले सेलमोनेला कीटाणु से सम्बंधित होते है। एक बार कीटाणु शरीर में प्रवेश कर लें। तो वे तुरंत बढ़ कर रक्तप्रवाह में फ़ैल जाते हैं तथा अलग - अलग प्रकार के लक्षण दिखाते हैं।
टाइफाइड बुखार से बचने के उपाय - Precautions to prevent Typhoid in Hindi
टाइफाइड बुखार से बच्चों को बहने के लिए दो तरह की वैक्सीन होती है, पहले तरह की वैक्सीन में इंजेक्शन दिया जाता है। यह दो साल से ऊपर के बच्चों को दिया जाता है। दूसरे तरह की वैक्सीन में चार गोलियां दी जाती हैं, जो अल्टर्नेट डेज में बच्चों को खिलाई जाती हैं।
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- स्वच्छता से खाना बना हुआ ही बच्चे को खिलायें।
- बच्चे को कुछ भी खिलने से पहले अच्छी तरह से हैंडवाश करें।
- बच्चे को हमेशा साफ पानी ही पिलायें। घर में अगर फ़िल्टर नहीं है तो पानी को अच्छी तरह से उबाल कर ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इस बीमारी में सबसे अधिक पानी के माध्यम से ही संक्रमण होता है। बाहर जाते समय बच्चे के लिए घर का साफ पानी ही ले जाएँ।
- घर का बना हुआ साफ, गरम और पोष्टिक खाना ही बच्चे को खिलाएं। बाजार का बना बासी और खुला हुआ खाना बच्चे को न खाने दे।
- बच्चे को टाइफाइड बुखार होने पर उसके इस्तेमाल करने वाले तथा पहनने वाले कपड़ों को गरम पानी में सर्फ़ डाल कर धुले, फिर उसमें डेटोल के कुछ बूंदें भी डाले।
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टाइफाइड में लिए दिए जाने वाले आहार - Diet that should be given in Typhoid
- तरल पदार्थ बच्चों को अधिक मात्रा में दें, जैसे फलों का रस, सब्जियों का सूप दें।
- दूध और उससे बने आहार बच्चे को दें।
- पौष्टिक आहार जैसे मीट, फिश, अंडे आदि रेशे युक्त फल, सब्ज़ियाँ जैसे - पालक, गोभी, गाजर आदि।
- मीठा आहार बच्चे को खिलाएं, जिससे उसके आँतों को आराम मिले।
- तले भुने तथा अधिक मिर्च - मसाले वाले भोजन बच्चे को न खिलाएं।
- गैस बनाने वाले आहार बच्चे को न खिलाएं।
- केला, पपीता, शक्करकंद तथा खड़े अनाज जैसे - चावल, मक्का, आदि बच्चे को न दें।
- बच्चे को ऐसे आहार दें जिसे वह आसानी से पचा सके। उबला आहार ही बच्चे को खिलाएं।
- गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिला कर अपने बच्चे को पिलायें।
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टाइफाइड बुखार का इलाज - Typhoid treatment
- कम से कम दो हफ्ते तक बुखार की दवा बच्चे को दें।
- कमज़ोरी और उल्टी, दस्त की समस्या होने पर डॉक्टर से पूछ कर दवा दें।
- डॉक्टर के परामर्श से उसे एंटीबायोटिक दवाएं दें।
- बच्चे को भर पूर्ण आराम करवाएं।
- तेज बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें।
अधिक परेशानी होने पर बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएँ और सभी जाँच करवा कर उसका इलाज करवाएं।
Video: टाइफाइड का घरेलू इलाज - Typhoid treatment home remedy
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