Category: शिशु रोग

बच्चों में चेचक बीमारी: लक्षण, कारण, बचाव और इलाज

By: Vandana Srivastava | 4 min read

चेचक को बड़ी माता और छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों में चेचक बीमारी के वायरस थूक, यूरिन और नाखूनों आदि में पाएं जाते हैं। यह वायरस हवा में घुलकर साँस के द्वारा बच्चे के शरीर में आसानी से प्रवेश करते हैं। इस रोग को आयुर्वेद में मसूरिका के नाम से भी जाना जाता है।

बच्चों में चेचक बीमारी

आपका बच्चा यदि किसी दिन अचानक से सुस्त हो जाता है और उसका शरीर गरम हो जाता है तो ज़रूर यह किसी रोग का सूचक है। 

चेचक मनुष्य में पाई जाने वाली एक प्रमुख बीमारी है। इस संक्रामक रोग से अधिकांशतः छोटे बच्चे ग्रसित होते है। यह बीमारी बसन्त ऋतु या फिर ग्रीष्म काल में होती है। 

यदि इस रोग का उपचार जल्दी ही न किया जाए तो रोग से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। चेचक का रोग वेरिसेला जोस्टर के वायरस के द्वारा फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। 

चेचक को बड़ी माता और छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है।

इस रोग के जो वायरस होते हैं जो थूक, यूरिन और नाखूनों आदि में पाएं जाते हैं, और यह वायरस हवा में घुलकर साँस के द्वारा बच्चे के शरीर में आसानी से प्रवेश करते हैं। 

इस रोग को आयुर्वेद में मसूरिका के नाम से भी जाना जाता है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर भी चेचक हो जाता है। जैसा कि पता है कि चेचक एक संक्रामक बीमारी है इसीलिए चेचक के दाने का पानी दूसरे व्यक्ति के लगने पर चेचक रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है।

चेचक एक संक्रामक बीमारी

इस लेख में आप सीखेंगे - You will read in this article

  1. चेचक बीमारी के लक्षण
  2. चेचक के दाने की विशिष्टताएं 
  3. चेचक बीमारी के कारण
  4. चेचक बीमारी में भोजन तथा परहेज
  5. चेचक बीमारी का इलाज
  6. चेचक बीमारी से बचाव
  7. Video: चेचक बीमारी का इलाज

चेचक बीमारी के लक्षण - Symptoms of Measles or chicken pox in hindi

संक्रमित व्यक्ति द्वारा दर्शाये जाने वाले लक्षणों के आधार पर चेचक की पहचान की जाती है। चेचक के विशेष लक्षणों में चेहरे, छाती, पीठ और फिर पूरे शरीर पर पड़ने वाले निशान हैं। ये निशान समय के साथ खुजली वाली फुंसियों में बदलते हैं जिनमें द्रव भर जाता है। ये फुंसियां या छाले करीब एक हफ्ते में पपड़ी में बदल जाते हैं। यह रोग पांच से दस दिनों में ठीक होता है जिसके अन्य लक्षण ये हैं:

  1. तेज़ बुखार
  2. थकान
  3. भूख न लगना
  4. शरीर और खास कर के सिर में दर्द होना 
  5. घबराहट और बेचैनी
  6. कमज़ोरी लगना
  7. अत्यधिक प्यास लगना
  8. ह्रदय की गति का तेज होना
  9. शरीर पर लाल रंग के दाने निकलना
  10. हल्की खांसी होना
  11. उल्टी होना

चेचक के दाने की विशिष्टताएं  - Specialities of Measles or chicken pox pimples in hindi

  1. लाल, उभरे हुए दाने का निकलना।
  2. यह दाने प्रमुख रूप से चेहरे, सिर, पीठ और पेट पर निकलते हैं।
  3. खुजली होना।
  4. कमर में तेज दर्द होना।
  5. सीने में जकड़न होना।

चेचक बीमारी के कारण - Cause of Measles or chicken pox in hindi

चेचक अक्सर उन बच्चों को होता है, जिन बच्चों के शरीर में अधिक गर्मी होती है और उनकी उम्र लगभग दो से चार वर्ष तक की होती है। इस रोग के फैलने का सबसे बड़ा कारण वायरस होता है।

चेचक बीमारी के कारण

चेचक बीमारी में भोजन तथा परहेज - Food and precautions in Measles or chicken pox in hindi

  • जब भी छोटे बच्चे को चेचक हो, तो उसे दूध, मूंग की दाल, रोटी, हरी सब्जियां तथा उसका सूप देना चाहिए। 
  • बच्चे को मौसमी फल या उसका जूस देना भी फायदेमंद होता है।
  • रोग से ग्रस्त बच्चे को गर्म मसाले वाला भोजन, तली हुई वस्तु, ठंडी या गर्म चीजें नहीं देनी चाहिए, खास कर हल्दी का सेवन नहीं करना चाहियें।
  • बच्चे को हल्का और मीठा भोजन देना चाहियें, खाने में नमक का इस्तेमाल कम करना चाहिए।
  • चेचक से ग्रस्त बच्चे को एक गिलास पानी के साथ आधा गिलास बेकिंग सोडा का घोल देना चाहिए।
  • बच्चे को गाजर और हरी धनिया का सूप दे, यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।
  • पानापोटी के 3-4 पत्ते और 7 कालीमिर्च के दानों को एक साथ पीसकर पानी में मिलाकर 3 दिनों तक रोगी बच्चे को पिलाने से राहत मिलती है।

चेचक बीमारी का इलाज - Treatment of Measles or chicken pox in hindi

चेचक के रोग का अभी तक कोई पूरी तरह से प्रमाणित इलाज नहीं है, हालांकि कुछ घरेलू उपायों और नुस्कों को हम अपनाकर कुछ फायदा प्राप्त कर सकते हैं।

  • रोग से ग्रस्त बच्चे के कमरे के बाहर नीम की टहनी लटका देनी चाहिए, कुछ पत्ते उसके बिस्तर पर भी बिछा देनी चाहिए।
  • नीम की पत्तियों को पीसकर बच्चे के शरीर पर लगाना चाहिए। इससे उसके शरीर को ठंडक मिलती है।
  • बच्चे को उबले हुए नीम की पत्तियों के पानी से नहलाना चाहियें।
  • रोगी के शरीर पर निकले चेचक के दाने पर शहद लगाना चाहिए।
  • भूरा सिरका चेचक में बहुत लाभकारी होता है, इससे त्वचा की जलन कम होती है इसके साथ ही यह दाने की बढ़ोतरी को रोकने में भी मदद करता है।
  • नारियल के तेल में कपूर मिला कर रुई से दाने पर लगाना चाहियें, इससे त्वचा में नमी मिलती है। 
  • कैलामाइन लोशन को चेचक के दानों पर लगाने से चेचक के रोगी को फायदा मिलता है। इसे लगाने से चेचक के दाग को कम करने में भी सहायता मिलती है।
  • चेचक से ग्रस्त बच्चे के सफाई का विशेष ध्यान देना चाहियें। उसके कपड़े और बिस्तर की चादर रोज बदलनी चहिये। उसके इस्तेमाल किये हुए कपड़े गरम पानी में डेटोल डाल कर धोना चाहियें और तेज धूप में सुखाना चाहियें।
  • नीम के पेड़ की मुलायम टहनियों से बच्चे को हल्के हल्के से हवा करने से भी उसे राहत मिलती है।
  • बुखार का इलाज किया जा सकता है लेकिन ऐलोपैथिक दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि होम्योपैथिक दवा चिकित्सक की सलाह से खिलाना चाहियें।
  • चेचक के दाने सूखने पर कैलामाइन लोशन में कच्चे नारियल का पानी मिला कर लगाने से शरीर पर दाग़ नहीं पड़ते हैं।
  • रुद्राक्ष को पानी में घिसकर चेचक के दाने पर लगाने से उसकी जलन दूर होती है और घाव भी जल्दी से ठीक हो जाते  हैं।
  • रोगी के कमरे के आस पास किसी भी प्रकार की आवाज नहीं होनी चाहियें। यहाँ तक की सब्ज़ी आदि में छौका नहीं लगाना चाहिए, इससे बच्चे के कान के परदे पर बुरा असर पड़ता है।

चेचक बीमारी से बचाव - Precautions for Measles or chicken pox in hindi

यह रोग जब किसी बच्चे को होता है, तब इसे ठीक होने में २१ दिन का समय लगता है। १ हफ्ते में दाने मुरझा जाते हैं, उसके बाद उसकी ऊपर की पपड़ी उतरने लगती है। इस अवस्था में बच्चे का पूरा ध्यान रखना पड़ता है कि वह किसी और के संपर्क में न आए क्योंकि यही संक्रमण का समय होता है, जिससे यह बीमारी दूसरों को लगती है।

चेचक बीमारी से बचाव

रोगी बच्चे की देखभाल करते समय आपको भी कुछ सावधानियां रखनी होगी। जैसे आपके पहने हुए वस्त्र साफ सुथरे होने चाहियें।

चेचक से बचाव का सबसे असरदार तरीका टीकाकरण होता है। बच्चे को कैच-अप टीके किसी भी समय दिलाये जा सकते हैं। वेरिसेला वैक्सीनेशन से, बीमारी से बचाव संभव है। टीका लगे हुए बच्चे को अगर यह रोग होता है तो साधारणतया हल्के लक्षण दिखते हैं। टीके से चेचक के कारण होने वाले दूसरे रोगों से भी बचाव संभव है। अगर आपने अपने बच्चे को इसका टीका नहीं लगवाया है और आपका बच्चा इस रोग से ग्रस्त होता हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें और उचित इलाज करवाएं।

Video: चेचक बीमारी का इलाज - Home remedy for Measles or chicken pox

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

दस्त-में-शिशु-आहार
टीकाकरण-चार्ट-2018

Most Read

Other Articles

गर्भावस्था में Vitamin E ना लेना खतरनाक हो सकता है
गर्भावस्था-में-Vitamin-E-ना-लेना-खतरनाक-हो-सकता-है- Vitamin E शरीर में कोशिकाओं को सुरक्षित रखने का काम करता है यही वजह है कि अगर आप गर्भवती हैं तो आपको अपने भोजन में ऐसे आहार को सम्मिलित करने पड़ेंगे जिनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन इ (Vitamin E ) होता है। इस तरह से आपको गर्भावस्था के दौरान अलग से विटामिन ई की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
Read More...

बच्चों के दांत टेढ़े होने से कैसे बचाएँ
बच्चों-के-दांत-टेढ़े-crooked-teeth-prevention आप पाएंगे कि अधिकांश बच्चों के दांत ठेडे मेढे होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे अपने दांतो का ख्याल बड़ों की तरह नहीं रखते हैं। दिनभर कुछ ना कुछ खाते रहते हैं जिससे उनके दांत कभी साफ नहीं रहते हैं। लेकिन अगर आप अपने बच्चों यह दातों का थोड़ा ख्याल रखें तो आप उनके दातों को टेढ़े (crooked teeth) होने से बचा सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आपको अपने बच्चों के दातों से संबंधित कौन-कौन सी बातों का ख्याल रखना है, और अपने बच्चों को किन बातों की शिक्षा देनी है जिससे वे खुद भी अपने दांतो का ख्याल रख सके।
Read More...

सुभाष चंद्र बोस की जीवनी से बच्चों को सिखाएं देश भक्ति का महत्व
सुभाष-चंद्र-बोस हमारी संस्कृति, हमारे मूल्य जो हमे अपने पूर्वजों से मिली है, अमूल्य है। भारत के अनेक वीरं सपूतों (जैसे की सुभाष चंद्र बोस) ने अपने खून बहाकर हमारे लिए आजादी सुनिश्चित की है। अगर बच्चों की परवरिश अच्छी हो तो उनमें अपने संस्कारों के प्रति लगाव और देश के प्रति प्रेम होता है। बच्चों की अच्छी परवरिश में माँ-बाप की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। बच्चों की शिक्षा स्कूल से नहीं, वरन घर से शुरू होती है। आज हम आजादी की खुली हवा में साँस लेते हैं, तो सिर्फ इसलिए क्यूंकि क्रन्तिकरियौं ने अपने भविष्य को ख़त्म कर हमारे भविष्य को सुरक्षित किया है। उनके परित्याग और बलिदान का कर्ज अगर हमे चुकाना है तो हमे आने वाली पीड़ी को देश प्रेम का मूल्य समझाना होगा। इस लेख में हम आप को बताएँगे की किस तरह से आप सुभाष चंद्र बोस की जीवनी से अपने बच्चों को देश भक्ति का महत्व सिखा सकती हैं।
Read More...

नवजात शिशु का Infant Growth Percentile Chart - Calculator
नवजात-शिशु-का-Infant-Growth-Percentile-Calculator यहां दिए गए नवजात शिशु का Infant Growth Percentile कैलकुलेटर की मदद से आप शिशु का परसेंटाइल आसानी से calculate कर सकती हैं।
Read More...

बच्चों का BMI Calculate करने का तरीका
बच्चों-का-BMI बच्चों का और 20 वर्ष से छोटे सभी लोगों का BMI गणना केवल फॉर्मूले के आधार पे नहीं किया जाता है। इसके बदले, BMI chart का भी इस्तेमाल किया जाता है। BMI chart के आधार पे जिन बच्चों का BMI 5th percentile से कम होता है उन्हें underweight माना जाता है।
Read More...

शिशु खांसी के लिए घर उपचार
शिशु-खांसी-के-लिए-घर-उपचार शिशु की खांसी एक आम समस्या है। ठंडी और सर्दी के मौसम में हर शिशु कम से कम एक बार तो बीमार पड़ता है। इसके लिए डोक्टर के पास जाने की अव्शाकता नहीं है। शिशु खांसी के लिए घर उपचार सबसे बेहतरीन है। इसका कोई side effects नहीं है और शिशु को खांसी, सर्दी और जुकाम से रहत भी मिल जाता है।
Read More...

5 घरेलु उपाय शिशु को जुकाम से राहत दिलाने के लिए (khasi ki dawa)
khasi-ki-dawa ठण्ड के दिनों में बच्चों को बहुत आसानी से जुकाम लग जाता है। जुकाम के घरेलू उपाय से आप अपने बच्चे के jukam ka ilaj आसानी से ठीक कर सकती हैं। इसके लिए jukam ki dawa की भी जरुरत नहीं है। बच्चों के शारीर में रोग प्रतिरोधक छमता इतनी मजबूत नहीं होती है की जुकाम के संक्रमण से अपना बचाव (khud zukam ka ilaj) कर सके - लेकिन इसके लिए डोक्टर के पास जाने की आवशकता नहीं है। (zukam in english, jukam in english)
Read More...

विटामिन डी है सर्दी जुकाम की दवा - sardi ki dawa
sardi-ki-dawa शिशु के शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र विटामिन डी का इस्तेमाल सूक्ष्मजीवीरोधी शक्ति (antibody) बनाने के लिए करता है। ये एंटीबाडी शिशु को संक्रमण से बचते हैं। जब शिशु के शरीर पे विषाणु और जीवाणु का आक्रमण होता है तो शिशु के शरीर में मौजूद एंटीबाडी विषाणु और जीवाणु से लड़ते हैं और उनके संक्रमण को रोकते हैं।
Read More...

12 Tips शिशु की खांसी का घरेलु उपचार - khansi ka gharelu upchar
khansi-ka-gharelu-upchar बच्चों को ठण्ड के दिनों में सर्दी और जुकाम लगना आम बात है। लेकिन बच्चों में 12 तरीके से आप खांसी का घरेलु उपचार कर सकती है (khansi ka gharelu upchar)। सर्दी और जुकाम में अक्सर शिशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। यह एक अच्छा संकेत हैं क्योँकि इसका मतलब यह है की बच्चे का शरीर सर्दी और जुखाम के संक्रमण से लड़ रहा है। कुछ घरेलु तरीकों से आप शिशु के शारीर की सहायता कर सकती हैं ताकि वो संक्रमण से लड़ सके।
Read More...

शिशु के जन्म के 24 hours के अन्दर दिए जाने वाले टीके - Quick Guide
टीकाकरण-Guide शिशु के जन्म के तुरंत बाद कौन कौन से टीके उसे आवश्यक रूप से लगा देने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी येहाँ प्राप्त करें - complete guide।
Read More...

अपने बच्चे को ब्‍लू-व्‍हेल गेम से इस तरह बचाएं
ब्‍लू-व्‍हेल-गेम अब तक ३०० बच्चों की जन ले चूका है हत्यारा ब्‍लू-व्‍हेल गेम। अगर आप ने सावधानी नहीं बाराती तो आप का भी बच्चा हो सकता है शिकार। ब्‍लू-व्‍हेल गेम खलता है बच्चों के मानसिकता से। बच्चों का दिमाग बड़ों की तरह परिपक्व नहीं होता है। इसीलिए बच्चों को ब्‍लू-व्‍हेल गेम से सुरक्षित रखने के लिए माँ-बाप की समझदारी और सूझ-बूझ की भी आवश्यकता पड़ेगी।
Read More...

टीकाकरण के बाद शिशु की तकलीफ को इस तरह करें शांत
टीकाकरण-2018 शिशु का टीकाकार शिशु को बीमारियोँ से बचाने के लिए बहुत जरुरी है। मगर टीकाकार से शिशु को बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता है। जानिए की आप किस तरह अपने शिशु को टीकाकरण २०१८ से हुए दर्द से शिशु को कैसे राहत पहुंचा सकते हैं।
Read More...

बच्चों में पीलिये के लक्षण पहचाने - झट से
Jaundice-in-newborn-in-hindi Jaundice in newborn: Causes, Symptoms, and Treatments - जिन बच्चों को पीलिया या जॉन्डिस होता है उनके शरीर, चेहरे और आँखों का रंग पीला पड़ जाता है। पीलिया के कारण बच्चे को केर्निकेटरस नामक बीमारी हो सकती है। यह बीमारी बच्चे के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
Read More...

2 साल के बच्चे का शाकाहारी आहार सारणी - baby food chart और Recipe
शाकाहारी-baby-food-chart दो साल के बच्चे के लिए शाकाहारी आहार सारणी (vegetarian Indian food chart) जिसे आप आसानी से घर पर बना सकती हैं। अगर आप सोच रही हैं की दो साल के बच्चे को baby food में क्या vegetarian Indian food, तो समझिये की यह लेख आप के लिए ही है। संतुलित आहार चार्ट
Read More...

9 माह के बच्चे का baby food chart - Indian Baby Food Recipe
9-month-baby-food-chart- 9 महीने के बच्चों की आहार सारणी (9 month Indian baby food chart) - 9 महीने के अधिकतर बच्चे इतने बड़े हो जाते हैं की वो पिसे हुए आहार (puree) को बंद कर mashed (मसला हुआ) आहार ग्रहण कर सके। नौ माह का बच्चा आसानी से कई प्रकार के आहार आराम से ग्रहण कर सकता है। इसके साथ ही अब वो दिन में तीन आहार ग्रहण करने लायक भी हो गया है। संतुलित आहार चार्ट
Read More...

3 महीने के बच्चे की देख भाल कैसे करें
3-महीने-का-बच्चे-की-देख-भाल-कैसे-करें चूँकि इस उम्र मे बच्चे अपने आप को पलटना सीख लेते हैं और ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, आप को इनका ज्यादा ख्याल रखना पड़ेगा ताकि ये कहीं अपने आप को चोट न लगा लें या बिस्तर से निचे न गिर जाएँ।
Read More...

Apps जो बचाये आपके बच्चों को Online ख़तरों से
बच्चों-की-online-सुरक्षा कुछ सॉफ्टवेयर हैं जो पेरेंट्स की मदद करते हैं बच्चों को इंटरनेट की जोखिमों से बचाने में। इन्हे पैरेंटल कन्ट्रो एप्स (parental control apps) के नाम से जाना जाता है। हम आपको कुछ बेहतरीन (parental control apps) के बारे में बताएँगे जो आपके बच्चों की सुरक्षा करेगा जब आपके बच्चे ऑनलाइन होते हैं।
Read More...

सूजी का खीर छोटे बच्चों के लिए शिशु आहार (Sooji Kheer For Baby)
सूजी-का-खीर अगर आप का शिशु 6 महिने का हो गया है और आप सोच रही हैं की अपने शिशु को क्या दें खाने मैं तो - सूजी का खीर सबसे बढ़िया विकल्प है। शरीर के लिए बेहद पौष्टिक, यह तुरंत बन के त्यार हो जाता है, शिशु को इसका स्वाद बहुत पसंद आता है और इसे बनाने में कोई विशेष तयारी भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Read More...

पांच दालों से बनी सेहत से भरपूर खिचड़ी
पांच-दलों-से-बनी-खिचडी पांच दालों से बनी खिचड़ी से बच्चो को कई प्रकार के पोषक तत्त्व मिलते हैं जैसे की फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स (minerals)| मिनरल्स शरीर के हडियों और दातों को मजबूत करता है| यह मेटाबोलिज्म (metabolism) में भी सहयोग करता है| आयरन शरीर में रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है और फाइबर पाचन तंत्र को दरुस्त रखता है|
Read More...

बच्चों में उलटी - क्या सामान्य है और क्या नहीं
उल्टी-में-देखभाल नवजात बच्चों द्वारा बार-बार उल्टी करना सामान्य बात है क्योंकि वे अपने खाद्य - पदार्थ के साथ में तालमेल बिठा रहे होते हैं और उनका शरीर विकसित हो रहा होता है। उलटी के गंभीर लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com