Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺4 min read
सांस के जरिये भाप अंदर लेने से शिशु की बंद नाक खुलने में मदद मिलती है। गर्मा-गर्म भाप सांस के जरिये अंदर लेने से शिशु की नाक में जमा बलगम ढीला हो जाता है। इससे बलगम (कफ - mucus) के दुवारा अवरुद्ध वायुमार्ग खुल जाता है और शिशु बिना किसी तकलीफ के साँस ले पाता है।

ठण्ड के मौसम में सबसे ज्यादा बच्चे बंद नाक की समस्या से परेशान रहते हैं। सर्दी और जुकाम में बच्चों के बंद नाक को खोलने का सबसे बेहतर तरीका है की बच्चों को भाप दिया जाये।
ठण्ड के मौसम में बच्चों मैं सर्दी और जुकाम होना आम बात है। ऐसे मैं बच्चे को भाप देना एक प्रभावी घरेलु उपाय है और बार बार दवा और एंटीबायोटिक देने से कहीं बेहतर विकल्प है।
शिशु के जन्म से लेकर अगले दो सालों तक उसे करीब दस बार सर्दी, जुखाम और बंद नाक का सामना करना पड़ेगा।
मौसम के हलके से भी उतर चढ़ाव से बच्चे को बुखार, सर्दी, जुकाम और बंद नाक का होना एक आम बात होगा।
ऐसा इसलिए क्योँकि बच्चे का शरीर बड़ों की तरह इतना विकसित नहीं है की मौसम के बदलाव के अनुसार अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित कर सके।
हर बीतते वर्ष के साथ आप के शिशु का शरीर अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में दक्ष होता जायेगा।
यह एक तथ्य है की सर्दी और जुखाम के वायरस को दवा से ठीक नहीं किया जा सकता है। सर्दी और जुखाम पांच से सात दिनों में स्वतः ही समाप्त हो जाता है। या यूँ कहें की शिशु का शरीर उनके वायरस से लड़ना सिख लेता है।
दवा बच्चों में सर्दी और जुखाम के परेशान कर देने वाले लक्षणों को कुछ समय के लिए दबा देते हैं। इससे ऐसा लगता है की बच्चे की सर्दी और जुखाम कम हो गयी है।
सर्दी और जुखाम की दवा बच्चे की परशानी को कम कर देते हैं, जिसकी वजह से बच्चा रात को अच्छी नींद सो पता है। सर्दी और जुखाम की दवा एक और काम करता है।
यह बच्चे के साइन की जकड़न को भी समाप्त करता है, कफ जिसे बलगम कहते हैं (mucus) इसे तोड़ता है ताकि यह आसानी से नाक के रास्ते बाहर आ सके और बच्चा आराम से साँस ले सके।

छाती में जमे बलगम (कफ - mucus) को जरुरी नहीं की दवा के दुवारा ही ठीक किया जाये। बच्चों को पानी का भाप के द्वारा भी उनके छाती में जमे कफ (बलगम) को तोडा जा सकता है, उनके बंद नाक को खोला जा सकता है।
सच तो यह है की पानी के भाप के दुवारा बच्चों के जुखाम को ठीक करना कहीं बेहतर विकल है। इसका कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं है और यह बच्चों के लिए हर मायने में सुरक्षित है।

सांस के जरिये भाप अंदर लेने से शिशु की बंद नाक खुलने में मदद मिलती है। गर्मा-गर्म भाप सांस के जरिये अंदर लेने से शिशु की नाक में जमा बलगम ढीला हो जाता है। इससे बलगम (कफ - mucus) के दुवारा अवरुद्ध वायुमार्ग खुल जाता है और शिशु बिना किसी तकलीफ के साँस ले पाता है। भाप के दुवारा सर्दी, साइनसाइटिस और छाती में जमा बलगम को दूर करने का तरीका हर तरह से प्राकृतिक है। यह शिशु को ना केवल चैन से सोने में मदद करता है बल्कि कुछ शिशु रोग विशेषज्ञों का यह भी कहना है की पानी का भाप दिलाने से शिशु का सर्दी और जुखाम जल्दी ठीक हो जाता है और शिशु पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है।
जरुरी नहीं की हर बच्चे को पानी का भाप लेना पसंद आये। कुछ बच्चे इतना परेशान करते हैं और रोते हैं की उन्हें पानी का भाप दिलाना ना-मुमकिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चे को दो तरीके से भाप दिला सकती हैं।
ठण्ड के दिनों में आप अंदाजा नहीं लगा सकते हैं की कमरे की वायु कितनी शुष्क हो जाती है। अगर आप कमरे में हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल कर रहे हैं तब तो समझिये की कमरे की नमी पूरी तरह से समाप्त हो गयी है। ऐसी स्थति में वाष्पित्र (ह्यूमिडफायर - humidifier) के इस्तेमाल से कमरे में नमी का स्तर बनाये रखा जा सकता है।
खैर - ठण्ड के दिनों में कमरे में नमी की स्तर बना हो या ना - दोनों ही स्थिति में अगर बच्चे को जुखाम हो गया है और आप का बच्चा बंद नाक से परेशान है तो वाष्पित्र (ह्यूमिडफायर - humidifier) के इस्तेमाल से बच्चे को बहुत आराम मिल सकता है। कमरे की वायु बहुत ज्यादा शुष्क होने से शिशु की नाक सूख जाती है - इसके आलावा सूखे हुए बलगम के कारण नाक से खून भी आ सकता है।
ह्यूमिडफायर - humidifier के इस्तेमाल से कमरे में नमी का स्तर बना रहता है। इससे शिशु की नाक सूखती नहीं है। शिशु की नाक और छाती में जमा बलगम ढीला पड़ जाता है और अवरुद्ध वायुमार्ग खुल जाता है।
ह्यूमिडफायर - humidifier को आप ऑनलाइन या फिर इलैक्ट्रोनिक सामान की दुकान से भी खरीद सकती हैं।

यह भी एक बहुत ही बेहतर तरीका है शिशु को भाप दिलाने का। स्नानघर (bathroom) में गर्म पानी चलाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें ताकि स्नानघर (bathroom) भाप से भर जाये। भाप बन जाने के बाद अपने बच्चे को पंद्रह से बीस मिनट के लिए गोद में ले कर स्नानघर (bathroom) में चले जाएँ। स्नानघर (bathroom) के अंदर शिशु के ध्यान को बनाये रखने के लिए आप उसे कोई कहानी, बालगीत या लोरी सुना सकती हैं।
बहुत छोटे बच्चों को गर्म पानी के कटोरे या फिर चेहरे पर भाप लेने वाले उपकरण से भाप न दिलाएं। इससे शिशु के जलने का खतरा रहता है। अगर आप कमरे में वाष्पित्र (ह्यूमिडफायर - humidifier) का इस्तेमाल कर रही हैं तो ध्यान रहे की बच्चे इसके नजदीक ना जाएँ।
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जब मछरों का आतंक छाता है तो मनुष्यों में दहशत फ़ैल जाता है। क्योँ की मछरों से कई तरह की बीमारी फैलती है जैसे की डेंगू। डेंगू की बीमारी फ़ैलतु है एक विशेष प्रकार में मछरों के द्वारा जिन्हे कहते हैं - ‘Aedes aegypti mosquito’। डेंगू एक जानलेवा बीमारी है और यह इतनी दर्दनाक बीमारी है की इसका पीड़ित जिंदगीभर इसके दुष्प्रभावों को झेलता है। जानिए की बच्चों को किस तरह डेंगू से बचाएं।
अगर आप का शिशु बहुत गुस्सा करता है तो इसमें कोई ताजुब की बात नहीं है। सभी बच्चे गुस्सा करते हैं। गुस्सा अपनी भावना को प्रकट करने का एक तरीका है - जिस तरह हसना, मुस्कुराना और रोना। बस आप को अपने बच्चे को यह सिखाना है की जब उसे गुस्सा आये तो उसे किस तरह नियंत्रित करे।
सुबह उठकर भीगे बादाम खाने के फायेदे तो सबको पता हैं - लेकिन क्या आप को पता है की भीगे चने खाने के फायेदे बादाम से भी ज्यादा है। अगर आप को यकीन नहीं हो रहा है तो इस लेख को जरूर पढिये - आप का भ्रम टूटेगा।
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बचपन में शिशु का शारीर बहुत तीव्र गति से विकसित होता है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में कैल्शियम एहम भूमिका निभाता है। बच्चों के active growth years में अगर उन्हें उनके आहार से कैल्शियम न मिले तो बच्चों का विकास प्रभावित हो सकता है।
हमें आपने बच्चों को मातृभूमि से प्रेम करने की शिक्षा देनी चाहिए तथा उनके अंदर ये भावना पैदा करनी चाहिए की वे अपने देश के प्रति समर्पित रहें और ये सोचे की हमने अपने देश के लिए क्या किया है। वे यह न सोचे की देश ने उनके लिए क्या किया है। Independence Day Celebrations India गणतंत्र दिवस भारत नरेन्द्र मोदी 15 August 2017
शिशु के कपडे को धोते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखें ताकि कीटाणुओं और रोगाणुओं को बच्चों के कपडे से पूरी तरह ख़त्म किया जा सके और बच्चों के कपडे भी सुरक्षित रहें| शिशु के खिलौनों को भी समय-समय पे धोते रहें ताकि संक्रमण का खतरा ख़त्म हो सके|
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कुछ सॉफ्टवेयर हैं जो पेरेंट्स की मदद करते हैं बच्चों को इंटरनेट की जोखिमों से बचाने में। इन्हे पैरेंटल कन्ट्रो एप्स (parental control apps) के नाम से जाना जाता है। हम आपको कुछ बेहतरीन (parental control apps) के बारे में बताएँगे जो आपके बच्चों की सुरक्षा करेगा जब आपके बच्चे ऑनलाइन होते हैं।
शांतिपूर्ण माहौल में ही बच्चा कुछ सोच - समझ सकता है, पढ़ाई कर सकता है, अधयाय को याद कर सकता है। और अपने school में perform कर सकता है। माता-पिता होने के नाते आपको ही देना है अपने बच्चे को यह माहौल।
गर्मियों में नाजुक सी जान का ख्याल रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मगर थोड़ी से समझ बुझ से काम लें तो आप अपने नवजात शिशु को गर्मियों के मौसम में स्वस्थ और खुशमिजाज रख पाएंगी।
क्या आप चाहते हैं की आप का बच्चा शारारिक रूप से स्वस्थ (physically healthy) और मानसिक रूप से तेज़ (mentally smart) हो? तो आपको अपने बच्चे को ड्राई फ्रूट्स (dry fruits) देना चाहिए। ड्राई फ्रूट्स घनिस्ट मात्रा (extremely rich source) में मिनरल्स और प्रोटीन्स प्रदान करता है। यह आप के बच्चे के सम्पूर्ण ग्रोथ (complete growth and development) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।