Category: टीकाकरण (vaccination)

येल्लो फीवर वैक्सीन

By: Vandana Srivastava | 11 min read

येलो फीवर मछर के एक विशेष प्रजाति द्वारा अपना संक्रमण फैलता है| भारत से जब आप विदेश जाते हैं तो कुछ ऐसे देश हैं जैसे की अफ्रीका और साउथ अमेरिका, जहाँ जाने से पहले आपको इसका वैक्सीन लगवाना जरुरी है क्योँकि ऐसे देशों में येलो फीवर का काफी प्रकोप है और वहां यत्र करते वक्त आपको संक्रमण लग सकता है|

yellow fever

येलो फीवर वैक्सीन आप के बच्चे की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है अतःआप अपने बच्चे के सही पोषण के लिए और उसकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए जागरूक हो।

इस लेख में आप सीखेंगे - You will read in this article

  1. येलो फीवर क्या है
  2. येलो फीवर का इलाज
  3. येलो फीवर के के लक्षण
  4. येलो फीवर के वक्सीनशन की खुराक/मात्रा
  5. येल्लो फीवर का वैक्सीन सबके लिए नहीं
  6. येल्लो फीवर से सम्बंधित जरुरी जानकारी
  7. येल्लो फीवर का वैक्सीन  कब नहीं लगवाना चाहिए
  8. येल्लो फीवर का पीला कार्ड (इंटरनेशनल सर्टिफिकेट)
  9. येलो फीवर के टीके का दुष्प्रभाव
  10. Video: येलो फीवर पे जानकारी

येलो फीवर क्या है - What is yellow fever?

येलो फीवर ( पीत ज्वर - पीला बुखार ) विषाणु द्वारा उत्पन्न एक तीव्र हेमोरेजिक ( क्षतिग्रस्त रक्तवाहिनियों में रक्त प्रवाह होने वाला ) रोग है, जो मनुष्यों में संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। रोग के नाम में येलो शब्द पीलिया को इंगित करता है जो कुछ रोगियों को प्रभावित करता है। यह ऐसा रोग है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है। 

येलो फीवर - पीत ज्वर - पीला बुखार yellow fever

येलो फीवर का इलाज - Yellow fever cure

यह खेद की बात है की हर साल येलो फीवर से संक्रमित करीब 50 प्रतिशत लोग इसके संक्रमण से मर जाते हैं। परन्तु इससे वक्सीनशन के द्वारा पूरी तरह बचा जा सकता है। येलो फीवर के संक्रमण से बुखार, सर दर्द और उलटी (मितली) जैसे लक्षण पैदा होते हैं। गंभीर स्थितियों में यह ह्रदय, लिवर और किडनी से सम्बंधित जानलेवा लक्षण पैदा कर सकते हैं। 

येलो फीवर के लक्षण - Symptoms of yellow fever

अलग अलग अवस्थाओं में येलो फीवर अलग अलग लक्षण पैदा करता है। येलो फीवर के कुछ मुख्या लक्षण इस प्रकार हैं:

  1. बुखार
  2. सर दर्द
  3. मुँह, नाक, कान, और पीट में रक्त स्राव (खून का बहना)
  4. उलटी, मितली, जी मचलाना 
  5. लिवर और किडनी से सम्बंधित कार्य प्रणाली का ठप पड़ना 
  6. पेट में दर्द
  7. पीलिया (jaundice)

symptoms of yellow fever

येलो फीवर के वक्सीनशन की खुराक/मात्रा - Yellow fever vaccination dose 

त्वचा के भीतर दिए जाने वाले 0.5 मिली के केवल एक इंजेक्शन से 10 दिनों में प्रतिरोधक  शक्ति विकसित होती है जो अगले 10 साल तक बनी रहती है। हर देश में टीकाकरण कार्ड की आवश्यकता नहीं होती। यह येलो फीवर की अधिकता वाले केवल कुछ देशों में ही अनिवार्य है। सेंटर्स फोर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC- center for disease control and prevention) द्वारा येलो फीवर वितरण में परिवर्तन और येलो फीवर की वैक्सीन की जरूरत का समय रहते पता किया जा सकता है।वैक्सीन सामग्री टीके में तत्व होते हैं, जिन्हें एंटीजन कहा जाता है, जिससे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता  विकसित होती है। टीके में अन्य तत्वो  की बहुत छोटी मात्रा भी होती है - ये सभी आवश्यक भूमिकाएं निभाते हैं।

yellow fever vaccination

येल्लो फीवर का वैक्सीन सबके लिए नहीं - Yellow fever vaccine is not for every one

9 माह से कम आयु को बच्चों को येलो फीवर वैक्सीन नही देनी चाहिए क्योकि 6 माह तक की आयु के बच्चों में ब्रेन की सूजन सम्बन्धी कई मामलों में टीका करण को जुड़ा पाया गया है, इसलिए जब तक कि येलो फीवर की चपेट में आने का खतरा बहुत अधिक ना हो, इसे 12 माह से अधिक की आयु तक के लिए रोकना चाहिए।

येल्लो फीवर से सम्बंधित जरुरी जानकारी  - Important information related to yellow fever

  • येलो फीवर से बचने के लिए अपने बच्चे को समयानुसार टीका लगवाये।
  • टीकाकरण ही सबसे सुरक्षित तरीका हैं किसी भी बीमारी से बचने के लिए। 
  • इससे बच्चे के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैं और वह स्वस्थ रहता हैं। 
  • येलो फीवर के प्रभावित क्षेत्रों में रहने और वहां यात्रा करने वाले और 9 माह की आयु से अधिक बड़े बच्चों के लिए येलो फीवर का टीका लगवाने की सलाह दी जाती है।

yellow fever

येल्लो फीवर का वैक्सीन  कब नहीं लगवाना चाहिए - Circumstances when you should avoid yellow fever vaccine

येलो फीवर का टीका सभी के लिए नहीं होता हैं। यह टीका कुछ बच्चो में गंभीर विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।

  • टीका लेने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें, यदि आपके बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कम है, जैसे कि एचआईवी होना।
  • आपके बच्चे का ऐसा  उपचार हुए हैं जिनसे प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है, जैसे स्टेरोइड्स।
  • आपके बच्चे को अंडे, चिकन, जिलेटीन से या पिछली येलो फीवर वैक्सीन से गंभीर एलर्जी  रही है।
  • आपके बच्चे की आयु 9 महीने से कम है।

येल्लो फीवर का पीला कार्ड (इंटरनेशनल सर्टिफिकेट) - Yellow fever international card

वैक्सीन प्राप्त करने के बाद, आपको टीकाकरण (पीला कार्ड) का एक इंटरनेशनल सर्टिफिकेट  प्राप्त करना चाहिए जो कि टीका करण केंद्र द्वारा मान्य किया गया है। यह सर्टिफिकेट टीका करण के 10 दिनों के बाद वैध हो जाता है। कुछ देशों में प्रवेश करने के लिए आपको टीका करण के प्रमाण के रूप में इस कार्ड की जरूरत होगी।

भारत से जब आप विदेश जाते हैं तो कुछ ऐसे देश हैं जैसे की अफ्रीका और साउथ अमेरिका, जहाँ जाने से पहले आपको इसका वैक्सीन लगवाना जरुरी है क्योँकि ऐसे देशों में येलो फीवर का काफी प्रकोप है और वहां यत्र करते वक्त आपको संक्रमण लग सकता है। 

yellow international card

येलो फीवर के टीके का दुष्प्रभाव - Side affects of yellow fever

अभिभावक के रूप में, आप अपने बच्चे को वैक्सीन देने से पहले वैक्सीन, साइड इफेक्ट और , वैक्सीन सामग्री, और वैक्सीन सुरक्षा के बारे में और जानना चाहते हैं।

  • एक टीका, किसी भी दवा की तरह, एक गंभीर प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। लेकिन एक गंभीर चोट, या मृत्यु के कारण एक टीका का खतरा बहुत कम है।
  • येलो फीवर वैक्सीन को बुखार से जोड़ा गया है।इंजेक्शन वाले स्थान पर दर्द के साथ लालिमा या सूजन।
  • ये समस्याएं 4 में से 1 बच्चे में होती हैं। वे आम तौर पर टीका के तुरंत बाद शुरू होती हैं, और एक सप्ताह तक रह सकती हैं।

Important information related to yellow fever

जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ जाती है, उन्हें सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा के लिए कुछ टीकों की अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता होती है। बड़े बच्चों को भी अतिरिक्त बीमारियों से बचाव करने की आवश्यकता होती है जिन्हें वे मिल सकते हैं।

टीकाकरण के कुछ दिनों के लिए अपने बच्चे पर अतिरिक्त ध्यान दें। यदि आप कुछ ऐसी चीजें देखते हैं जो आपको चिंतित करते हैं, तो अपने बच्चे के डॉक्टर को फोन करें।

Video: येलो फीवर पे जानकारी - Information on yellow fever


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