Category: शिशु रोग
By: Admin | ☺11 min read
डर, क्रोध, शरारत या यौन शोषण इसका कारण हो सकते हैं। रात में सोते समय अगर आप का बच्चा अपने दांतों को पिसता है तो इसका मतलब है की वह कोई बुरा सपना देख रहा है। बच्चों पे हुए शोध में यह पता चला है की जो बच्चे तनाव की स्थिति से गुजर रहे होते हैं (उदहारण के लिए उन्हें स्कूल या घर पे डांट पड़ रही हो या ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं जो उन्हें पसंद नहीं है) तो रात में सोते वक्त उनमें दांत पिसने की सम्भावना ज्यादा रहती है। यहाँ बताई गयी बैटन का ख्याल रख आप अपने बच्चे की इस समस्या का सफल इलाज कर सकती हैं।
रात में सोते समय बच्चों का दांत पीसना जिसे ब्रुक्सिज्म भी कहा जाता है एक आम बात है। आंकड़ों की देखें तो 5 साल तक के बच्चों में 50% से अधिक बच्चे रात में सोते समय अपने दांतो को पीसते हैं।
जब बच्चे रात को सोते समय अपने दांत पीसते हैं तो उस वक्त वह भयभीत वाली स्थिति से गुजर रहे होते हैं। इसका कारण यह हो सकता है वह कोई भयभीत कर देने वाला सपना देख रहे हो।
इस लेख में आप जानेंगे कि किस तरह से आप अपने शिशु की इस स्थिति से निपट सकते हैं।
बच्चों का नींद में दांत पीसना एक आम समस्या है। कुछ विशेषज्ञ यह मानते हैं कि यह ज्यादा मीठा खाने के कारण होता है।
लेकिन पिछले कुछ दिनों हुए शोध में यह बात पता चला है कि नींद में दांत पीसने के पीछे मीठा खाने का कोई संबंध नहीं है।
शोध के दौरान जो बच्चे नींद में दांत पीसते थे जब उन्हें आहार में मीठा देना बंद कर दिया गया तो भी उनका नींद में दांत पीसना बंद नहीं हुआ।
नींद में दांत पीसने की समस्या आहार या पाचन से संबंधित नहीं है। मुख्य तौर पर यह किस वजह से होता है इसके बारे में अभी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
लेकिन इस विषय पर हुए शोध यह निष्कर्ष निकला है कि लगातार दांत पीसना बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है।
इस समस्या से संबंधित हुए शोध में यह पता चला है कि जो बच्चे इस से पीड़ित होते हैं उनके दांतो की चबाने वाली सतह से स्वस्थ एनिमल निकल जाता है।
इस वजह से उनके दांत कमजोर हो जाते हैं तथा दांतों में सेंसिटिविटी बढ़ जाती है। इसके साथ-साथ कुछ बच्चों में फेशियल पेन की समस्या भी पैदा हो सकती है।
रात में सोते समय दांत पीसने की समस्या से केवल बच्चे की नहीं वरन बड़े भी ग्रसित हो सकते हैं। जो लोग रात में सोते समय दांत पीसते हैं उन्हें सिर दर्द, दांत गिरना और मुंह में कई तरह के दर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
जो बच्चे रात को सोते समय अपने दांत पीसते हैं उन पर हुए शोध में एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि ऐसे अधिकांश बच्चों को स्कूल में या तो धमकाया जा रहा था यह उन्हें ज्यादा डांट पड़ती थी।
ऐसे में मनोवैज्ञानिक तौर पर बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा था। रात में सोते वक्त बच्चों को इससे संबंधित सपने आते थे जो डरावनी होते थे।
इसीलिए विशेषज्ञ इस बात की राय देते हैं कि अगर आपका बच्चा रात को सोते वक्त अपने दांतो को पीसता है तो आप अपने बर्ताव पर ध्यान दें कि कहीं आप अपने बच्चों को ज्यादा डांट तो नहीं रहे हैं। या कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके बच्चे को स्कूल में दूसरे बच्चे परेशान करते हैं या उसकी टीचर उसे खूब डांट रही है।
ऐसी स्थिति में जरूरी यह है कि आप या तो अपने स्कूल की टीचर से इस विषय में बात करें, या अपने बच्चे का दाखिला किसी दूसरे स्कूल में करा दें जहां पर उसे अनुकूल माहौल मिल सके।
इससे उसके नींद में दांत पीसने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है साथ ही बदले माहौल में आपके बच्चे का मनोबल भी बढ़ेगा जो उसके आत्मविश्वास के लिए बहुत जरूरी है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि जिन बच्चों को स्कूल पर या घर पर धमकाया जाता है उनमें रात को सोते समय दांत पीसने की संभावना ज्यादा होती है।
शोध के आंकड़े इस बात को बताते हैं कि जिन बच्चों को मौखिक रूप से प्रताड़ित किया गया उन बच्चों में रात को सोते वक्त दांत पीसने की संभावना दूसरे बच्चों की तुलना में 4 गुना ज्यादा यानी 65% ज्यादा होती है।
लेकिन जो बच्चे इस प्रकार के मानसिक दबाव से नहीं गुजर रहे होते हैं उन बच्चों में केवल 17 प्रतिशत बच्चों में दांत पीसने की संभावना रहती है।
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शोध में यह बात प्रमाणित हो चुका है कि रात में बच्चों का दांत पीसने की समस्या ( जिसे ब्रुक्सिस्म कहते हैं) तनाव की वजह से होता है।
अगर शिशु रात में सोते वक्त अपने दांतो को पीसता है तो इसका मतलब दिन में वह गुस्सा, दर्द और पीड़ा की अवस्था से गुजर रहा है। यह किसी भी कारण से हो सकता है।
इस समस्या का हल पाने के लिए सबसे पहले आपको इसके कारणों को खोजने की आवश्यकता है। अगर आप अपने बच्चे पर बात बात पर गुस्सा करती हैं तो सबसे पहले आपको अपने बच्चे पर गुस्सा करना बंद करना पड़ेगा।
अपने बच्चे को अच्छी बातें सिखाने के लिए उसके अंदर अच्छे संस्कारों को विकसित करने के लिए आपको दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। हो सकता है इसके लिए आपको बहुत धैर्य की आवश्यकता पड़ी।
जब बच्चे को यह एहसास होगा कि वह घर में सुरक्षित है, और घर में सभी उससे प्यार करते हैं तो उसके रात में दांत पीसने की समस्या भी अपने आप खत्म हो जाएगी।
हमारे भारत देश में हजारों साल से यह मान्यता है कि जो बच्चे रात को सोते समय अपने दांत पीसते हैं, हो सकता है उनके पेट में कीड़े हो।
ताजुब तो इस बात का है कि कुछ डॉक्टर भी यह मानते हैं कि बच्चों का रात में सोते समय दांत पीसने की समस्या की वजह पेट के कीड़े हैं।
लेकिन बच्चों पर हुए अनेक शोध में यह प्रमाणित हो चुका है कि यह केवल एक अंधविश्वास मात्र है। बच्चों का रात में सोते समय दांत पीसने का उनके पेट के कीड़े से कोई संबंध नहीं है।
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डर, क्रोध, शरारत या यौन शोषण इसका कारण हो सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार अधिकांश मामलों में बुक्सिज्म कि समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। लेकिन फिर भी मां बाप को अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करना चाहिए कि उनका बच्चा रात को सोते समय दांत ना पिसे क्योंकि इससे दांत ख़राब होते हैं।
अगर आपका बच्चा रात को सोते समय अपने दांतो को पिसता है तो यह आवश्यक है कि आप इसके कारणों का पता लगाएं। ताकि अगर आपका शिशु स्कूल पर या घर पर बुरी स्थिति से गुजर रहा है तो आप इसका बचाव कर सकें।
अगर आपका शिशु रात में सोते वक्त अपने दांतो को पीसता है तो आप किसी दांत विशेषज्ञ की राय ले सकते हैं। मुख्य तौर पर एक दंत विशेषज्ञ आपके बच्चे के लिए मुँह गार्ड इस्तेमाल करने का राय दे सकता है।
रात में सोते वक्त मुँह गार्ड पहन कर सोने से आपके शिशु के दांत को घिसने से बचाया जा सकता है ताकि आपके बच्चों के दांतों के इनेमल सुरक्षित रहे। इसके अलावा इस समस्या से बचने के लिए कोई कारगर दवा उपलब्ध नहीं है।
अगर आपका शिशु रात में सोते वक्त अपने दांतो को पिसता है तो इसका मतलब साफ है कि आपका बच्चा किसी न किसी प्रकार के तनाव की स्थिति से गुजर रहा है।
आप को अपनी तरफ से प्रयास करने की जरूरत है कि आप अपने बच्चे के तनाव की वजह का पता लगाएं। इसके साथ ही आप अपने शिशु को रात में सोते समय सोने के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर सकती हैं ताकि आपका शिशु आनंददायक और गहरी नींद सो सके।
आरामदायक नींद के लिए आप अपने शिशु को रात में सोने से पहले गर्म पानी का स्नान दे सकती हैं और जोड़ों की मालिश भी कर सकती हैं।
इससे रात में आपके शिशु को एक बेहतर नींद मिलेगी और वह सुकून भरी नींद सो सकेगा। इस तरह से आप के प्रयास से आपका शिशु आपके प्यार को महसूस कर सकता है और मानसिक दबाव से बाहर आ सकता है जो कि इस समस्या के समाधान के लिए बहुत जरूरी है।
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