Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺11 min read
बच्चो में दांत सम्बंधी समस्या को लेकर अधिकांश माँ बाप परेशान रहते हैं। थोड़ी से सावधानी बारात कर आप अपने बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत को घर पे ही ठीक कर सकती हैं। चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए दांतों का बहुत ही महत्व होता है। इसीलिए अगर बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत हों तो माँ बाप का परेशान होना स्वाभाविक है। बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत उनके चेहरे की खूबसूरती को ख़राब कर सकते हैं। इस लेख में हम आप को बताएँगे कुछ तरीके जिन्हें अगर आप करें तो आप के बच्चों के दांत नहीं आयेंगे टेढ़े-मेढ़े। इस लेख में हम आप को बताएँगे Safe Teething Remedies For Babies In Hindi.


बच्चों के दांत शुरुआती दौर में कई तरह के छोटी-मोटी परेशानियां से गुजरते है जिनसे परेशान होने की बिलकुल भी जरुरत नहीं है। अगर आप के बच्चों के दांत टेढ़े-मेढ़े हो गए हैं तो उसका इलाज हम आप को इस लेख में बताएँगे।
लेकिन उससे पहले आप के लिए यह जानना बेहद जरुरी है की आप को कौन कौन से सावधानी बरतने की आवश्यकता ही जिससे आप के बच्चे के दांत ख़राब ही ना हो।
अगर आप के बच्चों के दांत सुन्दर दिखेंगे तो आप के बच्चे भी सुंदर और स्मार्ट दिखेंगे। थोड़ी सी सावधानी बारात कर बच्चों के दांतों को सुन्दर रखना आसन है लेकिन अगर आप केर बच्चों के दांत टेढ़े-मेढ़े (crooked teeth) हो जाएँ तो उन्हें ठीक करना ज्यादा कठिन होता है।
चलिए देखते हैं की आप किस तरह से बच्चों के दांत को टेढ़े-मेढ़े (crooked teeth)होने से बचा सकती हैं। बच्चो के टेढ़े-मेढ़े दांत या जबड़ों के छोटे-बड़े आकार की समस्या को ऑर्थोडॉन्टिक प्रॉब्लम कहते हैं।


अगर आप के बच्चे के दांत टेढ़े-मेढ़े दांत (crooked teeth) हो गए हैं तो आप उन्हें इलाज दुआर सफलता पूर्वक ठीक कर सकती है। बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत (crooked teeth) को ठीक करने के लिए बे्रसेज का इस्तेमाल किया जाता है।
आहार आप का बच्चा छोटा है तो इस प्रक्रिया की कोई आवश्यकता नहीं है। ऊपर जो मैंने आप को सावधानियां बतलायीं हैं अगर आप उनका पालन करें तो समय के साथ आप के बच्चे के टेढ़े-मेढ़े (crooked teeth) दांत स्वता ठीक हो जायेंगे।
बे्रसेज के दुवारा बच्चे के दांतों को ठीक करने की आवश्यकता तब पड़ती है जब बच्चे आठ साल (eight years) से बड़े हो जाएँ। बे्रसेज में विभिन्न तरह के मेटेलिक या सेरेमिक ब्रेकेट और तारों का प्रयोग होता है।
बे्रसेज और तारो, बच्चे के दांत तो दबाव बनाकर अपनी सही जगह पे ले जाने का प्रयास करते हैं। कुछ समय तक जब दांत अपनी सही जगह पे बना रहता है तो वह स्थायी रूप से उसी जगह पे settle हो जाता है।
टेढ़े-मेढ़े दांत (crooked teeth) को ठीक करने के लिए बे्रसेज का इस्तेमाल किसी भी उम्र में किया जा सकता है। इसे ठीक करने के लिए बे्रसेज को दांतों पे एक से डेढ़ साल तक के लिए फिक्स कर दिया जाता है ताकि दांत या जबड़ा सीधा हो सके।
कुछ बहुत ही दुर्लभ घटनाओं में अगर बे्रसेज के इस्तेमाल के बाद भी अगर दांत ठीक ना हों तो फिर सर्जिकल procedure का सहारा लिया जा सकता है। इस प्रक्रिया को सेजाइटल स्प्लिट ऑस्टियोटॉमी (एसएसओ) या डिस्ट्रेक्शन ऑस्टियोजिनेसिस सर्जरी कहते हैं।
अगर आप का शिशु छोटा है तो आप को ज्यादा इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। क्यूंकि अगर आप के बच्चे के दूध के दांत टेढ़े-मेढ़े दांत (crooked teeth) हैं तो इसका मतलब यह नहीं ही आप के बच्चे के पक्के दांत भी टेढ़े-मेढ़े होंगे।

बच्चे के जन्म के शुरुआती दिनों में जबड़े की हड्डीयौं में इतनी बदलाव आते हैं की जब समय आता है की आप के बच्चे के पक्के दांत निकले तब तक बहुत सी समस्याएँ खुद बा खुद ही समाप्त हो जाती हैं।
लेकिन इस का मतलब यह नहीं है की आप बच्चों के दातों से सम्बंधित कोई भी 'सावधानी नहीं बरतें' या फिर डेंटिस्ट (दांतों के डोक्टर) से ना मिलें।
अगर आप के बच्चे के दांत शुरुआती दिनों से ही टेढ़े-मेढ़े नकल रहे हैं तो आप को डेंटिस्ट (दांतों के डोक्टर) से जरुर मिलना चाहिए और बताये गए उपचार को करना भी चाहिए साथ ही सभी तरह ही स्वधानियौं को भी बरतना चाहिए ताकि जब पक्के दांत निकले तो वे सुन्दर हों और सही दिशा में उगे।

लगभग सभी पक्के दांत निकलते वक्त थोड़े-मोड़े, टेढ़े-मेढ़े(crooked) होते ही हैं। बाद में चलकर ये खुद ही ठीक भी हो जाते हैं। लकिन अगर पक्के दांत कुछ ज्यादा ही टेढ़े-मेढ़े(crooked) निकल रहे हैं तो आप को सावधान रहना चाहिए क्यूंकि कभी कभी इसके पीछे की वजह गंभीर भी हो सकती है। तो समस्या के बढ़ने से पहले ही उसका इलाज कर देना सबसे उपयुक्त तरीका है बच्चों के टेढ़े-मेढ़े(crooked) दांतों की समस्या से निपटने का।

सबसे पहले तो आप घबराएँ बिलकुल नहीं। यह एक साधारण और आम बात है। यह इस वजह से होता है क्यूंकि उन्हें बहार आने के लिए दूध के दांतों को धकेलने की आवश्यकता पड़ी। अधिकांश मामलों में यह खुद-बा-खुद ठीक हो जायेगा।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं की सभी मामलों में यह खुद ही ठीक हो जायेगा।
कुछ मामलों में डेंटिस्ट (दांतों के डोक्टर) से परामर्श की आवश्यकता पड़ेगी।

कुछ दुर्लभ मामलों में बच्चों दातों के टेढ़े-मेढ़े (crooked) होने की वजह कोई समस्या भी हो सकती है। कुछ गंभीर मामलों में दातों का टेढ़े-मेढ़े (crooked) होना पूरी तरह से ठीक नहीं भी होता है।
हां - लेकिन समय पे डॉक्टर से मिल के इलाज के दुवारा उन्हें पूरी तरह से ख़राब होने से बचाया जा सकता है और इस तरह से चेहरे की खूबसूरती को भी बचाया जा सकता है।
अगर आप के बच्चे के दांत टेढ़े-मेढ़े (crooked) हैं तो सम्भावना है की (उनके ठीक होने से पहले) उनकी वजह से बाकि के दांतों पे दबाव ज्यादा पड़े और (खाना खाते वक्त) वे ज्यादा घिसने की वजह से दुसरे दातों को भी ख़राब कर दें।
यह जानना बहुत कठिन है की कौन से टेढ़े-मेढ़े (crooked) दांत आगे चलके समस्या पैदा कर सकते हैं। लेकिन अगर आप समय पे डेंटिस्ट (दांतों के डोक्टर) से मिलें तो इनका पता लगाया जा सकता है।
डेंटिस्ट (दांतों के डोक्टर) को ऐसे दांतों को पता लगाने का अच्छा अनुभव होता है। तो बजाये इस बात का इन्तेजार किये की टेढ़े-मेढ़े (crooked) खुद ठीक हो जाएँ, आप को डेंटिस्ट (दांतों के डोक्टर) की सहायता लेनी चाहिए।
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