Category: शिशु रोग

बच्चों में न्यूमोनिया - लक्षण, कारण, बचाव और इलाज

By: Vandana Srivastava | 6 min read

न्यूमोनिया फेफड़ो पर असर करने वाला एक ऐसा संक्रमण है जिसकी वजह से फेफड़ो में सूजन होती है और उसमें एक प्रकार का गीला पन आ जाता है, जिससे श्वास नली अवरुद्ध हो जाती है और बच्चे को खाँसी आने लगती है। यह बीमारी सर्दी जुकाम का बिगड़ा हुआ रूप है जो आगे चल कर जानलेवा भी साबित हो सकती है। यह बीमारी जाड़े के मौसम में अधिकतर होती है।

बच्चों में न्यूमोनिया

आपका बच्चा यदि बार बार सर्दी - जुकाम से पीड़ित है, साथ ही उसको बुखार भी आ रहा है तो तुरंत ध्यान दीजिये कि कहीं आपके बच्चे को न्यूमोनिया तो नहीं हो गया है?

युनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार हर साल 20 लाख बच्चे निमोनिया-डायरिया के शिकार हो जाते हैं। रिपोर्ट में जिन देशो का नाम लिया गया है उनमें भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, कांगो और इथोपिया जैसे देशों का नाम शामिल है। 

रिपोर्ट के अनुसार इसके मुख्या कारन हैं कुपोषण, साफ-सफाई की कमी, टीकाकरण की सुविधा का न होना और जागरुकता की कमी।


अगर बच्चों के जन्म के 6 महीने तक उन्हे मां का दूध पिलाया जाए तो भी इसमें कमी आ सकती है.जिन बच्चों को मां का दूध नहीं पिलाया जाता उनके निमोनिया से ग्रस्त होने का खतरा 15 गुना ज्यादा होता है

हर साल पांच से कम उम्र में जितने भी बच्चों की मौत होती है उनमें से 29 फीसदी की मौत निमोनिया या डायरिया की वजह से ही होती है

न्यूमोनिया फेफड़ो पर असर करने वाला एक ऐसा संक्रमण है जो बहुत से वायरस और बैक्टीरिया में से किसी एक से प्रभावित होता है। 

जिसकी वजह से फेफड़ो में सूजन होती है और उसमें एक प्रकार का गीला पन आ जाता है, जिससे श्वास नली अवरुद्ध हो जाती है और बच्चे को खाँसी आने लगती है। 

यह बीमारी सर्दी जुकाम का बिगड़ा हुआ रूप है जो आगे चल कर जानलेवा भी साबित हो सकती है। यह बीमारी जाड़े के मौसम में अधिकतर होती है।

इस लेख में आप सीखेंगे - You will read in this article

  1. न्यूमोनिया बीमारी के लक्षण 
  2. न्यूमोनिया बीमारी के कारण 
  3. न्यूमोनिया बीमारी से बचाव 
  4. न्यूमोनिया बीमारी का इलाज 
  5. Video: निमोनिया के लक्षण और उससे बचने के घरेलू उपाय 

 न्यूमोनिया बीमारी के लक्षण - Symptoms of Pneumonia

  • साँस फूलना और साँस लेने में परेशानी होना।
  • तेज बुखार और कंपकंपाहट होना।
  • सीने और पेट में दर्द होना। 
  • हृदयगति का तेज होना। 
  • अत्यधिक कमज़ोरी लगना।
  • थकान का अनुभव होना। 
  • उल्टी होना।
  • बार बार मिचली आना।
  • सिर और मांसपेशियों में दर्द होना।
  • भूख न लगना।
  • खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होना।
  • शरीर में पानी की मात्रा कम होना।
  • खाँसी आना।
  • अत्यंत पसीना होना।
  • दस्त होना।

न्यूमोनिया बीमारी के कारण

 न्यूमोनिया बीमारी के कारण - Common causes of Pneumonia

  • यह बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दूसरे संक्रमित बच्चे के माध्यम से होता है।
  • फेफड़े पर चोट लगने के कारण भी न्यूमोनिया होता है।
  • अत्यधिक सर्दी जुकाम होना।
  • फेफड़े में सूजन हो जाना।
  • फेफड़े में पानी भर जाना।
  • मौसम बदलते समय बच्चे को अत्यधिक खाँसी होना भी इसका एक कारण है।

 न्यूमोनिया बीमारी से बचाव - Steps to prevent Pneumonia

  • जैसे ही आपको अपने बच्चे में न्यूमोनिया के लक्षण दिखाई दे, आप तुरंत ही सतर्क हो जायें। इस बीमारी से अपने बच्चे को बचाने के लिए और निम्नलिखित उपाय करें।
  • अपने बच्चे को गरम और ऊनी कपड़े पहनायें।
  • न्यूमोनिया के विभिन्न लक्षण दिखने पर अपने बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जायें।

 न्यूमोनिया बीमारी का इलाज - Cure from Pneumonia in children

  • एंटीबायोटिक दवाएं डॉक्टर के परामर्श से दें।
  • पानी की कमी होने पर ड्रिप के ज़रिये तरल पदार्थ दें।
  • नेबुलाइजर का प्रयोग करें।
  • बुखार कम करने के लिये पेरासिटामोल दवा का प्रयोग करें।
  • बच्चे को भरपूर आराम करवायें।
  • बच्चा छोटा है तो माँ का दूध सर्वोत्तम आहार है।
  • स्वच्छता का विशेष ध्यान दें।
  • अपना और बच्चे का हाथ धुले - दूध पिलाने से पहले, कुछ खिलाने से पहले, छीक और खाँसी के बाद, टॉयलेट से आने के बाद।
  • सम्पूर्ण टीका लगवायें।
  • प्रदूषित वातावरण में बच्चे को न जाने दें। यदि घर का कोई सदस्य सिगरेट पीते हैं हो तो बच्चे को उनके पास न जाने दें।
  • अपने बच्चे को पोषण युक्त आहार दें, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
  • अपने बच्चे को भीड़ भरी जगहों पर न जाने दें।
  • अपने बच्चे को गरम तासीर के भोजन और पेय पदार्थ दें।
  • गरम तेल से मालिश करें।
  • सरसों के तेल में अजवाइन, लहसुन की कली डालकर पकालें, थोड़ा ठंडा होने पर अपने बच्चे को लगाएं।
  • कुपोषित और प्री मैच्योर बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से उनका खास ध्यान देना चाहिये।
  • अधिक परेशान होने पर डॉक्टर की सलाह लें।

Video: निमोनिया के लक्षण और उससे बचने के घरेलू उपाय - Symptoms of Pneumonia and home remedy 

 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

डेंगू-के-लक्षण
बच्चों-मे-सीलिएक
बच्चों-में-स्किन-रैश-शीतपित्त
बच्चे-को-दूध-से-एलर्जी
बच्चों-में-अण्डे-एलर्जी
टीकाकरण-चार्ट-2018
दस्त-में-शिशु-आहार
बच्चों-का-गर्मी-से-बचाव
आयरन-से-भरपूर-आहार
सर्दी-जुकाम-से-बचाव
बच्चों-में-टाइफाइड
बच्चों-में-अंजनहारी
बच्चों-में-खाने-से-एलर्जी
बच्चों-में-चेचक

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

नवजात शिशु और बच्चों के स्वस्थ के लिए UHT Milk
नवजात-शिशु-और-बच्चों-के-स्वस्थ-के-लिए-UHT-Milk बच्चों को UHT Milk दिया जा सकता है मगर नवजात शिशु को नहीं। UHT Milk को सुरक्षित रखने के लिए इसमें किसी भी प्रकार का preservative इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह बच्चों के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है। चूँकि इसमें गाए के दूध की तरह अत्याधिक मात्र में पोषक तत्त्व होता है, नवजात शिशु का पाचन तत्त्व इसे आसानी से पचा नहीं सकता है।
Read More...

8 चिन्ह - शिशु में बाइपोलर डिसऑर्डर के ८ चिन्ह
बाइपोलर-डिसऑर्डर-(bipolar-disorder) 8 लक्षण जो बताएं की बच्चे में बाइपोलर डिसऑर्डर है। किसी बच्चे के व्यवहार को देखकर इस निष्कर्ष पर पहुंचना कि उस शिशु को बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder), गलत होगा। चिकित्सीय जांच के द्वारा ही एक विशेषज्ञ (psychiatrist) इस निष्कर्ष पर पहुंच सकता है कि बच्चे को बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) है या नहीं।
Read More...

बच्चा बिस्तर से गिर पड़े तो क्या करें - संकेत और लक्षण
बच्चा-बिस्तर-से-गिर अगर बच्चा बिस्तर से गिर पड़े तो आप को कौन से बातों का ख्याल रखना चाहिए? कौन से लक्षण और संकेत ऐसे हैं जो शिशु के अंदरूनी चोट के बारे में बताते हैं। शिशु को चोट से तुरंत रहत पहुँचाने के लिए आप को क्या करना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब आप इस लेख में पढ़ेंगी।
Read More...

क्योँ जरुरी है कीवी खाना - क्या है इसके फायदे?
कीवी-के-फायदे जानिए कीवी फल खाने से शरीर को क्या क्या फायदे होते है (Health Benefits Of Kiwi) कीवी में अनेक प्रकार के पोषक तत्वों का भंडार होता है। जो शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचाने में सक्षम होते हैं। कीवी एक ऐसा फल में ऐसे अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया और कीटाणुओं से भी लड़ने में मदद करते। यह देखने में बहुत छोटा सा फल होता है जिस पर बाहरी तरफ ढेर सारे रोए होते हैं। कीवी से शरीर को अनेक प्रकार के स्वास्थ लाभ मिलते हैं। इसमें विटामिन सी, फोलेट, पोटेशियम, विटामिन के, और विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों की भरमार होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। कीवी में ढेर सारे छोटे काले बीज होते हैं जो खाने योग्य हैं और उन्हें खाने से एक अलग ही प्रकार का आनंद आता है। नियमित रूप से कीवी का फल खाने से यह आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यानी कि यह शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
Read More...

डिलीवरी के कितने दिन बाद से पीरियड होना चाहिए
डिलीवरी-के-बाद-पीरियड 4 से 6 सप्ताह के अंदर अंदर आपके पीरियड फिर से शुरू हो सकते हैं अगर आप अपने शिशु को स्तनपान नहीं कराती हैं तो। लेकिन अगर आप अपने शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग करवा रही हैं तो इस स्थिति में आप का महावारी चक्र फिर से शुरू होने में 6 महीने तक का समय लग सकता है। यह भी हो सकता है कि जब तक आप शिशु को स्तनपान कराना जारी रखें तब तक आप पर महावारी चक्र फिर से शुरू ना हो।
Read More...

प्रेगनेंसी के बाद बालों का झाड़ना कैसे रोकें
बालों-का-झाड़ना शिशु के जन्म के बाद यानी डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या देखी गई है। हालांकि बाजार में बाल झड़ने को रोकने के लिए बहुत तरह की दवाइयां उपलब्ध है लेकिन जब तक महिलाएं अपने नवजात शिशु को स्तनपान करा रही हैं तब तक यह सलाह दी जाती है कि जितना कि जितना ज्यादा हो सके दवाइयों का सेवन कम से कम करें। स्तनपान कराने के दौरान दवाइयों के सेवन से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
Read More...

बच्चे में अच्छा व्यहार (Good Behavior) विकसित करने का तरीका
बच्चे-में-अच्छा-व्यहार-(Good-Behavior) अगर आप अपने बच्चे के व्यहार को लेकर के परेशान हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है। बच्चों को डांटना और मरना विकल्प नहीं है। बच्चे जैसे - जैसे उम्र और कद काठी में बड़े होते हैं, उनके व्यहार में अनेक तरह के परिवेर्तन आते हैं। इनमें कुछ अच्छे तो कुछ बुरे हो सकते हैं। लेकिन आप अपनी सूझ बूझ के से अपने बच्चे में अच्छा व्यहार (Good Behavior) को विकसित कर सकती हैं। इस लेख में पढ़िए की किस तरह से आप अपने बच्चे में अच्छा परिवर्तन ला सकती हैं।
Read More...

BMI calculator
BMI-Calculator Online BMI Calculator - बॉडी मास इन्डेक्स (BMI) का गणना करने के लिए आप को BMI calculator में अपना वजन और अपनी लम्बाई दर्ज करनी है। सब्मिट (submit) दबाते है calculator आप के BMI को दिखा देगा।
Read More...

आराम करने ठीक होता है शिशु का सर्दी जुकाम - Khasi Ke Upay
Khasi-Ke-Upay मौसम तेज़ी से बदल रहा है। ऐसे में अगर आप का बच्चा बीमार पड़ जाये तो उसे जितना ज्यादा हो सके उसे आराम करने के लिए प्रोत्साहित करें। जब शरीर को पूरा आराम मिलता है तो वो संक्रमण से लड़ने में ना केवल बेहतर स्थिति में होता है बल्कि शरीर को संक्रमण लगने से भी बचाता भी है। इसका मतलब जब आप का शिशु बीमार है तो शरीर को आराम देना बहुत महत्वपूर्ण है, मगर जब शिशु स्वस्थ है तो भी उसके शरीर को पूरा आराम मिलना बहुत जरुरी है।
Read More...

क्योँ कुछ बच्चे कभी बीमार नहीं पड़ते
बच्चे-बीमार क्या आप के पड़ोस में कोई ऐसा बच्चा है जो कभी बीमार नहीं पड़ता है? आप शायद सोच रही होंगी की उसके माँ-बाप को कुछ पता है जो आप को नहीं पता है। सच बात तो ये है की अगर आप केवल सात बातों का ख्याल रखें तो आप के भी बच्चों के बीमार पड़ने की सम्भावना बहुत कम हो जाएगी।
Read More...

शिशु को 9 महीने की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
-9-महीने-पे-टीका शिशु के नौ महीने पुरे होने पे केवल दो ही टीके लगाने की आवश्यकता है - खसरे का टीका और पोलियो का टिका। हर साल भारत में 27 लाख बच्चे खसरे के संक्रमण के शिकार होते है। भारत में शिशु मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण खसरा है।
Read More...

6 TIPS: बच्चे के लिए बेस्ट स्कूल इस तरह चुने
best-school-2018 अगर आप अपने बच्चे के लिए best school की तलाश कर रहें हैं तो आप को इन छह बिन्दुओं का धयान रखना है| 2018, अप्रैल महीने में जब बच्चे अपना एग्जाम दे कर फ्री होते हैं तो एक आम माँ-बाप की चिंता शुरू होती है की ऐसे स्कूल की तलाश करें जो हर मायने में उनके बच्चे के लिए उपयुक्त हो और उनके बच्चे के सुन्दर भविष्य को सवारने में सक्षम हो और जो आपके बजट के अंदर भी हो| Best school in India 2018.
Read More...

बच्चों में अंगूर के स्वास्थ्य लाभ
अंगूर-के-फायेदे अंगूर में घनिष्ट मात्र में पाशक तत्त्व होते हैं जो बढते बच्चों के शारीरक और बौद्धिक विकास के लिए जरुरी है। अंगूर उन कुछ फलों में से एक हैं जो बहुत आसानी से बच्चों को digest हो जाते हैं। जब आपका बच्चा अपच से पीड़ित है तो अंगूर एक उपयुक्त फल है। बच्चे को अंगूर खिलाने से उसके पेट की acidity कम होती है। शिशु आहार baby food
Read More...

बच्चों में संगति का बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है
संगति-का-प्रभाव संगती का बच्चों पे गहरा प्रभाव पड़ता है| बच्चे दोस्ती करना सीखते हैं, दोस्तों के साथ व्यहार करना सीखते हैं, क्या बात करना चाहिए और क्या नहीं ये सीखते हैं, आत्मसम्मान, अस्वीकार की स्थिति, स्कूल में किस तरह adjust करना और अपने भावनाओं पे कैसे काबू पाना है ये सीखते हैं| Peer relationships, peer interaction, children's development, Peer Influence the Behavior, Children's Socialization, Negative Effects, Social Skill Development, Cognitive Development, Child Behavior
Read More...

कम दर्द देने वाले टीके के नुकसान
टीके-के-नुकसान जो सबसे असहनीय पीड़ा होती है वह है बच्चे को टीका लगवाना। क्योंकि यह न केवल बच्चों के लिए बल्कि माँ के लिए भी कष्टदायी होता है।
Read More...

BCG वैक्सीन Guide (dose, side effects, precautions)
BCG-वैक्सीन बीसीजी का टिका (BCG वैक्सीन) से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी जैसे की dose, side effects, टीका लगवाने की विधि।The BCG Vaccine is currently uses in India against TB. Find its side effects, dose, precautions and any helpful information in detail.
Read More...

शिशु के टीकाकरण से सम्बंधित महत्वपूर्ण सावधानियां
टीकाकरण-का-महत्व टीकाकरण बच्चो को संक्रामक रोगों से बचाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।अपने बच्चे को टीकाकरण चार्ट के अनुसार टीके लगवाना काफी महत्वपूर्ण है। टीकाकरण के जरिये आपके बच्चे के शरीर का सामना इन्फेक्शन (संक्रमण) से कराया जाता है, ताकि शरीर उसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सके।
Read More...

क्यों होते हैं बच्चें कुपोषण के शिकार?
बच्चो-में-कुपोषण बच्चो में कुपोषण का मतलब भूख से नहीं है। हालाँकि कई बार दोनों साथ साथ होता है। गंभीर रूप से कुपोषण के शिकार बच्चों को उसकी बढ़ने के लिए जरुरी पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते। बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए हर संभव प्रयास जरुरी हैं क्योंकि एक बार अगर बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाये तो उसे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता।
Read More...

बच्चों में उलटी - क्या सामान्य है और क्या नहीं
उल्टी-में-देखभाल नवजात बच्चों द्वारा बार-बार उल्टी करना सामान्य बात है क्योंकि वे अपने खाद्य - पदार्थ के साथ में तालमेल बिठा रहे होते हैं और उनका शरीर विकसित हो रहा होता है। उलटी के गंभीर लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले।
Read More...

बच्चों में वायरल बुखार: लक्षण और कारण
वायरल-बुखार-Viral-fever वायरल संक्रमण हर उम्र के लोगों में एक आम बात है। मगर बच्चों में यह जायद देखने को मिलता है। हालाँकि बच्चों में पाए जाने वाले अधिकतर संक्रामक बीमारियां चिंताजनक नहीं हैं मगर कुछ गंभीर संक्रामक बीमारियां भी हैं जो चिंता का विषय है।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com