Category: शिशु रोग
By: Vandana Srivastava | ☺4 min read
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2050 तक दुनिया के लगभग आधे बच्चों को किसी न किसी प्रकार की एलर्जी होगा। जन्म के समय जिन बच्चों का भार कम होता है, उन बच्चों में इस रोग की संभावना अधिक होती है क्यों कि ये बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सबसे आम दमा, एक्जिमा, पित्ती (त्वचा पर चकत्ते) और भोजन से संबंधित हैं।
आप अपने बच्चे के वृद्धि और पोषण के लिए सजग और जागरूक रहती हैं, लेकिन यही सजगता कभी - कभी पोषण की जगह किसी अनावश्यक नुकसान का कारण भी बन जाती हैं, जो आपकी समस्या को बढ़ा देती है।
आपको यह पता लगाना कठिन हो जाता है कि आपके बच्चे के लिए कौन सा आहार उपयोगी है जो उसको स्वस्थ रख सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2050 तक दुनिया के लगभग आधे बच्चों को किसी न किसी प्रकार की एलर्जी होगा। डब्लूएचओ के अनुसार बच्चों में खाने से होने वाली एलर्जी भी काफी बढ़ गयी है। यह बीमारी भी अब पश्चिम तक सीमित न रहकर बड़ी तेजी से वैश्विक बीमारी बनती जा रही है।
भारत भी इस मामले में पीछे नहीं है। लड़कों में लड़कियों के मुकाबले आनुवंशिक रूप से यह एलर्जी होने की आशंका ज्यादा होती है। जन्म के समय जिन बच्चों का भार कम होता है, उन बच्चो में इस रोग की संभावना अधिक होती है क्यों कि ये बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सबसे आम दमा, एक्जिमा, पित्ती (त्वचा पर चकत्ते) और भोजन से संबंधित हैं।
जब बच्चा सिर्फ माँ के दूध पर आश्रित रहता है तो, वह स्वस्थ रहता है लेकिन जब आप उसे खाने की कुछ चीज़े अलग से देती हैं, तो वह बच्चे को पोषण देता है परंतु उसी आहार से उसके शरीर में कोई बाहरी पदार्थ आता है तो उसका इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) शरीर की अन्य बीमारियों से लड़ने के बजाय उस पदार्थ के प्रति अत्यधिक सेंसेटिव हो कर गंभीर प्रतिक्रिया व्यक्त करने लगता है। इसी से उसमें एलर्जी के लक्षण दिखने लगते है। साधारणतः इसके लक्षण अलग अलग तरह से प्रकट होते है। कभी - कभी दो या तीन दिनों बाद भी एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं। इसकी प्रतिक्रिया रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर होती है। कुछ बच्चों को गेहूं, अंडा, मछली तथा अंगूर से भी एलर्जी होती है।
जिस चीज़ से बच्चे को एलर्जी होती है उसके खाते ही उसमें निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
आपके बच्चे में यदि यह लक्षण दिखते हैं तो समझ लीजिये कि उसे खाने की कोई चीज़ नुकसान की है, जिसके फलस्वरूप बच्चा बीमार हो गया है।
फ़ूड एलर्जी का सबसे बड़ा कारण बदलते हुए मौसम में बाहर का खाना प्रयोग करना होता है, इसके अलावा कुछ रासायनिक परिवर्तन जो कि पशुओं, कीटपतंगों, धूल के कणोंआदि के माध्यम से होते है। बासी या बहुत देर का बना हुआ खाना भी बच्चे को रियेक्ट कर देता है।