7 लक्षण - शिशु के दांतों में संक्रमण के 7 लक्षण
इस असान तरीके से बच्चों के दांतों के संक्रमण को समय रहते पहचाने ताकि बच्चों को दांतों के दर्द से बचाया जा सके। सभी जानते हैं की दांतों का दर्द कितना कितना कष्टकारी होता है। बच्चे दिन भर कुछ ना कुछ खाते ही रहते हैं इस वजह से उनके दांतों में संक्रमण की सम्भावना बनी रहती है। बच्चों के दांतों में संक्रमण को पहचानने के 7 तरीके।
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प्रेगनेंसी में अपच (indigestion) - कारण और निवारण
गर्भावस्था के दौरान अपच का होना आम बात है। लेकिन प्रेगनेंसी में (बिना सोचे समझे) अपच की की दावा लेना हानिकारक हो सकता है। इस लेख में आप पढ़ेंगी की गर्भावस्था के दौरान अपच क्योँ होता है और आप घरेलु तरीके से अपच की समस्या को कैसे हल कर सकती हैं। आप ये भी पढ़ेंगी की अपच की दावा (antacids) खाते वक्त आप को क्या सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
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बच्चों पे चिल्लाना उनके बौधिक विकास को बाधित करता है
सभी बच्चे नटखट होते हैं। लेकिन बच्चों पे चलाना ही एक मात्र समस्या का हल नहीं है। सच तो ये है की आप के चिल्लाने के बाद बच्चे ना तो आप की बात सुनना चाहेंगे और ना ही समझना चाहेंगे। बच्चों को समझाने के प्रभावी तरीके अपनाएं। इस लेख में हम आप को बताएँगे की बच्चों पे चिल्लाने के क्या - क्या बुरे प्रभाव पड़ते हैं।
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नेबुलाइजर (Nebulizer) से शिशु के जुकाम का इलाज - Zukam Ka ilaj
डाक्टर बच्चों को नेबुलाइजर (Nebulizer) की सलाह देते हैं जब बच्चे को बहुत ज्यादा जुखाम हो जाता है जिस वजह से बच्चा रात को ठीक से सो भी नहीं पता है। नेब्युलाइज़र शिशु में जमे कफ (mucus) को कम करता है और शिशु के लिए साँस लेना आरामदायक बनता है। नेबुलाइजर (Nebulizer) के फायेदे, साइड इफेक्ट्स और इस्तेमाल का तरीका। इसका इस्तेमाल सिस्टिक फाइब्रोसिस, अस्थमा, सीओपीडी और अन्य सांस के रोगों के उपचार के लिए भी किया जाता है।
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शिशु को 15-18 महीने की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
शिशु को 15-18 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को मम्प्स, खसरा, रूबेला से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
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शिशु को 10 सप्ताह (ढाई माह) की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
शिशु को 10 सप्ताह (ढाई माह) की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कई प्रकार के खतरनाक बिमारिओं से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
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किस उम्र में शिशु को आइस क्रीम (ice-cream) देना उचित है|
शिशु को बहुत छोटी उम्र में आइस क्रीम (ice-cream) नहीं देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योँकि नवजात शिशु से ले कर एक साल तक की उम्र के बच्चों का शरीर इतना विकसित नहीं होता ही वो अपने शरीर का तापमान वयस्कों की तरह नियंत्रित कर सकें। इसलिए यह जाना बेहद जरुरी है की बच्चे को किस उम्र में आइस क्रीम (ice-cream) दिया जा सकता है।
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बच्चे बुद्धिमान बनते हैं जब आप हर दिन उनसे बात करते हैं|
आज के बदलते परिवेश में जो माँ-बाप समय निकल कर अपने बच्चों के साथ बातचीत करते हैं, उसका बेहद अच्छा और सकारात्मक प्रभाव उनके बच्चों पे पड़ रहा है। बच्चों की अच्छी परवरिश करने के लिए सिर्फ पैसों की ही नहीं वरन समय की भी जरुरत पड़ती है। बच्चे माँ-बाप के साथ जो क्वालिटी समय बिताते हैं, वो आप खरीद नहीं सकते हैं। बच्चों को जितनी अच्छे से उनके माँ-बाप समझ सकते हैं, कोई और नहीं।
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अंगूर को आसानी से किस तरह छिलें
अगर आप किसी भी कारण से अंगूर का छिलका उतरना चाहते हैं, तो इसका एक आसन और नायब तरीका है जिसके मदद से आप झट से ढेरों अंगूर के छिलकों को निकल सकते हैं| अब आप बिना समस्या के आसानी से अंगूर का छिलका उत्तार सकेंगे|
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Apps जो बचाये आपके बच्चों को Online ख़तरों से
कुछ सॉफ्टवेयर हैं जो पेरेंट्स की मदद करते हैं बच्चों को इंटरनेट की जोखिमों से बचाने में। इन्हे पैरेंटल कन्ट्रो एप्स (parental control apps) के नाम से जाना जाता है। हम आपको कुछ बेहतरीन (parental control apps) के बारे में बताएँगे जो आपके बच्चों की सुरक्षा करेगा जब आपके बच्चे ऑनलाइन होते हैं।
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एम एम आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) वैक्सीन - Schedule और Side Effects
एम एम आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) वैक्सीन (MM R (mumps, measles, rubella vaccine) Vaccination in Hindi) - हिंदी, - मम्प्स, खसरा, रूबेला का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
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रोटावायरस वैक्सीन (RV) - Schedule और Side Effects
रोटावायरस वैक्सीन (RV) (Rotavirus Vaccine in Hindi) - हिंदी, - रोटावायरस वैक्सीन का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
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सेब से बना पुडिंग बच्चों के लिए
सेब और चावल से बना ये पुडिंग बच्चों को बहुत पसंद आता है। साथ ही यह बच्चे के स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद भी है। इस रेसिपी से शिशु को सेब के साथ चावल के भी पोषक तत्वों मिल जाते हैं। सेब से बना ये पुडिंग शिशु को आसानी इ पच जाता है।
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पांच दालों से बनी सेहत से भरपूर खिचड़ी
पांच दालों से बनी खिचड़ी से बच्चो को कई प्रकार के पोषक तत्त्व मिलते हैं जैसे की फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स (minerals)| मिनरल्स शरीर के हडियों और दातों को मजबूत करता है| यह मेटाबोलिज्म (metabolism) में भी सहयोग करता है| आयरन शरीर में रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है और फाइबर पाचन तंत्र को दरुस्त रखता है|
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ठंड में बढ़ जाता है हाइपोथर्मिया का खतरा
हाइपोथर्मिया होने पर बच्चे के शरीर का तापमान, अत्यधिक कम हो जाता है। हाईपोथर्मिया से पीड़ित वे बच्चे होते हैं, जो अत्यधिक कमज़ोर होते हैं। बच्चा यदि छोटा हैं तो उससे अपने गोद में लेकर ,कम्बल आदि में लपेटकर उससे गर्मी देने की कोशिश करें।
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क्यों होते हैं बच्चें कुपोषण के शिकार?
बच्चो में कुपोषण का मतलब भूख से नहीं है। हालाँकि कई बार दोनों साथ साथ होता है। गंभीर रूप से कुपोषण के शिकार बच्चों को उसकी बढ़ने के लिए जरुरी पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते। बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए हर संभव प्रयास जरुरी हैं क्योंकि एक बार अगर बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाये तो उसे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता।
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बच्चों में अण्डे से एलर्जी
अंडे से एलर्जी होने पर बच्चों के त्वचा में सूजन आ जाना , पूरे शरीर में कहीं भी चकत्ता पड़ सकता है ,खाने के बाद तुरंत उलटी होना , पेट में दर्द और दस्त होना , पूरे शरीर में ऐंठन होना , पाचन की समस्या होना, बार-बार मिचली आना, साँस की तकलीफ होना , नाक बहना, लगातार खाँसी आना , गले में घरघराहट होना , बार- बार छीकना और तबियत अनमनी होना |
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