Category: बच्चों का पोषण

क्यों होते हैं बच्चें कुपोषण के शिकार?

By: Vandana Srivastava | 4 min read

बच्चो में कुपोषण का मतलब भूख से नहीं है। हालाँकि कई बार दोनों साथ साथ होता है। गंभीर रूप से कुपोषण के शिकार बच्चों को उसकी बढ़ने के लिए जरुरी पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते। बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए हर संभव प्रयास जरुरी हैं क्योंकि एक बार अगर बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाये तो उसे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता।

malnutrition in children

बच्चे हमारे देश के भावी निर्माता हैं यदि वही स्वस्थ नहीं रहगे तो हमारी जड़े हिल जाएगी हमारे देश के अधिकांशतः बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।

कुपोषित बच्चे अपने को ही ठीक नहीं रख पाते हैं वे दूसरों के लिए क्या कर सकेंगे।हमारे यहाँ कुछ ही माता- पिता अपने बच्चों को संतुलित आहार खिला पाते हैं बाकि लोग को  इसकी जानकारी ही नहीं हैं की उचित पोषण न मिलना ही कुपोषण हैं।

इस लेख में आप सीखेंगे - You will read in this article

  1. बच्चो में कुपोषण
  2. बच्चो में कुपोषण के कारण
  3. कुपोषण के लक्षण
  4. कुपोषण से होने वाले रोग
  5. कुपोषण के शिकार कौन होते हैं
  6. Video: कुपोषण के लक्षण, परिणाम और रोकथाम

बच्चो में कुपोषण - Malnutrition in children

बच्चो में कुपोषण की समस्या हमारे देश की एक बढ़ी समस्या हैं।संतुलित आहार के बारे में जानकारी न होने की वजह से बच्चो को भरपूर आहार नहीं मिल पाता हैं इसकी वजह से अधिकतर बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।

severely malnourished

बच्चो में कुपोषण के कारण - Cause of malnutrition in children

  • गरीबी या पैसे की कमी की वजह से अधिकतर माता-पिता बच्चे को पौष्टिक चीजे  नहीं खिला पाते किसी तरह से उनका सिर्फ पेट भर पाते हैं।
  • अशिक्षा  और अज्ञानता की वजह से पिछड़े क्षेत्र में रहने वाले कुछ माता -पिता जानकारी न होने की वजह से बच्चे को पोषक आहार नही खिला पाते हैं और उनका बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। 
  • भारत पुरुष प्रधान देश हैं अतः यहाँ की महिलाए गर्भधारण के दौरान भी अपने पोषण पर न ध्यान देकर पूरे परिवार को पहले खिलाती हैं जबकी पेट में पलने वाले बच्चे के लिए उससे उचित पोषण की आवश्यकता होती हैं।
  • बच्चो को कुछ मायें ऐसी होती है, जिन्हें इतनी जानकारी नहीं होती कि वह अपने बच्चे को खाने में क्या दें। इसलिए जानकारी के अभाव में, वह बच्चों को उनकी पसंद का आहार देते रहती हैं। स्वादानुसार तो ऐसे आहार अच्छे होते हैं, लेकिन सेहत की दृषिट से ये आहार लाभदायक नहीं होते।
  • ऐसे बच्चे, जिन्हें पेट से समबन्धित बिमारियों की शिकायत रहती हो, अकसर ऐसे बच्चों को भूख नहीं लगती। जिस कारण उन्हें सही पोषण भी नहीं मिल पाता और वह कुपोषण के शिकार हो जाते हैं।
  • ऐसे बच्चे जो समय से पहले पैदा हो जाते हैं, वह भी जन्म से ही कमज़ोर होते हैं, क्योंकि उनका पूरा विकास नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों को शुरूआती सालों में सामान्य बच्चों से ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है। यदि थोड़ी सी भी लापरवाही बरती जाए तो ऐसे बच्चें कुपोषण के शिकार बहुत जल्दी हो जाते हैं।  
  • कुछ बच्चें ऐसे होते हैं, जिन्हें जन्म से ही बीमारियां जैसे- सिसिटक फाइब्रोसिस, कैंसर इत्यादि होती है, इस कारण बच्चें के सही आहार लेने के बावजूद, उसका स्वास्थ्य नहीं बनता और ऐसे बच्चें कुपोषण के शिकार हो जाते हैं।   
  • ऐसे बच्चे,  जिनकी देखभाल जन्म से ही ठीक प्रकार से नहीं हो पाती, उनमें हमेशा कुपोषण होने की सम्भावना बनी रहती है।
  • जिन बच्चों की देखभाल करने वाला कोर्इ नहीं होता, और भूख के कारण उनकी आहार आपूर्ति नहीं हो पाती और वह कुपोषण के शिकार हो जाते हैं।  
  • यह बिलकुल भी उचित नही है कि जिन चीजों का सेवन, बड़े करते हैं, उन्हीं चीजों को बच्चों को भी खिलाया जाए। क्योकि बचपन में ही बच्चों के शरीर का निर्माण होता तेजी से होता है, इसीलिए उनके खाना-पीना शुरू करते ही उन्हें फास्ट फूड और जंक फूड न देने लग जाएं।  बच्चों को ऐसी चीजों से दूर ही रखें।

prevent child malnutrition

कुपोषण के लक्षण - Symptom of malnutrition

  • थकावट एवं कमज़ोरी होना।
  • वज़न कम होना।
  • सिर घूमना।
  • कब्ज़ से ग्रस्त होना।
  • बच्चे की लंबाई ना बढ़ना।
  • पेट एवं पैरों में सूजन होना।
  • चिड़चिड़ापन और बच्चे का खूब रोना।
  • रुखे एवं चमकरहित बाल।
  • शरीर की वृद्धि न होना।
  • चेहरे में चमक न होना।
  • पेट विकृत रूप से बढ़ा होना।
  • हाथ और पैर सामान्य से पतला होना।
  • मांस पेशियाँ सिकुड़ जाना।

signs of malnutrition

कुपोषण से होने वाले रोग - Disease caused by malnutrition

बच्चो में सही पोषण न होने की वजह से वे इतने कमजोर हो जाते हैं की उनको तरह - तरह की बीमारिया अपनी चपेट में ले लेती हैं।कुपोषण की वजह से होने वाली निम्न्लिकित बीमारिया हैं

  • जब बच्चो के अंदर पोषक तत्वो की कमी हो जाती हैं तो कई बीमारिया जन्म लेती  हैं। जैसे - बेरी-बेरी रोग ,अधिक समय तक कुपोषण के फलस्वरुप उत्पन होते हैं।
  • संतुलित भोजन के बजाय अत्यधिक पोषक पदार्थो का सेवन भी नुकसानदेह साबित हो जाता हैं।
  • कुपोषण बच्चो को सबसे अधिक अपने चपेट में लेता हैं यह 6 महीने से 3 वर्ष के समय में तीव्रता से बढ़ता हैं। कुपोषण के कारण बहुत अधिकं संख्या में बच्चे स्कूल जाने से वंचित हो जाते हैं।

global stats on malnutrition

कुपोषण के शिकार कौन होते हैं? - Who becomes victim of malnutrition?

  1. जिन बच्चो की देखभाल जन्म से ही ठीक प्रकार से नहीं हो पाती, वे जल्दी ही कुपोषित हो जाते हैं।
  2. जो बच्चे घर में अकेले होते हैं  और  देखभाल करने वाला कोर्इ नहीं होता उन्हे भूख तो लगती हैं लकिन कोई खिलाने वाला नही होता हैं और इस कारण वे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। 
  3. बच्चो को जंक फ़ूड की आदत नही लगनी चाहिए क्योकि वही बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं जो उचित संतुलित भोजन नही लेते हैं।
  4. प्रीमेच्योर बच्चा भी कुपोषण का शिकार होता हैं।

कुपोषण कोई बीमारी नहीं हैं बल्कि बच्चे को पर्याप्त भोजन न मिलने की वजह से बीमारियों को बुलावा देना हैं। आप अपने बच्चे को भोजन की पर्याप्त मात्रा दे जो पोषण से युक्त हो।

children and malnutrition

Video: कुपोषण के लक्षण, परिणाम और रोकथाम - Malnutrition in children - symptom, result and prevention



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शहद-के-फायदे

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