Category: शिशु रोग
By: Vandana Srivastava | ☺11 min read
दस्त के दौरान बच्चा ठीक तरह से भोजन पचा नहीं पाता है और कमज़ोर होता जाता है। दस्त बैक्टीरियल संक्रमण बीमारी है। इस बीमारी के दौरान उसको दिया गया ८०% आहार दस्त की वजह से समाप्त हो जाता है। इसी बैलेंस को बनाये रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आहार हैं जिससे दस्त के दौरान आपके बच्चे का पेट भरा रहेगा।
एक माँ के लिए यह बहुत चिंता की बात होती है कि उसका बच्चा कुछ ठीक तरह से पचा नहीं पा रहा है और कमज़ोर होता जा रहा है।
दस्त बैक्टीरियल संक्रमण बीमारी है। इस बीमारी के दौरान उसको दिया गया ८०% आहार समाप्त हो जाता है लेकिन २०% शरीर में बना रहता है जिससे इसकी प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है।
इसी बैलेंस को बनाये रखने के लिए हम कुछ महत्वपूर्ण आहार के बारे में बता रहे हैं जिससे दस्त के दौरान आपके बच्चे का पेट भरा रहेगा।
युनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार हर साल 20 लाख बच्चे निमोनिया-डायरिया के शिकार हो जाते हैं। रिपोर्ट में जिन देशो का नाम लिया गया है उनमें भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, कांगो और इथोपिया जैसे देशों का नाम शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार इसके मुख्या कारन हैं कुपोषण, साफ-सफाई की कमी, टीकाकरण की सुविधा का न होना और जागरुकता की कमी।
हर साल पांच से कम उम्र में जितने भी बच्चों की मौत होती है उनमें से 29 फीसदी की मौत निमोनिया या डायरिया की वजह से ही होती है
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दस्त के दौरान, माँ का दूध ऐसा एकमात्र आहार है जो ६ महीने तक के बच्चों के लिए जरुरी होता है, क्योंकि बच्चे को हाइड्रेट रखने के लिए इसमें पर्याप्त पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दस्त के दौरान आप स्तनपान की आवृत्ति बढ़ा सकती हैं।
दस्त के दौरान पेट के अनुकूल सबसे अच्छा आहार, दही ७-८ महीने और इससे अधिक उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है।
ताज़ा जमा हुआ दही दें (खट्टा नहीं), इसे २ बड़े चम्मच उबाल कर ठंडे किये गए दूध में एक छोटा चम्मच दही मिलाकर बनाया जा सकता है।
दही का स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें चुटकी भर जीरा पाउडर और नमक मिला सकती हैं। यह गैस या पेट फूलने की समस्या को दूर करने में भी सहायता करता है। चुटकी भर नमक और चीनी के साथ एक कटोरी दही भी दिया जा सकता है।
यदि आपके बच्चे को दस्त के दौरान सर्दी भी है तो दही ना दें।
चावल और दाल से बनी पतली दाल खिचड़ी दस्त के दौरान ६ महीने और इससे अधिक उम्र के बच्चों को दी जा सकती है।
हल्दी पाउडर और पानी के साथ १ बड़ा चम्मच दाल उबालें। पतला दाल का पानी पाने के लिए इसे छान लें। यह ६ महीने और इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए सर्वोत्तम होता है।
दुकान से ख़रीदा गया ग्लूकोज पाउडर इसी रूप में या उबाल कर ठंडे किये गए एक गिलास पानी में मिलाकर १ वर्ष और इससे अधिक उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है।
सूखे टोस्ट के साथ शहद १.५ वर्ष और इससे अधिक उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है।
दवा की दुकानों पर उपलब्ध इलेक्ट्रॉल के पैकेट खरीदकर, उबालकर ठंडे किये गए पानी में मिलाया जा सकता है और ६ महीने से अधिक उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है। ओआरएस शरीर में समाप्त होने वाले इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित करके निर्जलीकरण रोकता है।
यदि बच्चे को दस्त के साथ उल्टी आ रही है तो भी ओआरएस दिया जा सकता है।
आप घर पर भी ओआरएस का घोल तैयार कर सकती हैं। एक गिलास फ़िल्टर किये गए पानी में चुटकी भर नमक और चीनी मिलाएं। घर पर बना ओआरएस तैयार है। आजकल फ्लेवर्ड ओआरएस के पैकेट भी उपलब्ध हैं।
१ बड़े चम्मच सागो या साबूदाने को २ घंटे के लिए भिगाएं। १ या २ सीटी लगाकर कुकर में उबालें। मोटा पानी पाने के लिए छान लें, दही मिलाएं और अपने बच्चे को दें। आप इसमें हींग और नमक भी मिला सकती हैं। इस प्रकार से तैयार किया गया सागो दलिया ८ महीने और इससे अधिक उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है।
यह हमारे लिए उपलब्ध सबसे प्राकृतिक ग्लूकोज है; नारियल पानी सरल शर्करा, खनिजों और इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर होता है जो शरीर को निर्जलीकरण से बचाता है।
नारियल पानी या इलानीर ६ महीने या इससे अधिक उम्र के बच्चों को दस्त के समय एक या दो बार दिया जा सकता है।
आलू सबसे सामान्य रूप से उपलब्ध स्टार्च है जो बच्चों के लिए दस्त के दौरान बहुत अच्छा होता है। एक आलू को थोड़े से नमक के साथ ४ से ५ सीटी लगाकर कुकर में उबालें। आलू मैश करें। गैस की समस्या दूर करने के लिए आप इसमें चुटकी भर भुना हुआ जीरा पाउडर डाल सकती हैं।
अपने ८ महीने या इससे अधिक के बच्चे या शिशु को दिन में एक बार यह आलू का मिश्रण प्रदान करें।
चावल दस्त के दौरान बच्चों और शिशुओं को दिए जाने वाले सबसे अच्छे आहारों में से एक है। किसी खुले बर्तन में या कुकर में १ कप चावल उबालें और इसे मैश कर या इसी रूप में अपने बच्चे को खाने के लिए दें।
आप पकाये गए चावल के पानी या माड़ का प्रयोग भी कर सकती हैं जो दस्त रोकने में प्रभावी होता है। माड़, कांजी पानी या पका हुआ चावल ६ महीने और इससे अधिक उम्र के बच्चों को २ से ३ बार दिया जा सकता है। हालाँकि, यदि आपको लगता है कि चावल या कांजी पानी देने से दस्त बढ़ गया है तो इसे तुरंत देना बंद कर दें क्योंकि कुछ बच्चे दस्त के दौरान चावल का सेवन सहन नहीं कर पाते हैं।
चुटकी भर नमक के साथ पतले सूप के रूप में दिया गया सब्जी का सूप दस्त के दौरान बच्चों और शिशुओं को आराम प्रदान कर सकता है। चूँकि सूप को शरीर आसानी से अवशोषित कर सकता है, इसलिए दस्त के दौरान यह सबसे उपयुक्त भोजन होता है।
दस्त के दौरान, तत्काल ऊर्जा प्रदान करने के लिए उबले हुए गाजर बेहतरीन होते हैं।
१ धुले और छिले हुए गाजर को हल्दी पाउडर और चुटकी भर नमक के साथ कुकर में पकाएं। इसे कांटे की सहायता से मलें और अपने बच्चे को दें।
यदि आपका बच्चा ८ महीने से अधिक उम्र का है तो आप गाजर के पतले-पतले लंबे टुकड़ों के रूप में भी पके हुए गाजर दे सकती हैं।
दस्त के दौरान गाजर प्यूरी या गाजर दिन में एक बार दिया जा सकता है।
दस्त के दौरान बच्चों और शिशुओं के लिए अनार के दाने या इसका रस एक अन्य बेहतरीन आहार है। आप अनार का जूस बना सकती हैं या इसके दाने दे सकती हैं। आप आवश्यकतानुसार इसके रस को पानी में घोल सकती हैं। इसे दस्त के दौरान ७-८ महीने और इससे अधिक उम्र के बच्चों को दिन में एक बार दिया जा सकता है।
दस्त के दौरान छाछ शिशुओं और बच्चों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला आहार होता है। छाछ का स्वाद बढ़ाने के लिए चुटकी भर नमक और जीरा पाउडर या हींग मिलाएं। छाछ या सांभरम ८ महीने या इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त होता है।
दस्त के दौरान बच्चों और शिशुओं के लिए सफ़ेद ब्रेड एक विकल्प है। आप इसे सूखा भून भी सकती हैं। सफ़ेद ब्रेड (भूरा या अन्य प्रकार नहीं) १० महीने या इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त होता है।
अरारोट को अच्छे से धोकर साफ़ कर लें। पतले-पतले टुकड़ों में काटें और कुछ दिनों के लिए धूप में सूखने दें। पूरी तरह से सूखने के बाद पाउडर के रूप में पीसें और छान लें। हवा बंद बर्तन में रखने पर यह पाउडर सालों तक चलता है।
अरारोट पाउडर का हलवा बनाने के लिए, १ बड़ा चम्मच पाउडर लें और पानी में अच्छे से घोलें ताकि कोई गाँठ ना रहे।
अच्छी तरह से पकने तक मिश्रण को मध्यम आंच पर चलाती रहें। इस मिश्रण में छाछ या दही मिलाएं और अच्छी तरह से हिलाएं। यदि आवश्यकता हो तो आप इसमें चुटकी भर नमक भी डाल सकती हैं। दस्त के दौरान दिन में एक बार अरारोट पाउडर का हलवा १ वर्ष या इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त होता है।
एपल सॉस में पेक्टिन होता है जो मल को ठोस बनाने में सहायता करता है। एक सेब को धोकर छीलें और काट लें। एक बर्तन में पानी गर्म करें और सेब के टुकड़ों को डालें। पकने के बाद, कांटे से मलें या प्यूरी बनाएं।
दस्त होने पर अपने बच्चे को गन्ने का जूस पिलाएं जिससे शरीर में पानी और ग्लूकोस की मात्रा बनी रहेगी।
बच्चे को केला पसंद होता है इसलिए केले को काट कर उसपर नमक- मिर्च छिड़ककर बच्चे को खिलाएं।
इन आहारों में से अपने बच्चे के लिए उस आहार का चयन करें, जो आपके बच्चे के लिए अनुकूल हो और आपके इस व्यस्त जीवनशैली में आपको राहत दे।