Category: बच्चों का पोषण

6 से 12 वर्ष के शिशु को क्या खिलाएं - Indian Baby food diet chart

By: Salan Khalkho | 7 min read

आपके बच्चे के लिए किसी भी नए खाद्य पदार्थ को देने से पहले (before introducing new food) अपने बच्चे के भोजन योजना (diet plan) के बारे में चर्चा। भोजन अपने बच्चे को 5 से 6 महीने पूरा होने के बाद ही देना शुरू करें। इतने छोटे बच्चे का पाचन तंत्र (children's digestive system) पूरी तरह विकसित नहीं होता है

बच्चों के भोजन (diet plan) के बारे में माता-पिता अक्सर परेशान रहते हैं। उनका एक आम सवाल रहता है, की बच्चों को क्या दें खाने मैं, कब खिलाएं और कितना भोजन खिलाएं है चूँकि हर बच्चा अलग है, एक ही फार्मूला (diet plan) सभी बच्चों के लिए फायदेमंद हो, यह जरुरी नहीं। 

कुछ लोग 6 महीने के बाद अपने बच्चे को अर्द्ध-ठोस (partially solid food) भोजन देना शुरू करते जैसे हलुआ, खिचड़ी इतियादी, कुछ अन्य  माता-पिता अपने बच्चे के 4 महीने के पूरा होने के बाद ही अर्ध-ठोस भोजन शुरू करते हैं और कुछ लोग 7-8 महीनों के बाद ही अपने बच्चे को ठोस भोजन देना शुरू करते हैं।

ध्यान दे की ठोस (solid food) या अर्ध-ठोस भोजन अपने बच्चे को 5  से 6 महीने पूरा होने के बाद ही देना शुरू करें। इससे पहले देना उचित नहीं है। इतने छोटे बच्चे का पाचन तंत्र (children's digestive system) पूरी तरह विकसित नहीं होता है और इस वक्त ठोस या अर्ध-ठोस भोजन देने पर बच्चे की पाचन तंत्र पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता। 

आपके बच्चे के लिए किसी भी नए खाद्य पदार्थ को देने  से पहले (before introducing new food) अपने बच्चे के भोजन योजना (diet plan) के बारे में चर्चा करने के लिए हमेशा सलाह दी जाती है

नवजात शिशुओं के लिए भोजन - Diet plan for starting solid food in children

5 से 6 महीने के बच्चे को क्या खाने के लिए दें - Diet plan for 5 to 6 month old baby

शिशुओं के लिए केवल स्तनपान या शिशु फार्मूला (formula milk) उनके  भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी है।

केवल स्तन दूध ही अनुशंसित दूध है यदि आपको (माँ को) अपने बच्चे को स्तनपान करने के लिए पर्याप्त दूध नहीं बनता है और बच्चे को स्तनपान के बाद भी भूक लगी हो तो आप उसे फार्मूला दूध या किसी अन्य विकल्प का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर कर सकती हैं। 

दूध पिलाने का सही तरीका - The right way to feed milk to 5 to 6 month old baby
आपको शिशु के आहार में धीरे धीरे वृद्धि करना चाहिए क्योंकि बच्चे की पाचन तंत्र विकसित हो रहा है। पेट का आकार बच्चा की मुट्ठी के आकार है। आहार में धीरे धीरे वृद्धि करने से उसके पेट का आकार बढ़ेगा। ऐसा करके आप अपने बच्चे को कुपोषण का शिकार होने से बचा सकते हैं। 

5 से 6 महीने के बच्चे के लिए भोजन - Starting solid food in 5 to 6 month old baby
जब आपका बच्चा 5 से 6 महीने का हो जाये तो आपको अपने शिशु के दूध या फॉर्मूला सेवन में वृद्धि करनी चाहिए। 5 से 6 महीने के बच्चे का डाइट बढ़कर एक दिन में एक लीटर तक हो जाना चाहिए। अगर आप का बच्चा इससे कम भोजन कर रहा है तो उसे कुपोषण हो सकता है। कुपोषण के बारे में आप अधिक जानकारी यहां प्राप्त कर सकते हैं। इस उम्र में आप देखेंगे की आपका बच्चा संकेतों के माध्यम से कहने की कोशिश कर रहा है की - "माँ, मैं ठोस भोजन खाने के लिए तैयार हूं"

संकेत जो बताएं की आपको बच्चे के दूध में वृद्धि करनी चाहिए - Indications and symptoms that tell that you should increased the amount of milk you feed to your child

  1. बेबी की गर्दन स्थिर हो जाये 
  2. कुर्सी पर आप की सहायता के साथ बैठने लगे
  3. भोजन में रुचि दिखाना प्रारम्भ करे (अपने भोजन को घूर कर देखे)
  4. पर्याप्त स्तनपान के बाद भी आपके बच्चे को भूखा लगता है (रोना, बेइचैनी, अंगूठे चूसने)
  5. उसके मुंह में एक चम्मच रखो और देखें कि क्या वह चम्मच के चारों ओर मुंह खोलकर बंद कर सकता है।

5 से 6 महीने के बच्चे को क्या दें खाने के लिए - Food you should give to your 5 to 6 month old baby

  1. स्तन दूध या फार्मूला दूध
  2. केले और सेब (उबाल कर/पीस कर)
  3. अच्छी तरह से पकाया हुआ, शुद्ध और ताज़ा गाजर और मीठा आलू (गंजी)
  4. पर्याप्त पानी में पकाया गया दाल (मूंग दाल का पानी)

ठोस भोजन की शुरुआत का सही तरीका - The right way to start solid food in 5 to 6 month old baby
बच्चे के पहले भोजन की शुरुआत किसी अनाज से ही होनी चाहिए। आपको दो नए भोजन के बीच कम से कम तीन दिन का अंतराल रखना चाहिए ताकि पता तो चले की जो भोजन आपने शुरू किया है वो कहीं आपके बच्चे पे दुष प्रभाव तो नहीं छोड़ रहा है। छोटी मात्रा के साथ टेस्ट करें। अगर आप के बच्चे को किसी विशेष प्रेरक के भोजन से अलेर्जी है तो इस तरह पता चल  जायेगा। 

किसी भी प्रकार की एलर्जी के लिए अपने बच्चे पे ध्यान रखें - Do not ignore any kind of symptom of food allergy
किसी भी नए भोजन की शुरुआत करने पर यदि आपको कोई एलर्जी दिखाई देती है तो उस विशेष भोजन को बंद कर दें और एलर्जी के संभावित उपचार के बारे में बाल रोग विशेषज्ञ (child specialist doctor) से बात करें। यदि आपका बच्चा अपनी इच्छा से खाने के लिए कोई विशेष भोजन मांगे तो अवश्य दे दें, या फिर, खाने से इनकार करे तो जबरदस्ती न करें, बस अगले दिन फिर कोशिश करें।

6, 7 और 8 महीने के बच्चे को क्या दें खाने के लिए - Diet plan for 6 to 8 month old baby

इस समय तक आपके बच्चे के पहले दांत उग आएंगे। इस समय, आपका बच्चा क्रॉलिंग भी शुरू कर चूका होगा।

आपके बच्चे का पाचन तंत्र विकसित हो रहा है आप का बच्चा 6 से 8 महीने के दौरान  अपने चारों तरफ की दुनिया की खोज में व्यस्त रहता है जिस कारण उसकी शारीरिक गतिविधियां काफी बढ़ जाती हैं। इन दिनों आप को अपने बच्चे की खाने में रूचि बढ़ाने के लिए उसे नए नए तरह के भोजन देना चाहिए। इस समय आपके बच्चे को दूध के साथ अधिक ठोस आहार की जरूरत है

6, 7 और 8 महीने के बच्चे को क्या दें खाने मैं - What you should feed  6 to 8 month old baby

  1. स्तन दूध या सूत्र दूध (फार्मूला दूध)
  2. आयरन से भरपूर (iron rich) अनाज जैसे चावल, दूध के साथ मिश्रित ओट
  3. केले, आड़ू, नाशपाती, बेर, आम और भी कई तरह के फल। आप दो फलों को मिलाकर इसे अपने बच्चे के लिए और भी स्वादिश्ट और बेहतर बना सकती हैं। 
  4. सब्जी (पूरी तरह से पकाया हुआ) जैसे मीठे आलू, गाजर, लौकी, कद्दू, सेम और आलू।
  5. पर्याप्त पानी में पका हुआ दाल 
  6. साफ और फ़िल्टर्ड पानी में उबाल कर पकाया गया चावल 
  7. कम वसा वाले दूध का दही
  8. टोफू या पनीर का छोटा टुकड़ा 

भोजन के साथ दूध पिलाने का तरीका 6, 7 और 8 महीने के बच्चे को - The best way to start solid food in continuation with breast feeding in 6 to 8 month old baby
अपने बच्चे के आहार में ठोस भोजन को शामिल करने का मतलब स्तनपान या फार्मूला दूध को रोकना नहीं है। ये आपके बच्चे के लिए पोषक तत्वों का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं ठोस भोजन के साथ आपको अपने बच्चे को स्तनपान या फार्मूला दूध देना जारी रखना है। ध्यान रहे की आप अपने बच्चे को थोड़ा अधिक खाने के लिए कभी मजबूर न करें। ठोस सेवन की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ेगा, यह तब होता है जब आप उसे ठोस भोजन देने शुरू कर देते हैं और इसमें समय लगता है।

8 और 9 महीने के बच्चे को क्या दें खाने मैं  - Solid food that you can give to your 8 to 9 month old baby

जब आपका बच्चा 8 और 9 महीने का हो जायेगा तो आप पाएंगे की वो बिना किसी सहायता के बकाईयाँ चल रहा है (crawling), अपने आप बैठना भी शुरू कर रहा है और पहले से ज्यादा सक्रिय है आप खुद भी अपने आपको उसके नाटकों में व्यस्त पाएंगे।

इस पड़ाव में बच्चे भोजन खाने से इनकार कर सकते है क्योंकि उन्हें तकिए खींचना अधिक महत्वपूर्ण लगेगा। बच्चों को छोटी छोटी चीज़ें जैसे की अखबार खोलने और दराज या रसोई के रैक खोलने में ज्यादा आनंद मिलेगा। यह वह समय है जब माता-पिता को अधिक सतर्क और सक्रिय रहने की जरुरत है। आप अपने बच्चे को अकेले कभी भी नहीं छोड़ें। 

8 और 9 महीने के बच्चे को क्या दें खाने मैं - What you should feed your 8 to 9 month old baby

  1. स्तनपान या सूत्र दूध (फार्मूला दूध)
  2. आप अपने बच्चे के आहार में ठोस आनाज की शुरआत कर सकते हैं। आनाज में बाजरा, जौ, रागी, तिल, चावल और पास्ता अच्छे विकल्प हैं। 
  3. आप अपने बच्चे को दलीय (कुटा गेहूं) दे सकते हैं। यदि आप के बच्चे को गेहूं से एलेर्जी है तो      अपने डॉक्टर से बात करें
  4. फल में आप अपने बच्चे को सेब, केला, तारीख, अंगूर, आम, कीवी, प्लम, आड़ू, नाशपाती, लीची जैसे मौसमी फल दे सकते हैं। 
  5. केले या सेब जैसे नरम फल को मैश कर के आप अपने बच्चे को दे सकते हैं। आप अंगूर को छोटे टुकड़ों में काट कर अपने बच्चे को दे सकते हैं ताकि अंगूर का दाना उसके गले में फसे नहीं। कभी भी उसे पूरी अंगूर खाने को न दें। अंगूर का साबुत दाना उसके गले में फस सकता है यह उसके गले में दम घुट सकती है।
  6. सब्जियां में आप अपने बच्चे को पूरी तरह से पकाया हुआ गाजर, सेम, ब्रोकोली, प्याज, मटर, मीठे आलू और फूलगोभी और प्याज दे सकते हैं।
  7. टोफू, कॉटेज पनीर, फिश, अंडे की जर्दी जैसे पदार्थों भी आप अपने बच्चे को खिलने की कोशिश कर सकते हैं।
  8. मछली और अंडे से एलर्जी हो सकती हैं। तो जब भी आप इसे अपने बच्चे खिलने की अवशय कोशिश करें। मगर मछली और अंडे खिलाते वक्त अपने बच्चे के हर गतिविधि पे नजर रखें। एलर्जी की प्रतिक्रियाओं के किसी भी लक्षण दिखने पर बाल चिकित्सा (child specialist doctor) से तुरंत बात करें। 

भोजन के साथ दूध पिलाने का तरीका 8 और 9 महीने के बच्चे को - The best way to start solid food in continuation with breast feeding in 8 to 9 month old baby
इस स्तर पर, आपका बच्चा भोजन करने से मना कर सकता है बल न दें बस कुछ समय बाद फिर कोशिश करें

10 से 12 महीने के बच्चे को क्या दें खाने मैं  - What solid food you should give to your 10 to 12 month old baby

अब आपके बच्चे के स्वाद की कलियां विकसित (child's taste buds develops) हो रही हैं वह नए भोजन और जायके का स्वाद लेने की कोशिश करना चाहेगा।

अब आप के लिए अपने बच्चे के भोजन को तैयार करना उबालना-और-मैश करना जितना आसान नहीं होगा। इस समय, आप अपने बच्चे के स्वाद को बेहतर ढंग से समझेंगी। आपको पता चल जाएगा कि वह क्या पसंद करती है और नापसंद करती है लेकिन केवल उसे पसंदीदा खाना न दें। शिशुओं को अलग आकार, रंग, बनावट पसंद है इसीलिए आप अपने बच्चे को अलग-अलग रूपों में उसी भोजन को दे सकती है। ऐसा करने पे आपका समय भी बचेगा। 

10 से 12 महीने के बच्चे को क्या दें खाने मैं - Foods you can feed to your 10 to 12 month old baby

  1. फल: केले, नाशपाती, सेब, आड़ू, पपीता, तरबूज, अंगूर, कीवी फल, आम, बेर, लीची
  2. सब्जियां: आलू, मीठे आलू, गाजर, स्क्वैश, मटर, हरी बीन्स, ब्रोकोली, फूलगोभी, प्याज, टमाटर, पालक, शिमला मिर्च
  3. अनाज: ज्वार, बाजरा, जई, चावल (सफेद / भूरे रंग), रागी, जौ, गेहूं, कुटू (एक प्रकार का अनाज), राजगिर (अमालन) और पास्ता
  4. दालें: राजमा, सफेद चन्ना, हरी मटर और मसूर
  5. डेयरी: कम वसा दही (low fat curd) और पनीर
  6. गैर-शाकाहारी: पूरी तरह से पकाया अंडा जर्दी, अंडा सफेद, मछली और मांस

भोजन के साथ दूध पिलाने का तरीका 10 से 12 महीने महीने के बच्चे को - The best way to start solid food in continuation with breast feeding in 10 to 12 month old baby
आपका बच्चा एक वर्ष की आयु के बाद कुछ भी पचाने में सक्षम होगा आप अपने बच्चे को उसी भोजन की पेशकश शुरू कर सकते हैं जिसे आपने अपने भोजन के लिए तैयार किया है।

Video: 6 से 12 वर्ष के शिशु को क्या खिलाएं

अब अंत में दो बातें 

बेबी भोजन और स्वास्थ्य किसी भी माता-पिता की दो प्रमुख चिंताएं हैं घरेलू भोजन की मदद से आप अपने बच्चे को शुद्ध और स्वास्थवर्धक भोजन दे सकते हैं। इन्हें खाने मैं आपके बच्चे को आनंद भी आएगा क्योँकि आप का बच्च जो आप के थाली में देखेगा उसे ही खाना चाहेगा। 

अगर आपके पास बच्चों के भोजन  सम्बन्धी कोई विचार, या बढ़िया तरीका है तो मुझे जरूर बताएं। 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

Most Read

Other Articles

5 विटामिन जो बढ़ाये बच्चों की लम्बाई
विटामिन-बच्चों-की-लम्बाई-के-लिए ये पांच विटामिन आप के बच्चे की लंबाई को बढ़ने में मदद करेगी। बच्चों की लंबाई को लेकर बहुत से मां-बाप परेशान रहते हैं। हर कोई यही चाहता है कि उसके बच्चे की लंबाई अन्य बच्चों के बराबर हो या थोड़ा ज्यादा हो। अगर शिशु को सही आहार प्राप्त हो जिससे उसे सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल सके जो उसके शारीरिक विकास में सहायक हों तो उसकी लंबाई सही तरह से बढ़ेगी।
Read More...

गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) में ब्लड प्रेशर का घरेलु उपचार
गर्भावस्था-(प्रेगनेंसी)-में-ब्लड-प्रेशर-का-घरेलु-उपचार गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर का उतार चढाव, माँ और बच्चे दोनों के लिए घातक हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर में बिस्तर पर आराम करना चाहिए। सादा और सरल भोजन करना चाहिए। पानी और तरल का अत्याधिक सेवन करना चाहिए। नमक का सेवन सिमित मात्र में करना चाहिए। लौकी का रस खाली पेट पिने से प्रेगनेंसी में बीपी की समस्या को कण्ट्रोल किया जा सकता है।
Read More...

गर्भपात के बाद गर्भधारण में का सही समय और ध्यान रखने योग्य बातें
गर्भपात गर्भपात बाँझपन नहीं है और इसीलिए आप को गर्भपात के बाद गर्भधारण करने के लिए डरने की आवश्यकता नहीं है। कुछ विशेष सावधानियां बारात कर आप आप दुबारा से गर्भवती हो सकती हैं और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। इसके लिए आप को लम्बे समय तक इन्तेजार करने की भी आवश्यकता नहीं है।
Read More...

डिलीवरी के बाद पेट कम करने का घरेलु नुस्खा
डिलीवरी-के-बाद-पेट-कम डिलीवरी के बाद लटके हुए पेट को कम करने का सही तरीका जानिए। क्यूंकि आप को बच्चे को स्तनपान करना है, इसीलिए ना तो आप अपने आहार में कटौती कर सकती हैं और ना ही उपवास रख सकती हैं। आप exercise भी नहीं कर सकती हैं क्यूंकि इससे आप के ऑपरेशन के टांकों के खुलने का डर है। तो फिर किस तरह से आप अपने बढे हुए पेट को प्रेगनेंसी के बाद कम कर सकती हैं? यही हम आप को बताएँगे इस लेख मैं।
Read More...

6 महीने के बच्चे (लड़की) का आदर्श वजन और लम्बाई
लड़की-का-आदर्श-वजन-और-लम्बाई 6 महीने की लड़की का वजन 7.3 KG और उसकी लम्बाई 24.8 और 28.25 इंच होनी चाहिए। जबकि 6 महीने के शिशु (लड़के) का वजन 7.9 KG और उसकी लम्बाई 24 से 27.25 इंच के आस पास होनी चाहिए। शिशु के वजन और लम्बाई का अनुपात उसके माता पिता से मिले अनुवांशिकी और आहार से मिलने वाले पोषण पे निर्भर करता है।
Read More...

शिशु को 10-12 महीने की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
10-12-महीने-पे-टीका शिशु को 10-12 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को टाइफाइड, हेपेटाइटिस A से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
Read More...

शिशु के पेट दर्द के कई कारण है - जानिए की आप का बच्च क्योँ रो रहा है|
पेट-दर्द छोटे बच्चों को पेट दर्द कई कारणों से हो सकता है। शिशु के पेट दर्द का कारण मात्र कब्ज है नहीं है। बच्चे के पेट दर्द का सही कारण पता होने पे बच्चे का सही इलाज किया जा सकता है।
Read More...

क्या शिशु में एलर्जी के कारण अस्थमा हो सकता है?
-शिशु-में-एलर्जी-अस्थमा एलर्जी से कई बार शिशु में अस्थमा का कारण भी बनती है। क्या आप के शिशु को हर २० से २५ दिनों पे सर्दी जुखाम हो जाता है? हो सकता है की यह एलर्जी की वजह से हो। जानिए की किस तरह से आप अपने शिशु को अस्थमा और एलर्जी से बचा सकते हैं।
Read More...

बच्चे को बार बार हिचकी आता है क्या करें?
शिशु-हिचकी आप का बच्चा शायद दूध पिने के बाद या स्तनपान के बाद हिचकी लेता है या कभी कभार हिचकी से साथ थोड़ सा आहार भी बहार निकल देता है। यह एसिड रिफ्लक्स की वजह से होता है। और कोई विशेष चिंता की बात नहीं है। कुछ लोग कहते हैं की हिचकी तब आती है जब कोई बच्चे को याद कर रहा होता है। कुछ कहते हैं की इसका मतलब बच्चे को गैस या colic हो गया है। वहीँ कुछ लोग यह कहते है की बच्चे का आंत बढ़ रहा है। जितनी मुँह उतनी बात।
Read More...

Easy Tips - बच्चों को बोर्ड एग्जैम की तैयारी करवाने के लिए
board-exam 10वीं में या 12वीं की बोर्ड परीक्षा में ज्यादा अंक लाना उतना मुश्किल भी नहीं अगर बच्चा सही और नियमित ढंग से अपनी तयारी (पढ़ाई) करे। शुरू से ही अगर बच्चा अपनी तयारी प्रारम्भ कर दे तो बोर्ड एग्जाम को लेकर उतनी चिंता और तनाव का माहौल नहीं रहेगा।
Read More...

बच्चे बुद्धिमान बनते हैं जब आप हर दिन उनसे बात करते हैं|
बच्चे-बुद्धिमान आज के बदलते परिवेश में जो माँ-बाप समय निकल कर अपने बच्चों के साथ बातचीत करते हैं, उसका बेहद अच्छा और सकारात्मक प्रभाव उनके बच्चों पे पड़ रहा है। बच्चों की अच्छी परवरिश करने के लिए सिर्फ पैसों की ही नहीं वरन समय की भी जरुरत पड़ती है। बच्चे माँ-बाप के साथ जो क्वालिटी समय बिताते हैं, वो आप खरीद नहीं सकते हैं। बच्चों को जितनी अच्छे से उनके माँ-बाप समझ सकते हैं, कोई और नहीं।
Read More...

शकरकंद की प्यूरी - शिशु आहार - बनाने की विधि
शकरकंद-की-प्यूरी Beta carotene भरपूर, शकरकंद शिशु की सेहत और अच्छी विकास के लिए बहुत अच्छा है| जानिए इस step-by-step instructions के जरिये की आप घर पे अपने शिशु के लिए कैसे शकरकंद की प्यूरी बना सकते हैं| शिशु आहार - baby food
Read More...

हरे मटर की प्यूरी बनाने की विधि - शिशु आहार
मटर-की-प्यूरी फाइबर और पौष्टिक तत्वों से युक्त, मटर की प्यूरी एक बेहतरीन शिशु आहार है छोटे बच्चे को साजियां खिलने का| Step-by-step instructions की सहायता से जानिए की किस तरह आप ताज़े हरे मटर या frozen peas से अपने आँखों के तारे के लिए पौष्टिक मटर की प्यूरी कैसे त्यार कर सकते हैं|
Read More...

नव भारत की नई सुबह (कविता)
नव-भारत-की-नई-सुबह युवा वर्ग की असीमित बिखरी शक्ति को संगठित कर उसे उचित मार्गदर्शन की जितनी आवश्यकता आज हैं , उतनी कभी नहीं थी। आज युवा वर्ग समाज की महत्वकांशा के तले इतना दब गया हैं , की दिग - भ्रमित हो गया हैं।
Read More...

नवजात बच्चे के चेहरे से बाल कैसे हटाएँ
बच्चे-के-पुरे-शरीर-पे-बाल अधिकांश बच्चे जो पैदा होते हैं उनका पूरा शरीर बाल से ढका होता है। नवजात बच्चे के इस त्वचा को lanugo कहते हैं। बच्चे के पुरे शरीर पे बाल कोई चिंता का विषय नहीं है। ये बाल कुछ समय बाद स्वतः ही चले जायेंगे।
Read More...

बड़े होते बच्चों को सिखाएं ये जरुरी बातें - Sex Education
बच्चों-को-दे-Sex-Education जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं और teenage वाली उम्र में आते हैं उनके शरीर में तेज़ी से अनेक बदलाव आते हैं। अधिकांश बच्चे अपने माँ बाप से इस बारे कुछ नहीं बोलते। आप अपने बच्चों को आत्मविश्वास में लेकर उनके शरीर में हो रहे बदलाव के बारे में उन्हें समझएं ताकि उन्हें किसी और से कुछ पूछने की आवश्यकता ही न पड़े।
Read More...

नाख़ून कुतरने की आदत कैसे छुड़ाएं बच्चों में
नाख़ून-कुतरने बच्चों का नाख़ून चबाना एक बेहद आम समस्या है। व्यस्क जब तनाव में होते हैं तो अपने नाखुनो को चबाते हैं - लेकिंग बच्चे बिना किसी वजह के भी आदतन अपने नाखुनो को चबा सकते हैं। बच्चों का नाखून चबाना किसी गंभीर समस्या की तरफ इशारा नहीं करता है। लेकिन यह जरुरी है की बच्चे के नाखून चबाने की इस आदत को छुड़ाया जाये नहीं तो उनके दातों का shape बिगड़ सकता है। नाखुनो में कई प्रकार के बीमारियां अपना घर बनाती हैं। नाख़ून चबाने से बच्चों को कई प्रकार के बीमारी लगने का खतरा बढ़ जाता है, पेट के कीड़े की समस्या तथा पेट दर्द भी कई बार इसकी वजह होती है।
Read More...

सूजी का खीर छोटे बच्चों के लिए शिशु आहार (Sooji Kheer For Baby)
सूजी-का-खीर अगर आप का शिशु 6 महिने का हो गया है और आप सोच रही हैं की अपने शिशु को क्या दें खाने मैं तो - सूजी का खीर सबसे बढ़िया विकल्प है। शरीर के लिए बेहद पौष्टिक, यह तुरंत बन के त्यार हो जाता है, शिशु को इसका स्वाद बहुत पसंद आता है और इसे बनाने में कोई विशेष तयारी भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Read More...

सेब से बना पुडिंग बच्चों के लिए
सेब-पुडिंग सेब और चावल से बना ये पुडिंग बच्चों को बहुत पसंद आता है। साथ ही यह बच्चे के स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद भी है। इस रेसिपी से शिशु को सेब के साथ चावल के भी पोषक तत्वों मिल जाते हैं। सेब से बना ये पुडिंग शिशु को आसानी इ पच जाता है।
Read More...

दुबले बच्चे का कैसे बढ़ाए वजन
शिशु-diet-chart यह तो हर माँ-बाप चाहते हैं की उनका शिशु स्वस्थ और सेहत पूर्ण हो। और अगर ऐसे स्थिति में उनके शिशु का वजन उसके उम्र और लम्बाई (कद-काठी) के अनुरूप नहीं बढ़ रहा है तो चिंता करना स्वाभाविक है। कुछ आहार से सम्बंधित diet chart का अगर आप ख्याल रखें तो आप का शिशु कुछ ही महीनों कें आवश्यकता के अनुसार वजन बना लेगा।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com