Category: शिशु रोग

बच्चों में अंजनहारी - क्या सावधानियां बरतनी चाहिए

By: Vandana Srivastava | 5 min read

अंजनहारी को आम तौर पर गुहेरी या बिलनी भी कहते हैं। यह रोग अक्सर बच्चो की आँखों के ऊपरी या निचली परत पर लाल रंग के दाने के रूप में उभर कर सामने आते हैं। अंजनहारी जैसे रोग संक्रमण की वजह से फैलते हैं

बच्चों में अंजनहारी

आप का बच्चा अचानक किसी दिन अपनी आँखों को बार - बार स्पर्श करे और खुजली करे, तो आप इसे अनदेखा ना करें बल्कि आप सावधान हो जाएँ कि बच्चे कि आँखों में किसी प्रकार का संक्रमण तो नहीं हो गया है। 

यदि संक्रमण हो गया है तो आप उसकी परेशानी जानने की कोशिश करें और यह पता लगायें कि कहीं उसकी आँखों में आँजणहारी रोग तो नही लग गया है। 

इस लेख में आप सीखेंगे - You will read in this article

  1. अंजनहारी क्या है
  2. आंखों की बिलनी से निजात दिलानेवाली दवा
  3. आँखों के दर्द को कम करने के उपाय
  4. आँखों में अंजनहारी होने का कारण
  5. अंजनहारी, आँखों की बिलनी का घरेलु उपचार
  6. अंजनहारी में सावधानियां
  7. Video: अंजनहारी का घरेलू इलाज


 अंजनहारी क्या है - What is Eye Sty or Stye

अंजनहारी को आम तौर पर गुहेरी या बिलनी भी कहते हैं। यह रोग अक्सर बच्चो की आँखों के ऊपरी या निचली परत पर लाल रंग के दाने के रूप में उभर कर सामने आते हैं। अंजनहारी जैसे रोग संक्रमण की वजह से फैलते हैं। इस रोग में बच्चे को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आँखों में अंजनहारी होने के कारण उस स्थान पर बहुत जलन और खुजली होती है। जो कुछ समय पश्चात पानी भरे दाने का रूप ले लती हैं। गुहेरी या अंजनहारी रोग की मुख्य वजह स्टेफ़ीलोकोसस बैक्टीरिया (Staphylococcus bacteria) है

 आंखों की बिलनी से निजात दिलानेवाली दवा - Medicine to cure stye in the eye

दाना या फोड़ा चाहे शरीर के किसी भी अंग में हो, तकलीफ देते हैं। और अगर ये आँखों में या उसके आस पास हो तब तो ये बेहद तकलीफ मय होते हैं। पालक झपकाना मुश्किल हो जाता है सोना मुश्किल हो जाता है। आखें बंद करना मुश्किल हो जाता है। यूँ कह लें की जीना मुहाल हो जाता है। 

यह अवस्था बड़ी हो पीड़ा दायक होती है। बिलनी या अंजनहारी में कुछ दवाएं काफी आराम दायक होती हैं जो तकलीफ को काम करती हैं, और जल्द से जल्द स्वस्थ होने में मदद करती है। आप बिलनी या अंजनहारी में ये संभावित दवाएं ले सकते हैं 

बेलाडोना (Belladonna) - ये दवा उस वक्त कारगर है जब बिलनी या अंजनहारी निकल रहा हो। इस वक्त दाना या फोड़ा  लाल रंग का होगा और सख्त होगा। 

पुल्सतिल्ला (Pulsatilla) - यह दवा उस वक्त के लिए सही है जब आराम न मिले और तकलीफ काफी ज्यादा हो रही हो। ध्यान रहे इस दवा को लेते वक्त आप को बुखार न हो।

सिलिसा (Silicea) - इस दवा को डॉक्टर अपने जाँच के बाद अगर उपयुक्त पाए तो इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं 

सल्फर (Sulphur) - अगर तकलीफ बार बार हो रही हो तो यह दवा मदगार साबित हो सकती है। कुछ हद तक आराम मिलेगा। 

Note: ये होमिओ पैथी दवाएं बिना डॉक्टर के सलाह के न लें। दवाओं से सम्बंधित ये जानकारियां केवल आपके ज्ञान के लिए दी जा रही हैं। सिर्फ़ एक प्रोफ़ेस्सिओनल्ल्य क्वालिफाइड डॉक्टर ही डायग्नोसिस कर सही दवा की सलाह दे सकता है। 

 आँखों के दर्द को कम करने के उपाय - Methods to relieve eye pain in stye

  1. यह एक जिवाणु जनित रोग है इसीलिए जल्दी निजात पाने के लिए साफ सफाई का ध्यान रखिये 
  2. आँखों को दिन में बार-बार ठंडे पानी से धोते रहना चाहिए
  3. दिन में 3 से 4 बार आँखों को पानी और किसी सौम्य क्लिंजर (soft-gentle cleanser) की सहायता से साफ करें। 
  4. अंजनहारी में बेबी शैम्पू का प्रयोग आँखों और उसके आस पास किया जाना काफी आराम दायक होता है।
  5. हाथ धोये बिना या गंदे हाथों से आँखों के आस पास के हिस्से को स्पर्श ना करें इससे संक्रमण फैल सकता है 
  6. संक्रमित हिस्से को हाथों से दबाने की कोशिश ना करें 
  7. रुई के गोलों को गरम पानी में भिगो कर सिंकाई करना सबसे आसान और असरकारी उपाय है इससे दर्द और सूजन कम होता है और काफी राहत मिलता है। और तो और पलकों या आँखों के किनारों पर जो दाने होते हैं वो तेज़ी से बढ़कर पक जाते हैं

Common Terms: गुहेरी उपचार, बिलनी का उपचार, गुहेरी का टोटका, बिलनी की दवा, गुहेरी रोग, आंख पर फुंसी, आँख में फुंसी का इलाज, आंखों की पलकों की सूजन, पलक अल्सर, Guheri ka ilaaj in hindi, stye or hordeolum in eye. 

आँखों में अंजनहारी

 आँखों में अंजनहारी होने का कारण - Major causes for stye in the eye

  • आँखों में अंजनहारी निम्न कारणों की वजह से होता है -
  • आँखों की देख भाल न करना।
  • प्रति दिन स्नान न करना।
  • कहीं से आने पर हैंडवाश किये बिना आँखों को छूना।
  • धूल भरे स्थानों पर जाना।
  • अंजनहारी हुआ व्यक्ति के संपर्क में आने से। 
  • गन्दगी का आँखों में पड़ना। 
  • विटामिन ऐ और डी की कमी से यह रोग होता है।
  • पेट ना साफ होने की वजह से भी आँखों में यह परेशानी होती हैं।

You may also read:

अंजनहारी होने पर बरती जाने वाली सावधानियां

 अंजनहारी, आँखों की बिलनी का घरेलु उपचार - Home remedy for stye

अगर आपके बच्चे की आँखों में अंजनहारी हो जाये, तो आप उपर्युक्त उपाय अपना सकती हैं –

  • ग्रीष्म काल में यह रोग होने की अधिक संभावना होती है। इस लिए बच्चों के आँखों में अंजनहारी होने पर उससे सुलाते समय गुलाब जल की कुछ बूंदे उसकी आँखों में डाले।
  • त्रिफला भिगोकर उसके पानी को पिलाने से भी अंजनहारी जैसे रोग में राहत मिलती है।
  • लौंग को किसी पत्थर पर रगड़ कर उसका लेप अपने बच्चे की आँखों पर लगायें। दो दिनों में इससे आपके बच्चे की आँखों में राहत मिलेगी।
  • तुलसी की पत्ती के रस में घिसे हुआ लौंग को मिला कर अपने बच्चे की आँखों पर लगायें।
  • छुहारे की बीज को घिस कर बच्चे की आँखों पर फुंसी वाली जगह पर लगाने से राहत मिलती है।
  • लहसुन की पाँच कलियों को अंजनहारी वाली जगह पर छुआ कर, सींक पर लगा कर किसी स्थान पर खोंस दे, जैसे - जैसे लहसुन की कलियाँ सूखेगीं वैसे - वैसे आपके बच्चे की आँखों में राहत मिलती जायगी।
  • आम की डंठल को डाली से तोड़ने पर जो रस निकलता है, उस रस को फुंसी पर लगाने से वह जल्दी ही ठीक हो जाता है।
  • हर्रे को पानी में घिस कर लगाने से अंजनहारी से राहत मिलती है।
  • विटामिन ऐ और डी से भर पूर्ण आहार बच्चे को देने से इस रोग से बचा जा सकता है। 
  • अंजनहारी हुई आँखों में, दानों को गर्म पानी में कपड़ा भिगों कर उस स्थान पर सेंकना चाहिये, जिससे दाने आसानी से फूट जायें। फूट ने पर रुई द्वारा घाव को साफ कर देना चाहिये।
  • अंजनहारी होने पर बच्चे को काला चश्मा पहना दें, जिससे वह धूल आदि से बच सके।
  • नीम की पत्ती को पानी में उबाल कर उससे ठंडा करें, तब उस पानी से अपनी बच्चे की आँखों को दिन में दो बार धुलें।
  • चन्दन के चूर्ण को काली केसर में मिला कर उसका लेप दाने पर लगाने से भी आराम मिलता है।

अंजनहारी गुहेरी या बिलनी

 अंजनहारी में सावधानियां  - Precautions to take during stye

अगर आपके बच्चे की आँखों में अंजनहारी हो जाये, तो आप उपर्युक्त उपाय अपना सकती हैं –

  • अगर आपके बच्चे की आँखों में अंजनहारी की परेशानी आती है तो, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा -
  • बच्चे का टॉवल, रुमाल तथा अन्य वस्त्र आदि दूसरे लोगों को इस्तेमाल ना करने दे।
  • अपने बच्चे द्वारा आँखों को रगड़ने ना दे।
  • संक्रमित आँखों पर काजल न लगाएं।
  • अपने बच्चे को भर पूर्ण आराम दे।
  • कंप्यूटर, मोबाइल आदि से अपने बच्चे को दूर रखें।
  • मीठे फल और गरम तासीर की वस्तु खाने को न दे।

उपर्युक्त सावधानियां रख कर इस बीमारी से अपने बच्चे को आप बचा सकती हैं। अधिक परेशानी आने पर आँख के डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। 

Suggested reading:

अंजनहारी के लिए उपचार

 Video: अंजनहारी का घरेलू इलाज  - Homemade Remedies to Cure Eye Sty

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

बच्चों-में-अण्डे-एलर्जी
बच्चों-का-गर्मी-से-बचाव
दस्त-में-शिशु-आहार
बच्चे-को-दूध-से-एलर्जी
बच्चों-में-टाइफाइड
टीकाकरण-चार्ट-2018

Most Read

Other Articles

बच्चों में नई और बेहतर स्टडी हैबिट्स का विकास करें
स्टडी-हैबिट्स स्कूल शुरू हो गया है। अपको अपने बच्चे को पिछले साल से और अच्छा करने के लए प्रेरित करना है। आदतें ही हमें बनाती या बिगाडती हैं। अच्छी आदतें हमें बढ़िया अनुशासन और सफलता की ओर ले जातीं हैं। बच्चे बड़े होकर भी अच्छा कर सकें, इसलिए उन्हें बचपन से ही सही गुणों से अनुकूलित होना ज़रूरी है
Read More...

कहीं रोटी और पराठे से शिशु बीमार तो नहीं पड़ रहा है?
पराठे-से-शिशु-बीमार-ग्लूटेन-एलर्जी घरों में इस्तेमाल होने वाले गेहूं से भी बच्चे बीमार पड़ सकते हैं! उसकी वजह है गेहूं में मिलने वाला एक विशेष प्रकार का प्रोटीन जिसे ग्लूटेन कहते हैं। इसी प्रोटीन की मौजूदगी की वजह से गेहूं रबर या प्लास्टिक की तरह लचीला बनता है। ग्लूटेन प्रोटीन प्राकृतिक रूप से सभी नस्ल के गेहूं में मिलता है। कुछ लोगों का पाचन तंत्र गेहुम में मिलने वाले ग्लूटेन को पचा नहीं पता है और इस वजह से उन्हें ग्लूटेन एलर्जी का सामना करना पड़ता है। अगर आप के शिशु को ग्लूटेन एलर्जी है तो आप उसे रोटी और पराठे तथा गेहूं से बन्ने वाले आहारों को कुछ महीनो के लिए उसे देना बंद कर दें। समय के साथ जैसे जैसे बच्चे का पाचन तंत्र विकसित होगा, उसे गेहूं से बने आहार को पचाने में कोई समस्या नहीं होगी।
Read More...

महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या - कारण, लक्षण और इलाज
गर्भधारण-कारण,-लक्षण-और-इलाज महिलाओं में गर्भधारण न कर पाने की समस्या बहुत से कारणों से हो सकती है। अगर आप आने वाले दिनों में प्रेगनेंसी प्लान कर रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कुछ बातें जिनका आपको खास ध्यान रखने की जरूरत है। लाइफस्टाइल के अलावा और भी कुछ कारण है जिनकी वजह से बहुत सारी महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती हैं।
Read More...

5 विटामिन जो बढ़ाये बच्चों की लम्बाई
विटामिन-बच्चों-की-लम्बाई-के-लिए ये पांच विटामिन आप के बच्चे की लंबाई को बढ़ने में मदद करेगी। बच्चों की लंबाई को लेकर बहुत से मां-बाप परेशान रहते हैं। हर कोई यही चाहता है कि उसके बच्चे की लंबाई अन्य बच्चों के बराबर हो या थोड़ा ज्यादा हो। अगर शिशु को सही आहार प्राप्त हो जिससे उसे सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल सके जो उसके शारीरिक विकास में सहायक हों तो उसकी लंबाई सही तरह से बढ़ेगी।
Read More...

नार्मल डिलीवरी के बाद बार-बार यूरिन पास की समस्या
नार्मल-डिलीवरी-के-बाद-बार-बार-यूरिन-पास-की-समस्या मां बनने के बाद महिलाओं के शरीर में अनेक प्रकार के बदलाव आते हैं। यह अधिकांश बदलाव शरीर में हो रहे हार्मोनअल (hormonal) परिवर्तन की वजह से होते हैं। और अगले कुछ दिनों में जब फिर से शरीर में हार्मोन का स्तर सामान्य हो जाता है तो यह समस्याएं भी खत्म होनी शुरू हो जाती है। इनमें से कुछ समस्याएं ऐसी हैं जो एक मां को अक्सर बहुत परेशान कर देती है। इन्हीं में से एक बदलाव है बार बार यूरिन होना। अगर आपने कुछ दिनों पहले अपने शिशु को जन्म दिया है तो हो सकता है आप भी बार-बार पेशाब आने की समस्या से पीड़ित हो।
Read More...

सिजेरियन और नॉर्मल डिलीवरी की फीस
बालों-का-झाड़ना नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएचएफएस) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में सिजेरियन डिलीवरी के माध्यम से शिशु के जन्म वृद्धि दर में दोगुने का इजाफा हुआ है। सिजेरियन डिलीवरी में इस प्रकार की दोगुनी वृद्धि काफी चौंका देने वाली है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी वजह सिजेरियन डिलीवरी के जरिए अस्पतालों की मोटी कमाई है।
Read More...

नवजात शिशु का Infant Growth Percentile Chart - Calculator
नवजात-शिशु-का-Infant-Growth-Percentile-Calculator यहां दिए गए नवजात शिशु का Infant Growth Percentile कैलकुलेटर की मदद से आप शिशु का परसेंटाइल आसानी से calculate कर सकती हैं।
Read More...

13 जुकाम के घरेलू उपाय (बंद नाक) - डॉक्टर की सलाह
बंद-नाक जुकाम के घरेलू उपाय जिनकी सहायता से आप अपने छोटे से बच्चे को बंद नाक की समस्या से छुटकारा दिला सकती हैं। शिशु का नाक बंद (nasal congestion) तब होता है जब नाक के छेद में मौजूद रक्त वाहिका और ऊतक में बहुत ज्यादा तरल इकट्ठा हो जाता है। बच्चों में बंद नाक की समस्या को बिना दावा के ठीक किया जा सकता है।
Read More...

बच्चों के डॉक्टर से मिलने से पहले इन प्रश्नों की सूचि तयार कर लें
शिशु-सवाल दैनिक जीवन में बच्चे की देखभाल करते वक्त बहुत से सवाल होंगे जो आप के मन में आएंगे - और आप उनका सही समाधान जाना चाहेंगी। अगर आप डॉक्टर से मिलने से पहले उन सवालों की सूचि त्यार कर लें जिन्हे आप पूछना चाहती हैं तो आप डॉक्टर से अपनी मुलाकात का पूरा फायदा उठा सकती हैं।
Read More...

बच्चों को सिखाएं गुरु का आदर करना
teachers-day शिक्षक वर्तमान शिक्षा प्रणाली का आधार स्तम्भ माना जाता है। शिक्षक ही एक अबोध तथा बाल - सुलभ मन मस्तिष्क को उच्च शिक्षा व आचरण द्वारा श्रेष्ठ, प्रबुद्ध व आदर्श व्यक्तित्व प्रदान करते हैं। प्राचीन काल में शिक्षा के माध्यम आश्रम व गुरुकुल हुआ करते थे। वहां गुरु जन बच्चों के आदर्श चरित के निर्माण में सहायता करते थे।
Read More...

बच्चों को बुखार व तेज दर्द होने पे क्या करें?
डिस्टे्रक्टर अगर आप के बच्चे को बुखार है और बुखार में तेज़ दर्द भी हो रहा है तो तुरंत अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाएँ। बुखार में तेज़ दर्द में अगर समय रहते सही इलाज होने पे बच्चा पूरी तरह ठीक हो सकता है। मगर सही इलाज के आभाव में बच्चे की हड्डियां तक विकृत हो सकती हैं।
Read More...

बच्चे के पीठ दर्द को नजर-अंदाज न करें
बच्चे-के-पीठ-दर्द पीट दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए| आज के दौर में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चों को भी पीठ दर्द का सामना करना पद रहा है| नाजुक सी नन्ही उम्र से ही बच्चों को अपने वजन से ज्यादा भारी बैग उठा के स्कूल जाना पड़ता है|
Read More...

बच्चों में अंगूर के स्वास्थ्य लाभ
अंगूर-के-फायेदे अंगूर में घनिष्ट मात्र में पाशक तत्त्व होते हैं जो बढते बच्चों के शारीरक और बौद्धिक विकास के लिए जरुरी है। अंगूर उन कुछ फलों में से एक हैं जो बहुत आसानी से बच्चों को digest हो जाते हैं। जब आपका बच्चा अपच से पीड़ित है तो अंगूर एक उपयुक्त फल है। बच्चे को अंगूर खिलाने से उसके पेट की acidity कम होती है। शिशु आहार baby food
Read More...

मसूर दाल की खिचड़ी बनाने की विधि - शिशु आहार
मसूर-दाल मसूर दाल की खिचड़ी एक अच्छा शिशु आहार है (baby food)| बच्चे के अच्छे विकास के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरतों की पूर्ति होती है। मसूर दाल की खिचड़ी को बनाने के लिए पहले से कोई विशेष तयारी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जब भी आप के बच्चे को भूख लगे आप झट से 10 मिनट में इसे त्यार कर सकते हैं।
Read More...

2 साल के बच्चे का मांसाहारी food chart और Recipe
मांसाहारी-baby-food-chart दो साल के बच्चे के लिए मांसाहारी आहार सारणी (non-vegetarian Indian food chart) जिसे आप आसानी से घर पर बना सकती हैं। अगर आप सोच रहे हैं की दो साल के बच्चे को baby food में क्या non-vegetarian Indian food, तो समझिये की यह लेख आप के लिए ही है।
Read More...

6 माह से पहले ठोस आहार है बच्चे के लिए हानिकारक
6-माह-से-पहले-ठोस-आहार समय से पहले बच्चों में ठोस आहार की शुरुआत करने के फायदे तो कुछ नहीं हैं मगर नुकसान बहुत हैं| बच्चों के एलर्जी सम्बन्धी अधिकांश समस्याओं के पीछे यही वजह हैं| 6 महीने से पहले बच्चे की पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होती है|
Read More...

बच्चों का लम्बाई बढ़ाने का आसान घरेलु उपाय
बच्चों-का-लम्बाई अगर आप यह चाहते है की आप का बच्चा भी बड़ा होकर एक आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी बने तो इसके लिए आपको अपने बच्चे के खान - पान और रहन - सहन का ध्यान रखना होगा।
Read More...

गर्मियों में नवजात बच्चे की देख रेख
गर्मियों-में-नवजात गर्मियों में नाजुक सी जान का ख्याल रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मगर थोड़ी से समझ बुझ से काम लें तो आप अपने नवजात शिशु को गर्मियों के मौसम में स्वस्थ और खुशमिजाज रख पाएंगी।
Read More...

6 आसान तरीके बच्चों की लम्बाई बढ़ाने के
बच्चों-की-लम्बाई शोध (research studies) में यह पाया गया है की जेनेटिक्स सिर्फ एक करक, इसके आलावा और बहुत से करक हैं जो बढ़ते बच्चों के लम्बाई को प्रभावित करते हैं। जानिए 6 आसान तरीके जिनके द्वारा आप अपने बच्चे को अच्छी लम्बी पाने में मदद कर सकते हैं।
Read More...

टाइफाइड वैक्सीन - प्रयोग विधि एवं सावधानियां
टाइफाइड-वैक्सीन टाइफाइड वैक्सीन का वैक्सीन आप के शिशु को टाइफाइड के बीमारी से बचता है। टाइफाइड का वैक्सीन मुख्यता दो तरह से उपलबध है। पहला है Ty21a - यह लाइव वैक्सीन जिसे मुख के रस्ते दिया जाता है। दूसरा है Vi capsular polysaccharide vaccine - इसे इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता है। टाइफाइड वैक्सीन का वैक्सीन पहले दो सालों में 30 से 70 प्रतिशत तक कारगर है।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com