Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺2 min read
बच्चों के लिए आवश्यक विटामिन सी की मात्रा बड़ों जितनी नहीं होती है। दो और तीन साल की उम्र के बच्चों को एक दिन में 15 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। चार से आठ साल के बच्चों को दिन में 25 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है और 9 से 13 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रति दिन 45 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है।
विटामिन सी एक सुपर पावर विटामिन है जो शिशु के स्वास्थ्य में सुधार के साथ साथ, सर्दी को रोकने और बच्चों के ज़िंदगी को और सुरक्षित बनाने कारगर है। बच्चों को आम तौर पर उनके दैनिक आहार से पर्याप्त विटामिन सी मिल जाता है। बच्चों के लिए सही मात्रा में विटामिन सी लेने के लिए यह आवश्यक है क्योंकि यह शिशु के बढ़ते शरीर को स्वस्थ रखेगा।
बच्चों के लिए आवश्यक विटामिन सी की मात्रा बड़ों जितनी नहीं होती है। दो और तीन साल की उम्र के बच्चों को एक दिन में 15 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। चार से आठ साल के बच्चों को दिन में 25 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है और 9 से 13 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रति दिन 45 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है।
विटामिन सी से शिशु के शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं जो बढ़ते बच्चों के लिए महत्वपूर्ण हैं। विटामिन सी शरीर को free radicals से बचाता है। इससे आपके बच्चों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। विटामिन C शिशु के शरीर में लोहे (आयरन) के अवशोषण के सहायता करता है, जो बच्चों को ताकत प्रदान करता है और शरीर में खून के कमी को पूरा करता है।
कई ऐसे आहार हैं जिनमे विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है जैसे की फल। बच्चे प्रायः फलों का जूस पसंद करते हैं। फलों के जूस में विटामिन C की concentrated मात्रा होती है। स्ट्रॉबेरी, नारंगी, अंगूर, ब्लूबेरी, गाजर, टमाटर, ब्रोकोली, रास्पबेरी और कैंटोलॉप्स में अच्छी मात्रा में विटामिन सी होती हैं। इन फलों से बने आहार से आप अपने शिशु को उसके प्रतिदिन के जरुरत के अनुसार विटामिन C प्रदान कर पाएंगे।
बच्चों में विटामिन सी की कमी उनके विकास के दर को प्रभावित कर सकती है। विटामिन सी की कमी से स्कुर्व (scurvy) रोग होने का खतरा रहता है। जो भारत की जनसंख्या में दुर्लभ है। विटामिन C की कमी से घाव देर से भरते हैं। इसकी कमी से रोग प्रतिरोधक छमता में भी कमी आती है। जिसके परिणामस्वरूप लगातार सर्दी और अन्य संक्रमण हो सकते हैं। कुछ मामलों में, विटामिन C की कमी से बच्चों थकान लग सकता है।
शिशु आहार में कुछ भी बदलाव करने से पहले अपने बच्चे के डॉक्टर से अवशय परामर्श करें। अगर आप अपने बच्चे को पौष्टिक आहार दे रही हैं तो आप के बच्चे को उसके आहार से ही उसके दैनिक जरुरत का विटामिन C उसको मिल जाता है। आप को अलग से अपने बच्चे को विटामिन C देने की आवश्यकता नहीं है।
कुछ मामलों में बच्चों के शरीर में विटामिन C की कमी हो सकती है। ऐसी स्थिति में आप अपने डॉक्टर के परामर्श के अनुसार अपने बच्चे को विटामिन C के supplements दे सकती हैं। बच्चों को विटामिन C की अत्यधिक मात्रा नहीं देनी चाहिए।
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।