Category: टीकाकरण (vaccination)
By: Salan Khalkho | ☺29 min read
भारत सरकार टीकाकरण अभियान के अंतर्गत मुख्या और अनिवार्य टीकाकरण सूची / newborn baby vaccination chart 2022-23 - कौन सा टीका क्यों, कब और कितनी बार बच्चे को लगवाना चाहिए - पूरी जानकारी। टीकाकरण न केवल आप के बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाता है वरन बिमारियों को दूसरे बच्चों में फ़ैलाने से भी रोकते हैं।
गर्भधारण करने से पहले का टिका - गर्भधारण करने वाली महिला के लिए | |
TT-1 | गर्भधारण करने से पहले |
TT-2 | TT-1 के चार सप्तहा बाद |
TT-Booster डोज़ | 3 साल के भीतर, TT-1 के 2 डोज़ लगने के बाद |
नवजात शिशु का टिका | |
BCG | जन्म के तुरंत बाद, या जितनी जल्दी हो सके यह टिका शिशु को लगवाएं |
Hepatitis-B जन्म होते ही | शिशु के जन्म के 24 घंटे के भीतर Hepatitis-B का तयीका शिशु को लगवाएं |
OPV-0 | शिशु के जन्म के 15 दिनों के भीतर OPV-0 का टिका नवजात शिशु को लगवाएं |
OPV 1,2,3 | नवजात शिशु जब 6 सप्ताह का होता है नवजात शिशु जब 10 सप्ताह का होता है नवजात शिशु जब 14 सप्ताह का होता है OPV का टिका आप अपने शिशु को अगले 5 साल के भीतर कभी भी दिलवा सकते हैं। |
Pentavalent 1,2,3 | नवजात शिशु जब 6 सप्ताह का होता है नवजात शिशु जब 10 सप्ताह का होता है नवजात शिशु जब 14 सप्ताह का होता है Pentavalent का टिका आप अपने शिशु को अगले 1 साल के भीतर कभी भी दिलवा सकते हैं। |
Rotavirus# | नवजात शिशु जब 6 सप्ताह का होता है नवजात शिशु जब 10 सप्ताह का होता है नवजात शिशु जब 14 सप्ताह का होता है Rotavirus का टिका आप अपने शिशु को अगले 1 साल के भीतर कभी भी दिलवा सकते हैं। |
IPV | IPV का टिका दो टुकड़ों में - जब शिशु 6 सप्ताह का और 14 सप्ताह का होता है |
Measles/MR 1st Dose | शिशु के 9 महीने पूर्ण करने पर, तथा 12 महीने से पहले। इसे शिशु को 5 साल तक की उम्र तक कभी भी दिलवा सकते हैं |
JE-1 | शिशु के 9 महीने पूर्ण करने पर, तथा 12 महीने से पहले। |
Vitamin A (1st Dose) | शिशु के 9 महीने पूर्ण करने पर, Measles-रूबेला के ठीके के साथ। |
बच्चों का टिका | |
DPT Booster-1 | 16-24 महीने पूर्ण होने पे |
Measles/MR2nd dose | 16-24 महीने पूर्ण होने पे |
OPV Booster | 16-24 महीने पूर्ण होने पे |
JE-2 | 16-24 महीने पूर्ण होने पे |
Vitamin A (2nd-to-9th dose) | 16-18 महीने पूर्ण होने पे - इसके बाद 1 डोज़ हर 6 महीने पर - जब तक शिशु 5 साल का न हो जाये |
DPT Booster-2 | 5-6 साल की उम्र में |
TT | शिशु के 10 साल पूर्णहोने पे तथा शिशु जब 16 साल का होता है |
भारत में हर साल करीब 17,00,000 बच्चे विभिन प्रकार के बीमारियों के कारण मर जाते हैं। बच्चों का टीकाकरण ( टीकाकरण चार्ट 2022-23) एक सरल उपाय है बच्चों को बहुत सी खतरनाक बीमारियों से बचाने का। सभी बच्चों को अच्छी सेहत का अधिकार है। आप अपने बच्चों को अच्छी सेहत दे सकती हैं टीकाकरण चार्ट 2022 - 2023 (Immunization schedule in India 2022 - 2023) को पढ़ कर और उनके अनुसार बच्चों को टिक लगा कर। शिशु टीकाकरण चार्ट जानना सभी माता-पिता के लिए जरूरी है।
जन्म के समय बच्चे कमजोर होते हैं। उनमे रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक छमता नहीं होती है। इसीलिए बच्चों का टीकाकरण जरुरी होता है। टीकाकरण से बच्चों के शारीर में antibodies बनते हैं जो बच्चे के शारीर को बिमारियौं से लड़ने के लिए तयार करते हैं। देखें - टीकाकरण चार्ट 2022।
हर माँ-बाप अपने बच्चे की अच्छी देखभाल मैं कोई कसार नहीं छोड़ते हैं। मगर अच्छी देखभाल करने के लिए जानकारी भी तो होना जरुरी है। इसीलिए माँ-बाप को बच्चों से सम्बंधित हर जानकारी से वाकिफ होना चाहिए। Kidhealthcenter.com मैं हमारी यही कोशिश रहती है की हम माँ-बाप को बच्चों से सम्बंधित हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करा सकें जिससे की वे अपने बच्चों का अच्छा ख्याल रख सकें। जानकारी होने पे बच्चे की बीमारी में माँ-बाप सही देख-रेख करने मैं सक्षम होते हैं।
जब बच्चे का जन्म होता है तो बहुत से antibodies (बीमारियोँ से लड़ने की शक्ति) बच्चे को उसकी माँ से विरासत में मिलती है। यह एंटीबाडी बच्चे के शरीर में umbilical cord के द्वारा पहुँचती है। कुछ antibodies बच्चे को माँ से स्तनपान के जरिये मिलती रहती है। मगर यह antibodies बच्चे मैं बहुत देर तक infection से नहीं लड़ सकती है।
Infection से लड़ने के लिए बच्चे के शरीर को खुद सक्षम बनना होगा। विभिन प्रकार के टिके जो बच्चे को लगाए जाते हैं उन्ही के द्वारा बच्चे का शरीर अनेक प्रकार के बीमारियोँ से लड़ने में और उन बीमारियोँ से बच्चे को बचने में माहिर बनता है। इन टीकों के मदद से बच्चे का शरीर जिंदगी भर बीमारियोँ से लड़ने में सक्षम बनता है। यूँ कहें की ये टिके ही बच्चे को सारी उम्र बीमारी से बचाते हैं।
टिके बच्चों के लिए जीवन रक्षक हैं मगर माँ-बाप को बच्चों के टिके के बारे मैं सही जानकारी होना अतिआवश्यक है। भारत (India) मैं पिछले कुछ दशक में कई प्रकार के जानलेवा बीमारियोँ का उन्मूलन किया जा चूका है। यह सिर्फ सरकार की दूरदर्शिता और लोगों के बीच जागरूकता के कारण हो सका है। इस लेख में आप जानेंगे कुछ बेहद जरुरी टिके (new born baby vaccination) के बारे में।
बीसीजी का टीका (B.C.G. vaccination)
यह टीका बच्चे को पैदा होते ही लगाया जाता है और यह टीका अंतर्त्वचीय इंजेक्शन के रूप में लगाया जाता है। बीसीजी का टीका बच्चे को टीबी से बचाता है।
डीपीटी का टीका (D.P.T. vaccination)
डीपीटी का टीका बच्चे को डिफ्थीरिया, परट्यूसिस और टिटनेस जैसे गंभीर जानलेवा बीमारियोँ से बचाता है। डिफ्थीरिया एक ऐसे बीमारी है जिसकी शुरुआत तो गले के खराश से होती है मगर समय के साथ ये आगे चलकर जीवन के कई जटिलताओं को बढ़ा देता है। परट्यूसिस को आम भाषा मैं काली खासी। यह फेपड़ों के infection से सम्बंधित बीमारी है। टिटनेस की वजह से घाव जल्दी नहीं भरते। डीपीटी का टीका इन सभी बीमारियोँ से बचाता है और इसे भी अंतर्त्वचीय इंजेक्शन की तरह लगाया जाता है। डीपीटी का टीका (D.P.T. vaccination) के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
खसरे का टीका
खसरे का टिके एक प्रकार के संक्रामक वायरल से बचाता है। इस बीमारी मैं शिशु को शरीर पे छोटे दाने निकल आते हैं और बुखार भी चढ़ जाता है। जब बच्चा 9 months का हो जाता है तब बच्चे को खसरे का टीका दिया जाता है। खसरे का टीका के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
हेपेटाइटिस बी का टीका
हेपेटाइटिस बी एक बेहद भयंकर बीमारी है जो की jaundice की बीमारी से भी खतरनाक है। हेपेटाइटिस बी का टीका बच्चों की जॉन्डिस और हेपेटाइटिस बी की बीमारी से रक्षा करता है। हेपेटाइटिस एक प्रकार का संक्रामक वायरल है जो लिवर को बुरी तारक छतीग्रस्त कर देता है। हेपेटाइटिस बी का टीका शिशु को अलग अलग समय पर तीन शॉट्स की series में दिया जाता है। हेपेटाइटिस बी का टीका के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
चिकनपॉक्स का टीका (chickenpox vaccination)
यह टीका बच्चों को चिकनपॉक्स के वायरल संक्रमण से बचाता है। इस टिके को शिशु को दो dose में दिया जाता है। पहला dose बच्चे को 12-से-15 महीने के दौरान दिया जाता है। और दूसरा dose बच्चे को 4-से-5 साल के बीच दिया जाता है। चिकनपॉक्स का टीका (chickenpox vaccination) के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
ऍमऍमआर का टीका (MMR vaccination)
ऍमऍमआर का टीका शिशु को खसरा, टोंसिल्स और रूबेला से बचाने के लिए दिया जाता है। ऍमऍमआर का टीका (MMR vaccination) के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
इन्फ्लुएंजा का टीका
इन्फ्लुएंजा साँस की बीमारी है जो श्वसन प्रणाली को छति पहुँचता हैं। इस बीमारी मैं बच्चे को साँस लेने मैं काफी तकलीफ होती है। यह टीका जब बच्चा 6 महीना का होता है तब उसे दिया जाता है। इन्फ्लुएंजा का टीका के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें। इन्फ्लुएंजा का टीका के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
रोटा वायरस का टीका
रोटा वारस की वजह से शिशु को आंत्रशोथ और दस्त हो सकता है। यह टीका शिशु को आंत्रशोथ और दस्त से बचाता है। रोटा वायरस का टीका के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
HIB का टीका - हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी (HIB) वैक्सीन
मस्तिष्कावरण शोथ की वजह से शिशु के brain और spinal cord को नुकसान पहुँचता है। हिब का टीका बच्चे को मस्तिष्कावरण शोथ से बचाता है। इस टिके की dose बच्चे को चार श्रृंखला में दी जाती है। पहले दो टिके, पहले दो महीने मैं और दूसरे दो टिके 12 month पे दिए जाते हैं। HIB का टीका के बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें।
ऊपर दी गयी सारी बीमारी बहुत खतरनाक है। अगर बच्चों को ये महत्वपूर्ण टीके समय पे लगाए गए तो बच्चों को इन जानलेवा बीमारियोँ से बचाया जा सकता है और बच्चों को जिंदगी भर इन बीमारियोँ से दूर रखा जा सकता है। बच्चो को समय पे टीके लगवाने के लिए अपने बच्चे के डॉक्टर से संपर्क करें और उससे टीके के schedule को प्राप्त करें।
जब माता पिता टीकाकरण का महत्व जानते हैं और टीकाकरण अभियान का लाभ उठा कर आपने बच्चों को टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण चार्ट 2022 (Vaccination chart and scheduler for Indian babies) के अनुसार आपने बच्चों को टीका लगवाते हैं तो बच्चे तंदरुस्त होते हैं और नानां प्रकार के बीमारियों से बचे रहते हैं।
टीकाकरण के बाद अगर आप निचे दिए गए लक्षण आपने बच्चों में देखें तो बिना समय गवांयें तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें। If you are wondering what precautions to take after baby is vaccinated, here is what you need to keep in your mind.
टीका लगाने के बाद बच्चे में हल्के-फुल्के लक्षण जैसे: हल्का बुखार, दर्द, सूजन इत्यादि नज़र आ सकते हैं। यह आम बात है और चिंता की कोई बात नहीं। परंतु अगर बच्चे का रोना न रुके। बच्चा लगातार रोये और काफी देर बाद तक भी आराम न मिले तो डॉक्टर को संपर्क करें। अगर भुखार तेज़ हो, दर्द और सूजन बहूत ज्यादा नजर आये तो डॉक्टर को तुरंत संपर्क करें।
डीपीटी का इंजेक्शन (डी पी टी का टीका) के बाद बच्चों में इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन और लाली हियो सकती है। उस जगह पर गांठ भी बन सकता है जो कुछ सप्ताह बाद अपने आप ही ख़तम हो जायेगा। इसमें कोई चिंता की बात नहीं। दर्द और भुखार कम करने के लिए डॉक्टर पैरासेटेमोल पिलाने के लिए दे सकते हैं। जरुरत पड़ने पर डॉक्टर 4 से 6 घंटे के बाद शिशु को फिर से इंजेक्शन लगा सकते हैं।
एमएमआर के टिके के लगभग 4 से 10 दिनों के बाद, बच्चे को बुखार हो सकते है। यह आम बात है और चिंता की कोई बात नहीं।
टीका बच्चों में बीमारी होने की सम्भावना को कम करता है। परंतु यह जरुरी नहीं की टीकाकरण के बाद बच्चा बीमार ही न पड़े।
टीकाकरण चार्ट 2022 - 2023 (टीकाकरण सूची / newborn baby vaccination chart) आपको यह बताएगा की कौन सा टीका क्यों, कब, कहां और कितनी बार आप को अप्पने बच्चे को लगवाना चाहिए। टीकाकरण न केवल आप के बच्चों को गंभीर बीमारी से बचत है वरन बिमारियों को दूसरे बच्चों में फ़ैलाने से भी रोकते हैं। टीके बच्चे के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मज़बूत बनाते हैं और उन्हें तरह तरह के जीवाणु तथा विषाणुओं से लड़ने की छमता प्रदान करता हैं WHO recommendations for routine immunization of your child.
आपको यह भी जानने की जरुरत है कि बीमार बच्चे या अक्षम या कुपोषण से पीड़ित बच्चों को भी टीका लगवाना सुरक्षित होता है। टीकाकरण का महत्व बहूत है और इसे सभी माँ बाप को जाने की जरुरत है। सिर्फ बच्चों का टीकाकरण ही नहीं जरुरी है, बल्कि एक गर्भवती महिला को भी अपने शिशु को टिटनेस से बचाने के लिए टीका लगवाने की जरूरत होती है।
बच्चों के सुरुआति पहले वर्षों में लगातार ठीके लगवाने की जरुरत पड़ती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बच्चों में 50 प्रतिशत मौतें कुकर खांसी से, 30 प्रतिशत मौतें पोलियो से और करीब 20 प्रतिशत मौतें खसरे से होते हैं।
टीकाकरण अभियान इस लिए महत्वपूर्ण है (importance of infant and toddler vaccine schedule) क्योँकी यह कई प्रकार की बीमारियों से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करती है। जिन बच्चों की टीकाकरण नहीं हुआ है वे बच्चे अत्यधिक बीमार या फिर आगे चल के कमजोर हो सकते हैं। ऐसा इस लिए क्योँकि उन में बहूत से आम परंतु खतरनाक बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक छमता विकसित नहीं हुई है। ऐसे बच्चे स्थायी रूप से अक्षम या कुपोषित सकते है। बहूत से बच्चे मर भी सकते हैं।
टीकाकरण तालिका 2022 - 2023 अनुपालन कर आप अपने बच्चे को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। टीका बहूत से ऐसे बीमारियों से बच्चों को बचत है जिन से ग्रसित होने पर बच्चे कमजोर हो जाते हैं और वे अच्छी तरह डेवेलप नहीं कर पाते या स्थायी रूप से अक्षम हो जाते हैं।
बच्चों को हमेशा किसी भी ठीके का पुरे कोर्स दे। उसे बीच में बंद न करें। ऐसा करने से टीका काम करना बांड कर देता है। बाद में टीका देने का भी कोई असर नहीं होता है क्योँकि बीमारी के कीटाणु टीका के प्रति प्रतिरोध डेवेलप कर लेते हैं, जोकि काफी नुक्सान देह और हानिकारक है।
अगर पहले वर्ष में किसी कारण से बच्चे को कोई टीका नहीं मिला है तो जितनी जल्द से जल्द हो सके उसे टीका लगवाने का इंतेजाम करना चाहिए। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवसों और टीकाकरण कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठा कर टीकाकरण करवाएं।
कुछ बिमारियों के लिए पूरक टीके की खुराक जिसे 'बुस्टर शॉट्स' कहते हैं उपलब्ध है। यह साधारण ठीके से ज्यादा कारगर है और अधिक प्रभावी भी होती है।
टीकाकरण आधुनिक समाज के लिए किसी वरदान से कम नहीं। पिछले ५० वर्षों में टीकाकरण ने जितनी जाने बचायी हैं उतनी शायद ही किसी दवा ने बचायी है। टीकाकरण का इतिहास बड़ा ही रोचक रहा है।
List of vaccines for children by age with their diseases description
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार अथक परिश्रम कर रही है की देश में प्रतियेक बच्चा हो मुख्या बीमारियोँ के प्रति सुरक्षित। लेकिन आपको सुन कर ताजुब होगा की हल ही मैं National Health Mission (NHM) द्वारा जारी रिपोर्ट में पाया गया की हरयाणा के ६ ऐसे जिले हैं जहाँ immunization की दर ५१% से भी कम है।
भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना mission इंद्रधनुष के अंतर्गत 90% immunization का लक्ष्य रखा गया है। श्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस कोशिश में है की इस लक्ष्य को December 2022 तक पूर्ण कर लिया जाये। यह निर्णय 2022 में होने वाले election के मध्य नजर लिया गया है ताकि सरकार Pro-Active Governance And Timely Implementation का उदहारण दे सके।
भारत सरकार ने अभी तक तीन चरण पूर्ण कर लिए हैं। Mission Indradhanush के अंतर्गत 2.1 करोड़ बच्चों के के मुफ्त टीकाकरण का लक्ष्य है। इस टीकाकरण के जरिये बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियोँ से बचाया जा सकेगा।
भारत में बच्चों का मृत्यु दर दूसरे देशों से ज्यादा है क्यूंकि यहां कई जानलेवा बीमारियां हैं जैसे की diphtheria, pertusis, tetanus, poliomyelitis, tuberculosis, measles, hepatitis B, meningitis and निमोनिया.
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